बाघमारा (धनबाद) : पारा शिक्षकों का राज्यस्तरीय सामूहिक एकदिवसीय उपवास का असर बाघमारा में भी देखने को मिल रहा है. बताते चलें कि स्थायीकरण और उचित वेतनमान को लेकर आंदोलनरत पारा शिक्षकों ने
15 नवम्बर को स्थापना दिवस समारोह में काला झंडा दिखाकर रघुवर सरकार के प्रति विरोध दर्ज किया था.
इस उपवास के दौरान पारा शिक्षकों के घर में भी चूल्हे नहीं जले हैं. साथ ही शिक्षक अपने विद्यालय में अनुपस्थित भी हैं, जिसका असर सीधे तौर पर पठन-पाठन कार्य पर पड़ रहा है. स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से तत्काल स्थिति से निबटने के लिए अस्थायी रूप से सरकारी शिक्षकों को पदस्थापित किया गया है. पर स्कूल में बच्चों की उपस्थिति नहीं के बराबर है. स्कूल में तो शिक्षक हैं पर कमरों में ताले लटके हुए हैं.
वहीं पारा शिक्षकों के साथ बदहाली का जीवन जीने की स्थित आन पड़ी है. आज के उपवास से घर के खाने में खर्च होनेवाले रकम को बचाकर गिरफ्तार 280 पारा शिक्षकों के परिवार के सदस्यों को दान किया जायेगा, साथ ही अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज भी करने की बात कही.
15 नवम्बर को स्थापना दिवस समारोह में काला झंडा दिखाकर रघुवर सरकार के प्रति विरोध दर्ज किया था.
इस उपवास के दौरान पारा शिक्षकों के घर में भी चूल्हे नहीं जले हैं. साथ ही शिक्षक अपने विद्यालय में अनुपस्थित भी हैं, जिसका असर सीधे तौर पर पठन-पाठन कार्य पर पड़ रहा है. स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से तत्काल स्थिति से निबटने के लिए अस्थायी रूप से सरकारी शिक्षकों को पदस्थापित किया गया है. पर स्कूल में बच्चों की उपस्थिति नहीं के बराबर है. स्कूल में तो शिक्षक हैं पर कमरों में ताले लटके हुए हैं.
वहीं पारा शिक्षकों के साथ बदहाली का जीवन जीने की स्थित आन पड़ी है. आज के उपवास से घर के खाने में खर्च होनेवाले रकम को बचाकर गिरफ्तार 280 पारा शिक्षकों के परिवार के सदस्यों को दान किया जायेगा, साथ ही अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज भी करने की बात कही.
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