संवाद सहयोगी, पाकुड़: जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी देवी ने पाकुड़ के
राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की सहायक शिक्षिका शैल कुमारी और निर्मला
मुर्मू को बर्खास्त कर दिया। यह कार्रवाई माध्यमिक शिक्षा निदेशक के
पत्रांक 06/रा.वि 01-26/2018 दिनांक 26.9.2018 के आलोक में की है।
दोनों शिक्षिकाओं की बर्खास्तगी फर्जी तरीके से नौकरी प्राप्त करने के कारण हुई है। विदित हो कि पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी। जिसमें पाकुड़ की दोनों शिक्षिकाओं की नियुक्ति को फर्जी पाया था।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा बिहार पटना की अधिसूचना संख्या 445 दिनांक 09.07.1991 के द्वारा निम्न अवर शिक्षा सेवा के शिक्षकों को अवर शिक्षा सेवा में प्रोन्नत किया गया। इसमें यह उल्लेखित था कि शिक्षकों को दिनांक 20.7.1985 से दिनांक 17.05.1990 तक के वेतन का लाभ वित्त विभाग बिहार की सहमति के बाद दिया जाएगा। भुगतान में विलंब होने के कारण कुछ शिक्षकों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय पटना में वाद सीडब्लूजेसी संख्या 1690/1997 सुषमा कुमारी गोप एवं अन्य बनाम बिहार राज्य एवं अन्य दायर किया गया। इस वाद में बिहार के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रतिशपथ पत्र दायर किया कि वर्ष 1980 एवं इसके बाद महिला सहायक शिक्षिकाओं की अवैध नियुक्ति कर अनियमित तरीके से उन्हें प्रोन्नति दी गई है। इस मामले को सरकार द्वारा मंत्रीमंडल निगरानी विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया। इसके बाद न्यायालय ने उक्त वाद के मामले में अंतिम निर्णय लेने तथा वादीगण के बकाये वेतन का भुगतान दो महीने के अंदर करने का 19.9.1997 को आदेश दिया। इसके बाद शिक्षा निदेशक ने न्यायालय से अवधि विस्तार प्राप्त करते हुए 1980 से 1998 के दौरान 300 अवैध नियुक्त शिक्षकों एवं 160 अवैध प्रोन्नत शिक्षिकाओं की जांच मंत्रीमंडल निगरानी को सौंपी। जांच में न्यायालय ने एक अन्य मामले में सीडब्लूजेसी संख्या 9847/1998 ब्रजेश कुमार एवं अन्य बनाम बिहार सरकार एवं अन्य में अनियमित नियुक्ति के संपूर्ण मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश पारित किया। इसके बाद बिहार सरकार से सभी मामलों को सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई ने 2005 में जांच प्रतिवेदन गृहआरक्षी विभाग पटना को सौंपा। इसके बाद यह सूची माध्यमिक शिक्षा विभाग पटना को उपलब्ध कराई गई। सीबीआई की इस सूची में पाकुड़ जिले की दो शिक्षिका भी शामिल थीं। जिसकी नियुक्त फर्जी होने की बात सीबीआई ने अपने रिपोर्ट में कहा था। सीबीआई की इसी रिपोर्ट पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने दोनों शिक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक संताल परगना को दिया था।
कोट------------
विभागीय कार्रवाई के तहत राजकीय मध्यविद्यालय की सहायक शिक्षिका शैल कुमारी और निर्मला मुर्मू के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है। सीबीआई जांच में दोनों शिक्षिकाओं की नियुक्त फर्जी पाई गई थी।
रजनी देवी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पाकुड़
दोनों शिक्षिकाओं की बर्खास्तगी फर्जी तरीके से नौकरी प्राप्त करने के कारण हुई है। विदित हो कि पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी। जिसमें पाकुड़ की दोनों शिक्षिकाओं की नियुक्ति को फर्जी पाया था।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा बिहार पटना की अधिसूचना संख्या 445 दिनांक 09.07.1991 के द्वारा निम्न अवर शिक्षा सेवा के शिक्षकों को अवर शिक्षा सेवा में प्रोन्नत किया गया। इसमें यह उल्लेखित था कि शिक्षकों को दिनांक 20.7.1985 से दिनांक 17.05.1990 तक के वेतन का लाभ वित्त विभाग बिहार की सहमति के बाद दिया जाएगा। भुगतान में विलंब होने के कारण कुछ शिक्षकों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय पटना में वाद सीडब्लूजेसी संख्या 1690/1997 सुषमा कुमारी गोप एवं अन्य बनाम बिहार राज्य एवं अन्य दायर किया गया। इस वाद में बिहार के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रतिशपथ पत्र दायर किया कि वर्ष 1980 एवं इसके बाद महिला सहायक शिक्षिकाओं की अवैध नियुक्ति कर अनियमित तरीके से उन्हें प्रोन्नति दी गई है। इस मामले को सरकार द्वारा मंत्रीमंडल निगरानी विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया। इसके बाद न्यायालय ने उक्त वाद के मामले में अंतिम निर्णय लेने तथा वादीगण के बकाये वेतन का भुगतान दो महीने के अंदर करने का 19.9.1997 को आदेश दिया। इसके बाद शिक्षा निदेशक ने न्यायालय से अवधि विस्तार प्राप्त करते हुए 1980 से 1998 के दौरान 300 अवैध नियुक्त शिक्षकों एवं 160 अवैध प्रोन्नत शिक्षिकाओं की जांच मंत्रीमंडल निगरानी को सौंपी। जांच में न्यायालय ने एक अन्य मामले में सीडब्लूजेसी संख्या 9847/1998 ब्रजेश कुमार एवं अन्य बनाम बिहार सरकार एवं अन्य में अनियमित नियुक्ति के संपूर्ण मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश पारित किया। इसके बाद बिहार सरकार से सभी मामलों को सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई ने 2005 में जांच प्रतिवेदन गृहआरक्षी विभाग पटना को सौंपा। इसके बाद यह सूची माध्यमिक शिक्षा विभाग पटना को उपलब्ध कराई गई। सीबीआई की इस सूची में पाकुड़ जिले की दो शिक्षिका भी शामिल थीं। जिसकी नियुक्त फर्जी होने की बात सीबीआई ने अपने रिपोर्ट में कहा था। सीबीआई की इसी रिपोर्ट पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने दोनों शिक्षिका के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक संताल परगना को दिया था।
कोट------------
विभागीय कार्रवाई के तहत राजकीय मध्यविद्यालय की सहायक शिक्षिका शैल कुमारी और निर्मला मुर्मू के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है। सीबीआई जांच में दोनों शिक्षिकाओं की नियुक्त फर्जी पाई गई थी।
रजनी देवी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पाकुड़
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