राँची 16 जनवरी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि उनकी सरकार राज्य के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है। श्री दास ने यहां राज्य स्तरीय गुणवत्ता शिक्षा कार्यक्रम ज्ञानोदय को संबोधित करते हुए कहा , “ हमें आने वाले दो-तीन सालों में झारखंड को शिक्षित प्रदेश बनाना है।
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी सरकारी स्कूल के शिक्षकों को अगले वित्तीय वर्ष में टैबलेट दिया जायेगा। साथ ही उन्हें ई-विद्या वाहिनी सॉफ्टवेयर से भी जोड़ा जायेगा। शिक्षकों एवं छात्रों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ समझौता (एम0ओ0यू) भी किया गया है। ” मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर में तकनीक का स्थान महत्वपूर्ण है। बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में किसी प्रकार की शिथिलता एवं कोताही नहीं बर्दाश्त की जाएगी। विद्यालयों की आधारभूत संरचना में सुधार किया जा रहा है। साथ ही विद्यालयों में सभी सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है।
श्री दास ने कहा कि समृद्ध होने के बावजूद भी झारखंड की गोद में गरीबी पल रही है। राज्य से गरीबी को समाप्त करने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सभी अधिकारियों, शिक्षकों की जिम्मेवारी है कि देश के भविष्य और सबसे कीमती संसाधन, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जो लोग बच्चों को शिक्षित करने में लापरवाही करते हैं, वे देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे काम से देश और समाज को बदला जा सकता है। कार्यक्रम में विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव (योजना एवं वित्त विभाग) अमित खरे, प्रधान सचिव संजय कुमार, स्कूली शिक्षा सचिव अराधना पटनायक, शिक्षा विभाग के निदेशक समेत बड़ी संख्या में बच्चे भी उपस्थित थे।
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी सरकारी स्कूल के शिक्षकों को अगले वित्तीय वर्ष में टैबलेट दिया जायेगा। साथ ही उन्हें ई-विद्या वाहिनी सॉफ्टवेयर से भी जोड़ा जायेगा। शिक्षकों एवं छात्रों के शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए विभिन्न संस्थाओं के साथ समझौता (एम0ओ0यू) भी किया गया है। ” मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान दौर में तकनीक का स्थान महत्वपूर्ण है। बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में किसी प्रकार की शिथिलता एवं कोताही नहीं बर्दाश्त की जाएगी। विद्यालयों की आधारभूत संरचना में सुधार किया जा रहा है। साथ ही विद्यालयों में सभी सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है।
श्री दास ने कहा कि समृद्ध होने के बावजूद भी झारखंड की गोद में गरीबी पल रही है। राज्य से गरीबी को समाप्त करने में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सभी अधिकारियों, शिक्षकों की जिम्मेवारी है कि देश के भविष्य और सबसे कीमती संसाधन, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जो लोग बच्चों को शिक्षित करने में लापरवाही करते हैं, वे देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे काम से देश और समाज को बदला जा सकता है। कार्यक्रम में विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव (योजना एवं वित्त विभाग) अमित खरे, प्रधान सचिव संजय कुमार, स्कूली शिक्षा सचिव अराधना पटनायक, शिक्षा विभाग के निदेशक समेत बड़ी संख्या में बच्चे भी उपस्थित थे।
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