शिक्षकों की प्रोन्नति मामले पर जिलों को फटकार - The JKND Teachers Blog - झारखंड - शिक्षकों का ब्लॉग

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Saturday 31 October 2020

शिक्षकों की प्रोन्नति मामले पर जिलों को फटकार

 राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों की प्रोन्नति में जिलों के अधिकारी ही पेच फंसा रहे हैं। प्रमोशन को लेकर पहले ही संकल्प पत्र जारी किए जा चुके हैं, इसके बावजूद जिलों के अधिकारी मार्गदर्शन मांग रहे हैं। जिलों से मांगे गए मार्गदर्शन पर शिक्षा विभाग ने फटकार लगाई है।

स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह ने सभी उपायुक्त, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि भविष्य में अनावश्यक रूप से खानापूर्ति के लिए मार्गदर्शन मांगने पर सरकारी कार्य में उदासीनता मानते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। इसलिए भविष्य में उन्हीं बिंदुओं पर मार्गदर्शन मांगा जाए, जिसमें कोई नया तथ्य हो। बता दें कि कोल्हान और उत्तरी छोटानागपुर के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से तीन बिंदुओं पर मार्गदर्शन मांगा था। जिसपर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा कि वरीयता के निर्धारण संबंधी जिन बिंदुओं पर मार्गदर्शन मांगा गया है, उसके बारे में पूर्व में जारी विभागीय संकल्प में जिक्र है। वहीं, जिलों में योगदान की तिथि से ही शिक्षकों की वरीयता निर्धारित होगी। साथ ही, अंतर जिला स्थानांतरण के मामले में पारस्परिक स्थानांतरण के आधार पर इसका निर्धारण होगा। वहीं, सेवानिवृत्त और मृत शिक्षकों की प्रोन्नति का प्रावधान राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक प्रोन्नति नियमावली 1993 के तहत नहीं है।

10 अक्टूबर तक प्रकाशित करनी थी वरीयता सूची

राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के करीब 12 हजार शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ मिलना है। इनकी औपबंधिक वरीयता सूची अक्टूबर के पहले सप्ताह तक जारी करनी थी। इसके बाद शिक्षकों से उस पर आपत्ति लेनी थी। 15 अक्टूबर तक आपत्तियों का निराकरण कर 22 अक्टूबर तक अंतिम संशोधित वरीयता सूची का प्रकाशन करना था। बावजूद इसके अब तक औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन भी नहीं हो सका है। इसके अलावा पांच नवंबर तक जिला शिक्षा स्थापना समिति और 10 नवंबर तक क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक से अनुमोदन कराना आवश्यकता है। जिलों की ओर से की जा रही कार्रवाई से निर्धारित समय पर प्रोन्नति का लाभ मिलना मुश्किल लग रहा है।

इन बिंदुओं पर मांगा गया था मार्गदर्शन

1. झारखंड लोक सेवा आयोग (2003-06) द्वारा अनुशंसित कार्यरत शिक्षकों की वरीयता सूची नियुक्ति तिथि को मानकर किया जाए या जेपीएससी परीक्षा के मेधा अंक के आधार पर किया जाए।

2. अंतर जिला स्थानांतरण के बाद जिला में योगदान करने वाले शिक्षकों की वरीयता का आधार प्रथम नियुक्ति के अनुसार होगा या अंतर जिला स्थानांतरण के बाद जिला में योगदान की तिथि से होगा।

3. संकल्प जारी होने की तिथि 18 जुलाई 2019 तक सेवानिवृत्त शिक्षकों को वरीयता सूची में स्थान देते हुए ग्रेड -1 का लाभ दिया जा सकता है या नहीं।

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