रांची, राज्य ब्यूरो। पारा शिक्षकों और झारखंड सरकार
के बीच चल रही तकरार पर मंगलवार को बड़ा फैसला आ सकता है। बीते दिन
मुख्यमंत्री रघुवर दास के पारा शिक्षकों केे प्रति सख्त तेवर को देखते
हुए लग रहा है कि हजाराें पारा शिक्षकों की नौकरी जा सकती है।
सीएम ने पलामू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कड़े लहजे में कहा था कि सरकार टूट सकती है लेकिन झुक नहीं सकती। उन्होंने कहा था कि वे तय समय तक हड़ताल खत्म कर काम पर नहीं लौटे तो 50000 नए पारा शिक्षकों की बहाली करेंगे। सभा में सीएम ने कहा कि पत्थर मारने वाले गुंडे हो सकते हैं शिक्षक नहीं।
इधर राज्य सरकार की ओर से हड़ताल पर अड़े पारा शिक्षकों को काम पर
लौटने की मियाद मंगलवार को खत्म हो रही है। ऐसे में सरकार का डेडलाइन
खत्म होते ही इन हजारों पारा शिक्षकों पर बर्खास्तगी की गाज गिर सकती है।
25 को पारा शिक्षक करेंगे फैसला : पारा शिक्षकों के बाद अब प्राथमिक शिक्षक भी आंदोलन की राह पर हैं। अपनी विभिन्न मांगों पर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी द्वारा कार्रवाई किए जाने के आश्वासन के बाद भी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा कोई पहल नहीं किए जाने से उनमें नाराजगी है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने 25 नवंबर को रांची में बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा। संघ फिलहाल मुख्य सचिव का घेराव करने का निर्णय ले सकता है।
संघ के अनुसार, मुख्य सचिव व शिक्षा सचिव के साथ 31 अगस्त को हुई वार्ता में प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति देने के लिए एक माह के भीतर प्रोन्नति नियमावली में संशोधन करने की बात कही गई थी, लेकिन लगभग तीन माह बीत जाने के बाद भी यह कार्य पूरा नहीं हुआ। एक माह के भीतर स्थानांतरण नियमावली को भी अंतिम रूप देने की बात कही गई थी।
संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर व प्रवक्ता नसीम अहमद के अनुसार, मुख्य सचिव ने 95 फीसद अपर प्राइमरी स्कूलों में हेडमास्टर के पद रिक्त होने पर आश्चर्य प्रकट करते हुए रिक्त सभी पदों को भरने का निर्देश प्रधान सचिव को दिया था। वहीं, अनुकंपा पर नियुक्त तथा 1982-86 में नियुक्त शिक्षकों को भी नियुक्ति तिथि से ग्रेड वन में प्रोन्नति एक माह के भीतर देने का आश्वासन दिया था। इन सभी आश्वासनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
बार-बार निदेशक बदलने का भी पड़ रहा असर : प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पद पर बार-बार पदाधिकारियों को बदलने से भी प्राथमिक शिक्षकों की कई समस्याएं और मांगें लंबित हो जा रही हैं। मीना ठाकुर की सेवानिवृत्ति के बाद आकांक्षा रंजन को इस पद की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने अभी निदेशालय का कामकाज समझा ही था कि उनका तबादला हो गया। इसके बाद विनोद कुमार को इस पद की जिम्मेदारी दी गई है।
सीएम ने पलामू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कड़े लहजे में कहा था कि सरकार टूट सकती है लेकिन झुक नहीं सकती। उन्होंने कहा था कि वे तय समय तक हड़ताल खत्म कर काम पर नहीं लौटे तो 50000 नए पारा शिक्षकों की बहाली करेंगे। सभा में सीएम ने कहा कि पत्थर मारने वाले गुंडे हो सकते हैं शिक्षक नहीं।
25 को पारा शिक्षक करेंगे फैसला : पारा शिक्षकों के बाद अब प्राथमिक शिक्षक भी आंदोलन की राह पर हैं। अपनी विभिन्न मांगों पर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी द्वारा कार्रवाई किए जाने के आश्वासन के बाद भी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा कोई पहल नहीं किए जाने से उनमें नाराजगी है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने 25 नवंबर को रांची में बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा। संघ फिलहाल मुख्य सचिव का घेराव करने का निर्णय ले सकता है।
संघ के अनुसार, मुख्य सचिव व शिक्षा सचिव के साथ 31 अगस्त को हुई वार्ता में प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति देने के लिए एक माह के भीतर प्रोन्नति नियमावली में संशोधन करने की बात कही गई थी, लेकिन लगभग तीन माह बीत जाने के बाद भी यह कार्य पूरा नहीं हुआ। एक माह के भीतर स्थानांतरण नियमावली को भी अंतिम रूप देने की बात कही गई थी।
संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर व प्रवक्ता नसीम अहमद के अनुसार, मुख्य सचिव ने 95 फीसद अपर प्राइमरी स्कूलों में हेडमास्टर के पद रिक्त होने पर आश्चर्य प्रकट करते हुए रिक्त सभी पदों को भरने का निर्देश प्रधान सचिव को दिया था। वहीं, अनुकंपा पर नियुक्त तथा 1982-86 में नियुक्त शिक्षकों को भी नियुक्ति तिथि से ग्रेड वन में प्रोन्नति एक माह के भीतर देने का आश्वासन दिया था। इन सभी आश्वासनों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
बार-बार निदेशक बदलने का भी पड़ रहा असर : प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पद पर बार-बार पदाधिकारियों को बदलने से भी प्राथमिक शिक्षकों की कई समस्याएं और मांगें लंबित हो जा रही हैं। मीना ठाकुर की सेवानिवृत्ति के बाद आकांक्षा रंजन को इस पद की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने अभी निदेशालय का कामकाज समझा ही था कि उनका तबादला हो गया। इसके बाद विनोद कुमार को इस पद की जिम्मेदारी दी गई है।
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