रांचीः झारखंड सरकार द्वारा लागू नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को गलत करार देते हुए अनुसूचित जिलों में नियुक्त शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश दे दिया है.
दरसअल, सरकार 14 जुलाई 2016 को अधिसूचना जारी की गई थी सरकार
द्वारा 13 जिलों को अनुसूचित ज़िला घोषित किया गया था. जिसके तहत इन जिलों
को तृतीय और चतुर्थ वर्ग को स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित किया गया था.
जिसमें लगभग 17 हज़ार शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की
गई थी और 15 हज़ार से ज़्यादा की अनुसंशा की जा चुकी थी. अनुसूचित जिलों में
लगभग 8 हज़ार से ज़्यादा शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है. वहीं अधिसूचना को
प्रार्थी सोनी कुमारी सहित अन्य क द्वारा ने हाइकोर्ट में चुनौती दी गई थी
जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अधिसूचना रद्द कर दी. कोर्ट के आदेश के
बाद अनुसूचित जिलों की नियुक्ति रद्द हो गयी है. गौरतलब है कि अब तक सरकार
की नियोजन नीति में अनुसूचित जिलों में गैर अनुसूचित जिलों के लोगों को
नौकरी के लिए अयोग्य माना गया था. जबकि अनुसूचित जिलों के लोग गैर अनुसूचित
जिले में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते थे. लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद
अब झारखंड के किसी भी जिले का निवासी राज्य के किसी एक जिले से नौकरी के
लिए आवेदन दे सकता है.
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