उपायुक्तकी अध्यक्षता में हुई जिला चयन समिति की बैठक के बाद शुक्रवार शाम 1745 पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी का फरमान जारी कर दिया गया। इस फैसले को पारा शिक्षकों ने तुगलकी फरमान कहा है। इससे पूर्व जिला स्कूल मैदान में पारा शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार बेहरा की अध्यक्षता में पारा शिक्षकों ने बैठक की।
इस बैठक में कहा गया कि पारा शिक्षक पिछले 15 साल से लगातार सेवा देते रहे हैं, लेकिन उन्हें उनका हक नहीं दिया जा रहा है। दीपक कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से पारा शिक्षक अपना हक मांग रहे हैं आंदोलन के लिए पहले ही विभाग को अधिकृत रूप से सूचित कर चुके हैं। बावजूद बेवजह सरकार की ओर से पारा शिक्षकों को बर्खास्तगी कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर हड़ताल को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि पारा शिक्षक किसी से डरेंगे नहीं और हड़ताल जारी रखेंगे। केंद्रीय आयोग (कैट) की सिफारिश के अनुसार शिक्षक नियुक्ति में अनुभव प्रशिक्षण को तरजीह देना है।
पड़ोसी राज्य की तरह करें नियमित
बैठकमें पारा शिक्षकों को पड़ोसी राज्य बिहार, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश हिमाचल प्रदेश की तरह नियमित करने की मांग की गई। बैठक में कहा गया कि राज्य के पारा शिक्षक 15 साल से सेवा देते रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक उनके भविष्य के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई। बैठक में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी समान काम के लिए समान वेतन देने का निर्देश दिया गया है।
फैक्ट फाइल
2313जिलेमें कुल पारा शिक्षक
2128हड़तालपर गए पारा शिक्षक
383हड़तालसे वापस लौटे
185हड़तालपर नहीं जाने वाले पारा शिक्षक
आनंदपुर : 118
चक्रधरपुर : 106
गोइलकेरा : 163
गुदड़ी : 59
हाटगम्हरिया : 102
जगन्नाथपुर : 146
झींकपानी : 9
खूंटपानी : 109
कुमारडुंगी : 67
मझगांव : 106
मंझारी : 86
मनोहरपुर : 140
नोवामुंडी : 131
सदर प्रखंड : 80
सोनुवा : 105
तांतनगर : 79
टोंटो : 130
नहीं कर सकते बर्खास्त
संघअध्यक्ष ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देशानुसार कोई भी संविदा कर्मी को तब तक बर्खास्त नहीं किया जा सकता है, जब तक कि उसे अयोग्य घोषित किया जाए। वहीं अयोग्य घोषित करने पर आरटीई अधिनियम के तहत किसी और को संविदा पर बहाल भी नहीं किया जा सकता। बैठक में चोकरो हेस्सा, कश्मीर सिरका, दीप्ति कुमारी सुंब्रई, रंजीत कुमार, विजय प्रताप, कृपा सुंडी, शैलेश कुमार बिरूवा, पूर्णचंद्र गोप, जयमंती हेस्सा, सालेन पाट पिंगुवा, साधु चरण बिरूली, मार्शल तिरिया, बुधन सिंह, सुरजा मुंडरी, शंभू गोप, ज्योति संवैया, संध्या दास, बसंती गोप, राहिल सुंडी, नंदलाल दास, अंजू जोंको, मेरी अंजली बिरूवा, योगेंद्र बिरूवा, सुचित्रा बिरूवा, मनोरंजन बोदरा, मधुसूदन पूर्ति, ज्योतिका कोड़ा, जानो पूर्ति, लक्ष्मी कोंडांकेल, मिथिला हेस्सा, ज्योति दुतिका लागुरी, पार्वती कुमारी, गीतावली पिंगुवा, दमयंती कुमारी, विमल कुमार गोप, निकिता सिंकू, शुरू लागुरी, चंद्रेश्वर बिरूवा, कृपा सुंडी, कल्याणी तियू, जेम्स बारी, सुशांता मल्लिक, जाबिर आलम, शैलेश सुंडी, शिवशंकर सांडिल, सेलाय पूर्ति, पूनम सुंडी, शिवचरा कुदादा, बबिता बानरा आदि मौजूद थे।
बैठक करते हड़ताली पारा शिक्षक
पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश के बाद इस मामले को प्रखंड चयन समिति विद्यालय प्रबंधन समिति के समक्ष रखा जाएगा। वहीं विद्यालय प्रबंधन समिति प्रखंड चयन समिति के अनुमोदन के बाद ही इन पारा शिक्षकों को सेवा मुक्त किया जा सकेगा।
इस बैठक में कहा गया कि पारा शिक्षक पिछले 15 साल से लगातार सेवा देते रहे हैं, लेकिन उन्हें उनका हक नहीं दिया जा रहा है। दीपक कुमार ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से पारा शिक्षक अपना हक मांग रहे हैं आंदोलन के लिए पहले ही विभाग को अधिकृत रूप से सूचित कर चुके हैं। बावजूद बेवजह सरकार की ओर से पारा शिक्षकों को बर्खास्तगी कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर हड़ताल को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि पारा शिक्षक किसी से डरेंगे नहीं और हड़ताल जारी रखेंगे। केंद्रीय आयोग (कैट) की सिफारिश के अनुसार शिक्षक नियुक्ति में अनुभव प्रशिक्षण को तरजीह देना है।
पड़ोसी राज्य की तरह करें नियमित
बैठकमें पारा शिक्षकों को पड़ोसी राज्य बिहार, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश हिमाचल प्रदेश की तरह नियमित करने की मांग की गई। बैठक में कहा गया कि राज्य के पारा शिक्षक 15 साल से सेवा देते रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक उनके भविष्य के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई। बैठक में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी समान काम के लिए समान वेतन देने का निर्देश दिया गया है।
फैक्ट फाइल
2313जिलेमें कुल पारा शिक्षक
2128हड़तालपर गए पारा शिक्षक
383हड़तालसे वापस लौटे
185हड़तालपर नहीं जाने वाले पारा शिक्षक
आनंदपुर : 118
चक्रधरपुर : 106
गोइलकेरा : 163
गुदड़ी : 59
हाटगम्हरिया : 102
जगन्नाथपुर : 146
झींकपानी : 9
खूंटपानी : 109
कुमारडुंगी : 67
मझगांव : 106
मंझारी : 86
मनोहरपुर : 140
नोवामुंडी : 131
सदर प्रखंड : 80
सोनुवा : 105
तांतनगर : 79
टोंटो : 130
नहीं कर सकते बर्खास्त
संघअध्यक्ष ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देशानुसार कोई भी संविदा कर्मी को तब तक बर्खास्त नहीं किया जा सकता है, जब तक कि उसे अयोग्य घोषित किया जाए। वहीं अयोग्य घोषित करने पर आरटीई अधिनियम के तहत किसी और को संविदा पर बहाल भी नहीं किया जा सकता। बैठक में चोकरो हेस्सा, कश्मीर सिरका, दीप्ति कुमारी सुंब्रई, रंजीत कुमार, विजय प्रताप, कृपा सुंडी, शैलेश कुमार बिरूवा, पूर्णचंद्र गोप, जयमंती हेस्सा, सालेन पाट पिंगुवा, साधु चरण बिरूली, मार्शल तिरिया, बुधन सिंह, सुरजा मुंडरी, शंभू गोप, ज्योति संवैया, संध्या दास, बसंती गोप, राहिल सुंडी, नंदलाल दास, अंजू जोंको, मेरी अंजली बिरूवा, योगेंद्र बिरूवा, सुचित्रा बिरूवा, मनोरंजन बोदरा, मधुसूदन पूर्ति, ज्योतिका कोड़ा, जानो पूर्ति, लक्ष्मी कोंडांकेल, मिथिला हेस्सा, ज्योति दुतिका लागुरी, पार्वती कुमारी, गीतावली पिंगुवा, दमयंती कुमारी, विमल कुमार गोप, निकिता सिंकू, शुरू लागुरी, चंद्रेश्वर बिरूवा, कृपा सुंडी, कल्याणी तियू, जेम्स बारी, सुशांता मल्लिक, जाबिर आलम, शैलेश सुंडी, शिवशंकर सांडिल, सेलाय पूर्ति, पूनम सुंडी, शिवचरा कुदादा, बबिता बानरा आदि मौजूद थे।
बैठक करते हड़ताली पारा शिक्षक
पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी के आदेश के बाद इस मामले को प्रखंड चयन समिति विद्यालय प्रबंधन समिति के समक्ष रखा जाएगा। वहीं विद्यालय प्रबंधन समिति प्रखंड चयन समिति के अनुमोदन के बाद ही इन पारा शिक्षकों को सेवा मुक्त किया जा सकेगा।
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