मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्पष्ट कहा है कि पारा शिक्षकों का
न तो स्थायीकरण हो सकता है और न ही उनके समान काम के लिए समान वेतन दिया
जा सकता है। इसलिए पारा शिक्षकों से अपील है कि वे अपने काम पर लौट आएं।
अगर वे फिर भी अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे तो उन्हें नोटिस जारी कर हटा
दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ये बातें आज लिट्टीपाड़ा के रणबहियार गांव में
आयोजित जन चौपाल में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के बहकावे में आकर ये लोग अपनी
जिद पर अड़े हुए हैं। उन्होंने इसके साथ ही जोर देकर कहा कि किसी की भी
सरकार बने कोई भी इनका न तो स्थायीकरण कर सकता है, और न ही समान काम के लिए
समान वेतन ही दे सकता है, क्योंकि यह एक तकनीकी प्रक्रिया है जिसके तहत
उनकी बहाली नहीं की गई है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि
आप गांव के पढ़े लिखे युवक और युवतियों को बतौर घंटी आधारित शिक्षक के पद
पर नियुक्त करें ताकि स्कूलों में पढ़ाई बंद न हो।
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही कहा कि जहां तक छत्तीसगढ़ की
बात है तो वहां पंचायती राज व्यवस्था नियमावली के तहत विज्ञापन निकालकर तथा
आरक्षण के सभी मान्य नियमों का पालन करते हुए नियुक्ति की गई थी। जबकि
झारखंड में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है। इसलिए वे यथाशीघ्र अपने काम पर
लौट आएं।
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