दुमका : दुमका के डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने तीन नवंबर के डेडलाइन तक काम पर न लौटने वाले 2216 पारा शिक्षकों के चयनमुक्त कराने का आदेश दिया है. डीसी ने बताया कि जिले के 3758 में से 1542 पारा शिक्षक हड़ताल से लौट आये हैं. जो पारा शिक्षक हड़ताल पर नहीं हैं, उनके मानदेय का भुगतान भी कर दिया गया है.
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची से प्राप्त पत्र संख्या 1842, दिनांक 27 अक्तूबर 2016 में दिये गये निर्देश के आलोक में उन्होंने आदेश जारी किया है कि दुमका जिला में कार्यरत वैसे पारा शिक्षक जिन्होंने समुचित अवसर मिलने के बावजूद 3 नवंबर 2016 तक अपना योगदान संबंधित विद्यालय में नहीं दिया है और जिसके कारण विद्यालय में पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है,
उन्हें चयनमुक्त किया जाय. उन्होंने विद्यालय में गठित ग्राम शिक्षा समिति/ विद्यालय प्रबंधन समिति को निर्देश दिया है कि वैसे पारा शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से चयनमुक्त करने का निर्णय लें और उसकी सूचना अपने प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को उपलब्ध करायें. उन्होंने निर्णय लेने के लिए प्रखंड स्तर पर गठित प्रखंडस्तरीय शिक्षा समिति के पदेन अध्यक्ष प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सचिव प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को भी निर्देश दिया है
कि वे ग्राम शिक्षा समिति/विद्यालय प्रबंधन समिति से चयनमुक्त किये गये पारा शिक्षकों से संबंधित प्राप्त प्रस्ताव को प्रखंडस्तरीय शिक्षा समिति से अनुमोदित करते हुए रिपोर्ट यथाशीघ्र उपलब्ध करायें. डीसी श्री सिन्हा ने कहा कि हड़ताली पारा शिक्षकों का वापस न लोटना स्पष्ट तौर पर नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन है तथा उच्चाधिकारी के आदेश की भी अवहेलना है.
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची से प्राप्त पत्र संख्या 1842, दिनांक 27 अक्तूबर 2016 में दिये गये निर्देश के आलोक में उन्होंने आदेश जारी किया है कि दुमका जिला में कार्यरत वैसे पारा शिक्षक जिन्होंने समुचित अवसर मिलने के बावजूद 3 नवंबर 2016 तक अपना योगदान संबंधित विद्यालय में नहीं दिया है और जिसके कारण विद्यालय में पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है,
उन्हें चयनमुक्त किया जाय. उन्होंने विद्यालय में गठित ग्राम शिक्षा समिति/ विद्यालय प्रबंधन समिति को निर्देश दिया है कि वैसे पारा शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से चयनमुक्त करने का निर्णय लें और उसकी सूचना अपने प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को उपलब्ध करायें. उन्होंने निर्णय लेने के लिए प्रखंड स्तर पर गठित प्रखंडस्तरीय शिक्षा समिति के पदेन अध्यक्ष प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सचिव प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को भी निर्देश दिया है
कि वे ग्राम शिक्षा समिति/विद्यालय प्रबंधन समिति से चयनमुक्त किये गये पारा शिक्षकों से संबंधित प्राप्त प्रस्ताव को प्रखंडस्तरीय शिक्षा समिति से अनुमोदित करते हुए रिपोर्ट यथाशीघ्र उपलब्ध करायें. डीसी श्री सिन्हा ने कहा कि हड़ताली पारा शिक्षकों का वापस न लोटना स्पष्ट तौर पर नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन है तथा उच्चाधिकारी के आदेश की भी अवहेलना है.
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