JPSC Latest News, JPSC Exam Date 2021 Update, JPSC Age Limit, रांची : कैबिनेट ने नियोजन नीति को वापस करने का फैसला किया है. यह फैसला सोनी कुमारी बनाम राज्य सरकार के मामले में हाइकोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के आलोक में किया गया है. वहीं झारखंड राज्य सिविल सेवा परीक्षा नियमावली 2021 में संशोधन करते हुए उम्र सीमा में चार साल सात महीने की वृद्धि की गयी है. एसटी, एससी, ओबीसी की संख्या 15 गुना करने के लिए प्राप्तांक से आठ फीसदी नीचे जाने की शर्त भी समाप्त कर दी है.
Jharkhand Planning Policy 2016 Update: कैबिनेट ने अनुसूचित जिला में तृतीय व चतुर्थवर्गीय पदों पर नियुक्ति नियमावली वापस करने का फैसला किया है. वहीं, गैर अनुसूचित जिलों के लिए लागू किये गये नियुक्ति नियमावली को भी वापस कर लिया गया है. इन नियमावली के आधार पर प्रकाशित उन सभी विज्ञापनों को रद्द करने का फैसला किया है, जिनमें अभी तक सफल घोषित परीक्षार्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है. जिनकी नियुक्ति हो चुकी है, उनकी नियुक्ति फिलहाल सरकार के इस फैसले प्रभावित नहीं होगी. जेपीएससी के लिए उम्र सीमा में छूट से जुड़ी हर Jharkhand News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
राज्य सरकार ने राज्य के 13 अनुसूचित जिलों में स्थानीय निवासियों को तृतीय व चतुर्थवर्गीय पदों पर 10 साल तक आरक्षण देने की नीति लागू की थी. 11 गैर अनुसूचित जिलों में भी तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति में स्थानीय निवासियों की नियुक्ति 10 वर्ष तक के लिए आरक्षित किया गया था. सोनी कुमारी के मामले में हाइकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार द्वारा किये गये इस प्रावधान को संवैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध बताया था.
JPSC News Update: झारखंड राज्य सिविल सेवा नियमावली 2021 में संशोधन
कैबिनेट ने ‘झारखंड राज्य सिविल सेवा नियमावली-2021’ में संशोधन किया. इसके तहत अब उम्र सीमा की गिनती के लिए अधिकतम उम्र सीमा की गणना एक अगस्त 2016 से होगी. न्यूनतम उम्र सीमा की गणना एक मार्च 2021 के अाधार पर की जायेगी.
एसटी, एससी, ओबीसी छात्रों की संख्या प्रारंभिक परीक्षा से मुख्य परीक्षा में जाने के लिए रिक्तियों के मुकाबले 15 गुना होगी. इसके लिए अब सामान्य जाति के अंतिम चयनित उम्मीदवार को मिले अंकों से आठ प्रतिशत नीचे जाने की बाध्यता समाप्त कर दी गयी है. साक्षात्कार में भी उम्मीदवारों की संख्या ढाई गुना करने की बाध्यता होगी.
JPSC News: नियुक्ति नियमावली में आंशिक संशोधन
पुनर्वास नीति के तहत जल संसाधन विभाग में वर्ग तीन के कर्मचारियों की नियुक्ति नियमावली में आंशिक संशोधन किया गया है. इसके तहत विस्थापितों को नौकरी देने के लिए उम्र सीमा में तीन वर्ष की छूट दी गयी है. साथ ही अधिग्रहित की गयी जमीन के अनुपात में नंबर देने का फैसला किया गया है.
जिसकी जमीन दो एकड़ से कम गयी है, उसे दो अंक, दो से तीन एकड़ तक में चार अंक, तीन से चार एकड़ तक में छह अंक, चार से पांच एकड़ तक में आठ अंक, पांच एकड़ से अधिक के लिए 10 अंक दिये जायेंगे. इन अंकों को परीक्षा में मिले अंकों से जोड़ कर उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट बनायी जायेगी.
पहले की परीक्षाएं रद्द, नये सिरे से ली जायेंगी परीक्षाएं, गैर अनुसूचित जिलों के लिए लागू नियुक्ति नियमावली भी वापस
सोनी कुमारी बनाम राज्य सरकार के मामले में हाइकोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के आलोक में कैबिनेट ने लिया फैसला
JPSC News Today: फैसले से कई नियुक्ति प्रक्रिया होगी प्रभावित
वर्ष 2016 में लागू नियोजन नीति को वापस लेने के फैसले के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा संचालित कई नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होगी. खास कर कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 3032 पदों के लिए ली गयी पंचायत सचिव व लिपिक परीक्षा के रद्द हो जाने की आशंका है. इस परीक्षा का रिजल्ट निकलना था. इसके अलावा कई अौर परीक्षाएं अब रद्द हो सकती हैं. हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है. इस नियुक्ति में नियोजन नीति को लेकर सोनी कुमारी के मामले में झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है. 21 सितंबर 2020 को झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार की नियोजन नीति निरस्त कर दी थी, लेकिन इन्हें नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है. इसलिए कैबिनेट के फैसले से इन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा.
CM Hemant Soren: क्या बोले मुख्यमंत्री
जेपीएससी नियमावली से नौजवानों को लाभ होगा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेपीएससी नियमावली में संशोधन के फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि इससे राज्य के नौजवानों को लाभ होगा. सीएम ने कहा : विगत 20 सालों में ये राज्य उल्टे पांव चल रहा था. न राह, न मंजिल, बस चलते जाना है. हम राह भी बना रहे हैं और मंजिल भी सुनिश्चित कर रहे हैं. जेपीएससी को 1950-51 के बाद पहली बार अपनी नियमावली मिली है. 2016 में जेपीएससी ने आखिरी परीक्षा आयोजित की थी. इस हालात में राज्य के पढ़े-लिखे नौजवानों की क्या दुर्गति हुई है, यह किसी से छिपी नहीं है. हमारा उद्देश्य है कि राज्य के अधिक से अधिक पढ़े-लिखे नौजवानों को इसका लाभ मिले. मैं कह चुका हूं कि वर्ष 2021 नियुक्तियों का वर्ष होगा.
कैबिनेट के अन्य फैसले
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