दुमका : राज्य सरकार के आदेश के बाद भी अगर हड़ताल पर गए पारा शिक्षक 20
नवंबर तक काम पर वापस नहीं आते हैं उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। उनकी
जगह पर सेवानिवृत्त शिक्षक और टेट पास प्रशिक्षित की मदद ली जाएगी। इन सभी
को उसी मद से मानदेय दिया जाएगा, जिससे पारा शिक्षकों को मिला करता है।
राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर ¨सह ने यह आदेश जारी कर दिया है।
कहा है कि 16 जनवरी 17 की कंडिका चार का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछते हुए एकरारनामा की शर्तो के अनुसार कार्रवाई की जाए। रोज विद्यालय की स्थिति का अनुश्रवण किया जाए। उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि जो पारा शिक्षक दूसरे के दबाव में काम नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें विद्यालय में पढ़ाई के लिए 20 नवंबर की तिथि निर्धारित की जाती है। प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों को दो सौ और उच्च प्राथमिक में पढ़ाने वाले को 250 रुपये दिया जाएगा। सरकारी काम में बाधा डालने, बिना सूचना और बिना सक्षम पदाधिकारी की स्वीकृति में विद्यालय से गायब रहने वाले शिक्षक और 20 नवंबर तक योगदान नहीं करने वाले पारा शिक्षकों की अनुबंध विच्छेदन की कार्रवाई विहित प्रक्रिया के तहत की जाए।
सरकार की धमकी से डरने वाले नहीं
पारा शिक्षक संघ के कई सदस्यों का कहना है कि वह सरकार की धमकी से अब डरने वाले नहीं है। अगर सरकार में साहस है तो उनकी बर्खास्तगी कर दूसरे को लाकर दिखाएं। पहले भी सरकार की धमकी को देख चुके है। इतना सब कुछ होने के बाद भी सरकार के सामने झुकने वाले नहीं है। अपना हक लेकर ही दम लेंगे। ज्यादा से ज्यादा सरकार काम से हटाएगी। अगर ऐसा किया तो करीब एक हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ाई ठप हो जाएगी और सरकार को ही इसका खामियाजा भुगतना होगा।
आसान नहीं होगी दूसरे शिक्षकों की बहाली
कई साल से गांव के स्कूलों में शिक्षा की अलख जगाने वाले पारा शिक्षक की जगह पर कोई दूसरा काम, यह उन्हें स्वीकार नहीं होगा। सरकार जिस तरह से पूरे प्रकरण को साधारण रूप में देख रही है उतना आसान नहीं है। अगर उनकी जगह पर कोई दूसरा बंद स्कूल खुलवाने का प्रयास करेगा तो विरोध होना तय है। स्वयं शिक्षा विभाग भी यह मानता है कि इतनी आसानी से पारा शिक्षक दूसरे को स्वीकार करने वाले नहीं है।
कहां किस स्कूल में कितने पारा शिक्षक
प्रखंड स्कूल पारा शिक्षक
दुमका 84 371
गोपीकांदर 46 183
जामा 111 371
जरमुंडी 155 517
काठीकुंड 81 270
मसलिया 104 260
रामगढ़ 118 450
रानीश्वर 85 323
सरैयाहाट 107 371
शिकारीपाड़ा 113 408
-----
वर्जन
सरकार ने हड़ताल से वापस लौटने के लिए 20 नवंबर तक का समय दिया है। जो पारा शिक्षक काम पर नहीं आएंगे, उनके खिलाफ सरकार के आदेश पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। अभी सारा ध्यान बंद स्कूलों में पढ़ाई चालू कराने पर है। दूसरे शिक्षक को स्कूल जाने पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कड़ा कदम उठाया जाएगा।
मारिया गेरौती तिर्की, जिला शिक्षा अधीक्षक, दुमका।
कहा है कि 16 जनवरी 17 की कंडिका चार का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछते हुए एकरारनामा की शर्तो के अनुसार कार्रवाई की जाए। रोज विद्यालय की स्थिति का अनुश्रवण किया जाए। उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि जो पारा शिक्षक दूसरे के दबाव में काम नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें विद्यालय में पढ़ाई के लिए 20 नवंबर की तिथि निर्धारित की जाती है। प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों को दो सौ और उच्च प्राथमिक में पढ़ाने वाले को 250 रुपये दिया जाएगा। सरकारी काम में बाधा डालने, बिना सूचना और बिना सक्षम पदाधिकारी की स्वीकृति में विद्यालय से गायब रहने वाले शिक्षक और 20 नवंबर तक योगदान नहीं करने वाले पारा शिक्षकों की अनुबंध विच्छेदन की कार्रवाई विहित प्रक्रिया के तहत की जाए।
सरकार की धमकी से डरने वाले नहीं
पारा शिक्षक संघ के कई सदस्यों का कहना है कि वह सरकार की धमकी से अब डरने वाले नहीं है। अगर सरकार में साहस है तो उनकी बर्खास्तगी कर दूसरे को लाकर दिखाएं। पहले भी सरकार की धमकी को देख चुके है। इतना सब कुछ होने के बाद भी सरकार के सामने झुकने वाले नहीं है। अपना हक लेकर ही दम लेंगे। ज्यादा से ज्यादा सरकार काम से हटाएगी। अगर ऐसा किया तो करीब एक हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ाई ठप हो जाएगी और सरकार को ही इसका खामियाजा भुगतना होगा।
आसान नहीं होगी दूसरे शिक्षकों की बहाली
कई साल से गांव के स्कूलों में शिक्षा की अलख जगाने वाले पारा शिक्षक की जगह पर कोई दूसरा काम, यह उन्हें स्वीकार नहीं होगा। सरकार जिस तरह से पूरे प्रकरण को साधारण रूप में देख रही है उतना आसान नहीं है। अगर उनकी जगह पर कोई दूसरा बंद स्कूल खुलवाने का प्रयास करेगा तो विरोध होना तय है। स्वयं शिक्षा विभाग भी यह मानता है कि इतनी आसानी से पारा शिक्षक दूसरे को स्वीकार करने वाले नहीं है।
कहां किस स्कूल में कितने पारा शिक्षक
प्रखंड स्कूल पारा शिक्षक
दुमका 84 371
गोपीकांदर 46 183
जामा 111 371
जरमुंडी 155 517
काठीकुंड 81 270
मसलिया 104 260
रामगढ़ 118 450
रानीश्वर 85 323
सरैयाहाट 107 371
शिकारीपाड़ा 113 408
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वर्जन
सरकार ने हड़ताल से वापस लौटने के लिए 20 नवंबर तक का समय दिया है। जो पारा शिक्षक काम पर नहीं आएंगे, उनके खिलाफ सरकार के आदेश पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। अभी सारा ध्यान बंद स्कूलों में पढ़ाई चालू कराने पर है। दूसरे शिक्षक को स्कूल जाने पर विरोध का सामना करना पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कड़ा कदम उठाया जाएगा।
मारिया गेरौती तिर्की, जिला शिक्षा अधीक्षक, दुमका।
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