जामताड़ा : स्थायीकरण और समान काम के लिए समान वेतन की मांग पर हड़ताली
पारा शिक्षकों ने मंगलवार को गिरफ्तारी दी। पारा शिक्षकों ने जेल भरो
आंदोलन के तहत जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। नगर
थाना में 195 पारा शिक्षकों ने गिरफ्तारी दी। वहीं जिले भर में 499 शिक्षक
गिरफ्तार हुए। शाम में सभी को मुक्त कर दिया गया।
इस दौरान पारा शिक्षक संघ के नेता सुभाष मिर्धा ने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। सरकार के फरमान से भयभीत होने की आवश्यकता नही है। सरकार झुकेगी हम नहीं झुकेंगे। एक पारा शिक्षक की नौकरी जाएगी तो पूरे प्रदेश में 70000 पारा शिक्षकों को नौकरी जाएगी।
इधर, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक गांधी मैदान में हुई। फिर शिक्षकों ने पूरे शहर में भ्रमण किया। वक्ताओं ने कहा कि रांची में सरकारी तंत्र ने दमनात्मक कार्रवाई की और पारा शिक्षकों को जेल भेज दिया है। छत्तीसगढ़ की तर्ज पर वेतनमान की मांग सरकार पूरी करे। पारा शिक्षक बच्चों के भविष्य को देखते हुए विद्यालय लौटना चाहते हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में गंभीरता नहीं दिखा रही है। जेल भरो अभियान में पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा रवींद्र ¨सह, नारायण भंडारी, हिमांशु कुमार मंडल, संजीव ¨सह, परमानन्द भंडारी, मलिनचन्द्र मंडल, राजाराम मंडल, छोटे लाल मंडल, गो¨वद मंडल, परिमल मिश्रा, मकशुद आलम, हीरालाल साधु, विकास चन्द्र मंडल, जोसना, अंजूम आरा, नन्दकिशोर हेम्ब्रम,दुबे रजक आदि शामिल थे।
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हड़ताल से पढ़ाई बाधित
जिले में 426 उत्क्रमित प्राथमिक एवं नव प्राथमिक विद्यालय हड़ताल की वजह से प्रभावित है। शिक्षा विभाग ने प्रत्येक विद्यालय में एक-एक पारा शिक्षक का प्रतिनियोजन किया था। एक मात्र प्रतिनियोजित शिक्षक को विद्यालय की कक्षा एक से पांच तक के संचालन में परेशानी हो रही है। दर्जनों विद्यालयों में प्रतिनियोजित शिक्षक को अब तक विद्यालय की चाभी नहीं मिल पाई है। ऐसे में प्रतिनियोजित शिक्षक बरामदा या विद्यालय परिसर में पठन-पाठन कार्य करने को विवश हैं।
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विद्यालयों की गहन मॉनीट¨रग :
हड़ताल के कारण विद्यालयों में पठन-पाठन व एमडीएम सुचारू करने को शिक्षा विभाग ने सघन निरीक्षण की व्यवस्था बनाई है। सीआरपी, बीआरपी, बीपीओ, बीईईओ समेत जिला स्तरीय शिक्षा पदाधिकारी व परियोजना पदाधिकारी को क्षेत्र भ्रमण कर विद्यालय की दैनिक गतिविधियों का प्रतिदिन प्रतिवेदन जिला कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया है।
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किसी ने नहीं दिया योगदान : जिले के विभिन्न मध्य, प्राथमिक व नव प्राथमिक विद्यालयों में कुल 2058 पारा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों को 20 नवंबर तक विद्यालय में योगदान का समय दिया था। लेकिन देर शाम तक किसी भी पारा शिक्षक ने योगदान नहीं दिया है। सभी पारा शिक्षक अनिश्चित कालीन हड़ताल हैं।
इस दौरान पारा शिक्षक संघ के नेता सुभाष मिर्धा ने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। सरकार के फरमान से भयभीत होने की आवश्यकता नही है। सरकार झुकेगी हम नहीं झुकेंगे। एक पारा शिक्षक की नौकरी जाएगी तो पूरे प्रदेश में 70000 पारा शिक्षकों को नौकरी जाएगी।
इधर, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक गांधी मैदान में हुई। फिर शिक्षकों ने पूरे शहर में भ्रमण किया। वक्ताओं ने कहा कि रांची में सरकारी तंत्र ने दमनात्मक कार्रवाई की और पारा शिक्षकों को जेल भेज दिया है। छत्तीसगढ़ की तर्ज पर वेतनमान की मांग सरकार पूरी करे। पारा शिक्षक बच्चों के भविष्य को देखते हुए विद्यालय लौटना चाहते हैं, लेकिन सरकार इस दिशा में गंभीरता नहीं दिखा रही है। जेल भरो अभियान में पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा रवींद्र ¨सह, नारायण भंडारी, हिमांशु कुमार मंडल, संजीव ¨सह, परमानन्द भंडारी, मलिनचन्द्र मंडल, राजाराम मंडल, छोटे लाल मंडल, गो¨वद मंडल, परिमल मिश्रा, मकशुद आलम, हीरालाल साधु, विकास चन्द्र मंडल, जोसना, अंजूम आरा, नन्दकिशोर हेम्ब्रम,दुबे रजक आदि शामिल थे।
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हड़ताल से पढ़ाई बाधित
जिले में 426 उत्क्रमित प्राथमिक एवं नव प्राथमिक विद्यालय हड़ताल की वजह से प्रभावित है। शिक्षा विभाग ने प्रत्येक विद्यालय में एक-एक पारा शिक्षक का प्रतिनियोजन किया था। एक मात्र प्रतिनियोजित शिक्षक को विद्यालय की कक्षा एक से पांच तक के संचालन में परेशानी हो रही है। दर्जनों विद्यालयों में प्रतिनियोजित शिक्षक को अब तक विद्यालय की चाभी नहीं मिल पाई है। ऐसे में प्रतिनियोजित शिक्षक बरामदा या विद्यालय परिसर में पठन-पाठन कार्य करने को विवश हैं।
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विद्यालयों की गहन मॉनीट¨रग :
हड़ताल के कारण विद्यालयों में पठन-पाठन व एमडीएम सुचारू करने को शिक्षा विभाग ने सघन निरीक्षण की व्यवस्था बनाई है। सीआरपी, बीआरपी, बीपीओ, बीईईओ समेत जिला स्तरीय शिक्षा पदाधिकारी व परियोजना पदाधिकारी को क्षेत्र भ्रमण कर विद्यालय की दैनिक गतिविधियों का प्रतिदिन प्रतिवेदन जिला कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया है।
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किसी ने नहीं दिया योगदान : जिले के विभिन्न मध्य, प्राथमिक व नव प्राथमिक विद्यालयों में कुल 2058 पारा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों को 20 नवंबर तक विद्यालय में योगदान का समय दिया था। लेकिन देर शाम तक किसी भी पारा शिक्षक ने योगदान नहीं दिया है। सभी पारा शिक्षक अनिश्चित कालीन हड़ताल हैं।
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