रांची : राज्य के लगभग 13 हजार प्राथमिक शिक्षकों को प्रोन्नति मिलेगी. इसके लिए 30 अक्तूबर तक रोस्टर क्लियर करने को कहा गया है. इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों के उपायुक्त और डीएसइ को पत्र लिखा है. सभी डीएसइ को 15 अक्तूबर तक प्रस्ताव देने को कहा गया है.
उपायुक्त से आग्रह किया गया है कि डीएसइ के प्रस्ताव को 30 अक्तूबर तक नियमानुसार अनुमोदित करते हुए रिपोर्ट प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को दें. इससे शिक्षकों को ग्रेड तीन, चार और सात में प्रोन्नति मिलने का रास्ता साफ होगा. प्रोन्नति मिलने से उच्च योग्यताधारी शिक्षक मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक बन सकेंगे. उल्लेखनीय है कि राज्य के मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के 3192 पद सृजित हैं, जबकि सिर्फ 148 विद्यालय में स्थायी प्रधानाध्यापक हैं.
अनुकंपा पर नियुक्त शिक्षक को नियुक्ति तिथि से प्रोन्नति : प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने अप्रशिक्षित लगभग चार हजार शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ग्रेड वन में प्रोन्नति देने का निर्देश दिया है. इसमें वर्ष 1982 से लेकर 2012 तक अनुकंपा पर नियुक्त शिक्षक भी शामिल हैं. शिक्षकों को ग्रेड वन में प्रोन्नति के लिए 15 दिनों के अंदर औपबंधिक वरीयता लिस्ट जारी करने को कहा गया है.
पांच अक्तूबर तक जारी लिस्ट पर आपत्ति दर्ज करायी जा सकती है. 15 अक्तूबर तक आपत्ति का निराकरण, 22 अक्तूबर को संशोधित लिस्ट जारी करने, पांच नवंबर तक जिला शिक्षा स्थापना समिति से अनुमोदन व 10 नवंबर तक क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक से लिस्ट के अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है.
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने प्रोन्नति नियमावली 1993 के तहत शिक्षकों को प्रोन्नति देने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि प्रोन्नति मिलने से मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के रिक्त पद पर शिक्षक प्रोन्नत हो सकेंगे.
प्रतिनिधिमंडल मध्याह्न भोजन के राज्य प्रभारी मुकेश सिन्हा से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने मध्याह्न भोजन के लिए भेजी जानेवाली राशि की प्रक्रिया सरल करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, प्रदेश प्रवक्ता नसीम अहमद और कृष्णा शर्मा शामिल थे.
शिक्षकों की प्रोन्नति 27 साल से लंबित
राज्य के स्कूली शिक्षकों को 27 साल से वरीय वेतनमान में प्रोन्नति नहीं मिली है. इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों को निर्देश भी दिया है. इसके बाद भी मात्र चार जिलों में शिक्षकों को वरीय वेतनमान में प्रोन्नति दी गयी है. करीब 7000 हाइस्कूल शिक्षकों को प्रोन्नति दी जानी है. इनमें से लगभग 5000 शिक्षक सेवानिवृत्त हो गये.
हाइस्कूल शिक्षक नियमावली 2015 के अनुसार, शिक्षकों को जिलास्तर पर प्रोन्नति दी जानी है. इसके बाद भी कई जिलों ने इसकी प्रक्रिया भी शुरू नहीं की है. इस संबंध में कुछ जिलों ने निदेशालय से यह कहते हुए मार्गदर्शन मांगा है कि नियमावली वर्ष 2015 से प्रभावी है तो ऐसे में इससे पूर्व नियुक्त शिक्षकों को जिला स्तर से प्रोन्नति दी जायेगी या फिर निदेशालय स्तर से.
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