झारखंड के हजारों पारा शिक्षकों ने एक बार फिर आंदोलन का रुख अख्तियार किया है। सेवा स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर पारा शिक्षकों ने सोमवार को चरणबद्ध तरीके से विधानसभा घेराव का कार्यक्रम शुरू किया। पारा शिक्षकों का यह घेराव कार्यक्रम चार दिनों तक चलेगा। दूसरी तरफ पारा शिक्षकों के आंदोलन को लेकर सरकार ने सख्त आदेश जारी करते हुए स्कूलों से गैर हाजिर रहने पर 'नो वर्क नो पे' लागू कर दिया गया है।
सरकार ने दी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी
सरकार की ओर से आंदोलन में शरीक होने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी गयी है। राज्य के शिक्षा परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर कहा है कि कोरोना संकट के कारण लंबी अवधि के बाद स्कूल खुलें हैं, तब पढ़ाई सुनिश्चित करने के बजाए आंदोलन करना उचित प्रतीत नहीं होता।
सरकार की सख्ती का विरोध करेंगे पारा शिक्षक: बिनोद बिहारी महतो
इधर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो ने बयान जारी कर कहा है कि आंदोलन को लेकर सरकार की सख्ती का वे विरोध करेंगे। शिक्षक नेताओं ने कहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार वादे निभाये. रघुवर दास सरकार की तरह आंदोलन को रोकने की कोशिशें सफल नहीं हो सकती।
इन दिन यहां होगा घेराव
विधानसभा घेराव के लिए पारा शिक्षकों ने चरणबद्ध कार्यक्रम तहत सोमवार को गिरिडीह, रामगढ़, देवघर, जमशेदपुर के शिक्षक रांची पहुंचे, जबकि कल 16 मार्च को चतरा, सिमडेगा, गढ़वा, गोड्डा और चाईबासा के शिक्षक घेराव कार्यक्रम में शामिल होंगे। 17 मार्च को हजारीबाग, लातेहार, पाकुड़, रांची और खूंटी के पारा शिक्षक विधानसभा का घेराव करने रांची आएंगे। 18 मार्च को पलामू, धनबाद, कोडरमा, सरायकेला और 19 मार्च को गुमला, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज तथा बोकारो के पारा शिक्षक रांची पहुंचेंगे। इस बीच पारा शिक्षकों के आंदोलन के मद्देनजर विधानसभा के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
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