धनबाद: जिले के करीब 543 पारा शिक्षक हड़ताल से वापस लौट चुके हैं. हालांकि अभी भी 1717 पारा शिक्षक हड़ताल पर डटे हैं. जिले में कुल करीब 2925 पारा शिक्षक हैं, जिसमें करीब 665 शिक्षक हड़ताल पर ही नहीं गये थे. अब सात नवंबर तक स्कूल बंद है.
इधर झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ ने दावा किया है कि विद्यालय में शिक्षकों के योगदान की बात अफवाह है. विभाग गलत आंकड़े प्रस्तुत कर रहा है.
संघ भवन में बैठक आज : महासंघ के सचिव शेख सिद्दीक एवं उपाध्यक्ष अशोक चक्रवर्ती ने कहा कि किसी भी स्थिति में पारा शिक्षक विद्यालय में योगदान नहीं करेंगे. हड़ताल के वक्त कोई ऐसा करता है तो वह संघ के साथ विश्वासघात कर रहा है. कुछ साथी के बरखास्तगी के डर से योगदान की बात सामने आ रही है, जिसको लेकर शनिवार को संघ भवन में बैठक बुलायी गयी है. हड़ताल से लौटने वाले पारा शिक्षकों को पुन: हड़ताल में शामिल किया जायेगा.
सम्मानजनक समझौता करे सरकार : पारा शिक्षकों की हड़ताल का भारतीय मजदूर संघ, झारखंड प्रदेश ने समर्थन किया है. महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद एवं असंगठित प्रभारी मकरू महतो ने कहा कि राज्य सरकार मामले में अविलंब पहल करे. सम्मानजनक समझौता करे, ताकि बाधित हुआ पठन-पाठन पटरी पर लौटे. 26 अगस्त 2015 को हुआ समझौता ही सरकार लागू करे, न कि आंदोलन को तोड़ने का प्रयास हो. सरकार का हड़ताली पारा शिक्षकों की बरखास्तगी का निर्णय निंदनीय है. मामले में मुख्यमंत्री संघ अपील करता है कि वे खुद हड़तालियों से वार्ता करने की पहल कर समस्या का समाधान करें. ऐसा नहीं हुआ तो संघ आंदोलन को बाध्य होगा. मामले में संघ का एक प्रतिनिधिमंडल श्रम मंत्री से मिल समाधान का प्रयास कर रहा है.
इधर झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक महासंघ ने दावा किया है कि विद्यालय में शिक्षकों के योगदान की बात अफवाह है. विभाग गलत आंकड़े प्रस्तुत कर रहा है.
संघ भवन में बैठक आज : महासंघ के सचिव शेख सिद्दीक एवं उपाध्यक्ष अशोक चक्रवर्ती ने कहा कि किसी भी स्थिति में पारा शिक्षक विद्यालय में योगदान नहीं करेंगे. हड़ताल के वक्त कोई ऐसा करता है तो वह संघ के साथ विश्वासघात कर रहा है. कुछ साथी के बरखास्तगी के डर से योगदान की बात सामने आ रही है, जिसको लेकर शनिवार को संघ भवन में बैठक बुलायी गयी है. हड़ताल से लौटने वाले पारा शिक्षकों को पुन: हड़ताल में शामिल किया जायेगा.
सम्मानजनक समझौता करे सरकार : पारा शिक्षकों की हड़ताल का भारतीय मजदूर संघ, झारखंड प्रदेश ने समर्थन किया है. महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद एवं असंगठित प्रभारी मकरू महतो ने कहा कि राज्य सरकार मामले में अविलंब पहल करे. सम्मानजनक समझौता करे, ताकि बाधित हुआ पठन-पाठन पटरी पर लौटे. 26 अगस्त 2015 को हुआ समझौता ही सरकार लागू करे, न कि आंदोलन को तोड़ने का प्रयास हो. सरकार का हड़ताली पारा शिक्षकों की बरखास्तगी का निर्णय निंदनीय है. मामले में मुख्यमंत्री संघ अपील करता है कि वे खुद हड़तालियों से वार्ता करने की पहल कर समस्या का समाधान करें. ऐसा नहीं हुआ तो संघ आंदोलन को बाध्य होगा. मामले में संघ का एक प्रतिनिधिमंडल श्रम मंत्री से मिल समाधान का प्रयास कर रहा है.
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