शिक्षा विभाग के एडीपीओ नलिनी रंजन ने बताया कि जिले के अधिकांश शिक्षकों के
घरों में शौचालय है। गुरु गोष्ठी में शिक्षकों से प्राप्त आंकड़ों को ही
फिलहाल संकलित किया गया है। इस बारे में संपूर्ण प्रतिवेदन विभाग के पास
जमा नहीं होने के कारण उसे उपलब्धी में नहीं दर्शाया गया है।
फोटो के साथ रिर्पोट वास्तविक आंकड़ा का पता चलेगा।
भास्कर न्यूज | गुमला
स्वच्छभारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय बनाने के लिए केंद्र आैर राज्य सरकार के जोर देने के बाद भी जिले के करीब डेढ़ हजार शिक्षकों के घरों में अब भी शौचालय नहीं बना है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग से आंकड़ा मांगा था कि जिले के कितने शिक्षकों के घर में शौचालय होने के प्रमाण नहीं मिले हैं।
एक सप्ताह पूर्व शिक्षा विभाग ने उपायुक्त को जो उपलब्ध कराया है उसमें जिले में 450 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं जिनके घरों में अब भी शौचालय नहीं है। उसी प्रकार पारा शिक्षकों की संख्या 1150 से अधिक है। उक्त वैसे शिक्षक है जिनका आवास गुमला जिला में है। ऐसे में स्वच्छ भारत अभियान की सफलता सरकार के समक्ष चुनौती है। जिले में 1200 से अधिक सरकारी शिक्षक एवं ढाई हजार से अधिक पारा शिक्षक कार्यरत हैं।
शिक्षकोंके घर में शौचालय रहने का फोटो जमा करना होगा : जिलामें जिन शिक्षकों का अपना घर है। उनके घर में शौचालय पूर्व से बना हुआ है अथवा नया निर्माण करा लिए हैं। उसे प्रमाणित करने के लिए उन्हें शौचालय का फोटो विभाग में देना होगा। जो शिक्षक किराए के मकान में रहते हैं वहां शौचालय अवश्य होगा। ऐसा मान लिया जाएगा। इस कारण उन्हें फोटो डालने की आवश्यकता नहीं होगी।
बिनाप्रोत्साहन के शौचालय नहीं बनने पर रुकेगा वेतन : उपायुक्तश्रवण साय ने कहा कि पहली समीक्षा बैठक में लोगों को सरकार की मंशा से विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। अगली बैठक में समीक्षा के दौरान यदि शौचालय निर्माण के आंकड़ों में सुधार नहीं पाया जाएगा तो शिक्षकों के वेतन एवं पारा शिक्षकों के मानदेय पर रोक लगा दी जाएगी। सबों को बिना सरकार के प्रोत्साहन राशि के स्वयं से शौचालय का निर्माण कराना है।
फोटो के साथ रिर्पोट वास्तविक आंकड़ा का पता चलेगा।
भास्कर न्यूज | गुमला
स्वच्छभारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय बनाने के लिए केंद्र आैर राज्य सरकार के जोर देने के बाद भी जिले के करीब डेढ़ हजार शिक्षकों के घरों में अब भी शौचालय नहीं बना है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग से आंकड़ा मांगा था कि जिले के कितने शिक्षकों के घर में शौचालय होने के प्रमाण नहीं मिले हैं।
एक सप्ताह पूर्व शिक्षा विभाग ने उपायुक्त को जो उपलब्ध कराया है उसमें जिले में 450 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं जिनके घरों में अब भी शौचालय नहीं है। उसी प्रकार पारा शिक्षकों की संख्या 1150 से अधिक है। उक्त वैसे शिक्षक है जिनका आवास गुमला जिला में है। ऐसे में स्वच्छ भारत अभियान की सफलता सरकार के समक्ष चुनौती है। जिले में 1200 से अधिक सरकारी शिक्षक एवं ढाई हजार से अधिक पारा शिक्षक कार्यरत हैं।
शिक्षकोंके घर में शौचालय रहने का फोटो जमा करना होगा : जिलामें जिन शिक्षकों का अपना घर है। उनके घर में शौचालय पूर्व से बना हुआ है अथवा नया निर्माण करा लिए हैं। उसे प्रमाणित करने के लिए उन्हें शौचालय का फोटो विभाग में देना होगा। जो शिक्षक किराए के मकान में रहते हैं वहां शौचालय अवश्य होगा। ऐसा मान लिया जाएगा। इस कारण उन्हें फोटो डालने की आवश्यकता नहीं होगी।
बिनाप्रोत्साहन के शौचालय नहीं बनने पर रुकेगा वेतन : उपायुक्तश्रवण साय ने कहा कि पहली समीक्षा बैठक में लोगों को सरकार की मंशा से विभाग के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। अगली बैठक में समीक्षा के दौरान यदि शौचालय निर्माण के आंकड़ों में सुधार नहीं पाया जाएगा तो शिक्षकों के वेतन एवं पारा शिक्षकों के मानदेय पर रोक लगा दी जाएगी। सबों को बिना सरकार के प्रोत्साहन राशि के स्वयं से शौचालय का निर्माण कराना है।
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