मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा): नियुक्ति तिथि से शिक्षकों की प्रोन्नति में आपसी वरीयता निर्धारण के संबंध में चल रही कवायद में हाल में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का नाम गायब है।
शिक्षा विभाग के इस कारनामे से शिक्षकों में रोष है। झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश का पालन दुमका जिले में किया गया, लेकिन जामताड़ा में उसमें भिन्नता क्यों है। प्रावधान के अनुरूप शिक्षकों को प्रोन्नति क्यों नहीं मिली। प्रोन्नति की मांग विभाग शीघ्र पूरी करें।ज्ञात हो की जिला शिक्षा अधीक्षक ने चौथी बार ग्रेडेशन लिस्ट जारी की है। फिर भी उहापोह की स्थिति है। सेवानिवृत्त शिक्षक शेख मुस्ताक अली का कहना है कि चौथी बार प्रकाशित की गई वरीयता सूची में वैसे शिक्षकों का नाम नहीं है जो अक्टूबर 2020 में सेवानिवृत्त होंगे। यह एक विचारणीय तथ्य है। जबकि विभिन्न ग्रेडों में वरीयता सूची का निर्धारण पहले ही किया जा चुका है। ग्रेड वन में प्रोन्नति के निर्धारण के लिए सरकार के संकल्प संख्या 1145 दिनांक 18-07-2019 के आलोक में आदेश निर्गत किया जा चुका है। इसके तहत वर्ष 1982,83 ,84 ,86, 87, 1988 तक तथा अनुकंपा के आधार पर वर्ष 2012 तक मैट्रिक प्रशिक्षित पद के विरुद्ध अप्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि से ग्रेड वन का लाभ दिया जाना है। इस संबंध में झारखंड हाईकोर्ट ने नियुक्ति तिथि से वरीयता का निर्धारण करते हुए प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति देने का आदेश दिया है। इस इस आदेश का पालन जामताड़ा में दिखना चाहिए। इस बाबत झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह तथा प्रधान सचिव वरुण मंडल ने जिला शिक्षा अधीक्षक से मांग की कि उच्च न्यायालय के निर्देश का अनुपालन होनी चाहिए।
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