जागरण संवाददाता, गिरिडीह : सेवा स्थायीकरण और समान काम के लिए समान
वेतन की मांग को ले आंदोलनरत हड़ताली पारा शिक्षकों ने शनिवार को अपनी ताकत
दिखाई। वे अपने हक अधिकार के लिए परिवार के सड़क पर उतरे और आवाज बुलंद की।
जिला मुख्यालय में न्याय / जनाक्रोश रैली निकालकर पारा शिक्षकों ने पूरे
शहर का भ्रमण किया।
पारा शिक्षक अपने-अपने परिवार के साथ पारा शिक्षक सर्कस मैदान में जमा हुए। वहां होटवार जेल से रिहा हुए अपने 27 साथियों का स्वागत किया। इसके बाद रैली निकाली गई, जो झंडा मैदान, आंबेडकर चौक, कालीबाड़, मकतपुर चौक, जिला परिषद कार्यालय होते हुए टावर चौक पहुंच सभा में तब्दील हो गई। रैली भ्रमण के क्रम में पारा शिक्षकों जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। मौके पर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के सभी सांसद व विधायक हमारे आंदोलन से आपा खो चुके हैं और हमारे प्रति अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। कोडरमा सांसद रवींद्र राय के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम एक शिक्षक हैं हमें लोकतंत्र नहीं सिखाएं। हमने संविधान को अच्छी तरह पढ़ा है और अपने बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। हमारे संगठन ने चुनावी घोषणा पत्र में हमारी सेवा स्थायीकरण का मुद्दा शामिल करने के लिए दबाव नहीं दिया था। घोषणा पत्र को देख पारा शिक्षकों ने पूरा समर्थन भाजपा को दिया। सरकार बने चार साल बीत गए, लेकिन सरकार अपने वायदे पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी। इसे देखते हुए हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज को बुलंद कर रह हैं।
वक्ताओं ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जिसने शिक्षकों को मुसीबत में डालने प्रयास किया है, वह खुद अधिक मुसीबत में फंसा है। इस बार भी ही होगा। यदि डीएसई और डीईओ हड़ताली पारा शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई संबंधी पत्र जारी करते हैं तो संगठन उन्हें भी नहीं बख्शेगा। नागरिक विकास मंच के संयोजक विनय ¨सह व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला महासचिव शंकर पांडेय ने भी पारा शिक्षकों की मांगों को जायज बताया। सभा को सुखदेव हाजरा, मुनचुन अंसारी, गणेश मंडल, निर्भय ¨सह आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर रोहित मंडल, कैलाश वर्मा, विनोद यादव, महेश वर्मा, अभिषेक सिन्हा, मनोज वर्मा, राजेश मंडल, सहदेव महतो, लालजीत यादव, विकास पांडेय आदि उपस्थित थे। पारा शिक्षकों व उनके परिजनों के रैली में शामिल होने के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
पारा शिक्षक अपने-अपने परिवार के साथ पारा शिक्षक सर्कस मैदान में जमा हुए। वहां होटवार जेल से रिहा हुए अपने 27 साथियों का स्वागत किया। इसके बाद रैली निकाली गई, जो झंडा मैदान, आंबेडकर चौक, कालीबाड़, मकतपुर चौक, जिला परिषद कार्यालय होते हुए टावर चौक पहुंच सभा में तब्दील हो गई। रैली भ्रमण के क्रम में पारा शिक्षकों जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। मौके पर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष नारायण महतो ने कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के सभी सांसद व विधायक हमारे आंदोलन से आपा खो चुके हैं और हमारे प्रति अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। कोडरमा सांसद रवींद्र राय के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हम एक शिक्षक हैं हमें लोकतंत्र नहीं सिखाएं। हमने संविधान को अच्छी तरह पढ़ा है और अपने बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। हमारे संगठन ने चुनावी घोषणा पत्र में हमारी सेवा स्थायीकरण का मुद्दा शामिल करने के लिए दबाव नहीं दिया था। घोषणा पत्र को देख पारा शिक्षकों ने पूरा समर्थन भाजपा को दिया। सरकार बने चार साल बीत गए, लेकिन सरकार अपने वायदे पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी। इसे देखते हुए हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज को बुलंद कर रह हैं।
वक्ताओं ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जिसने शिक्षकों को मुसीबत में डालने प्रयास किया है, वह खुद अधिक मुसीबत में फंसा है। इस बार भी ही होगा। यदि डीएसई और डीईओ हड़ताली पारा शिक्षकों के ऊपर कार्रवाई संबंधी पत्र जारी करते हैं तो संगठन उन्हें भी नहीं बख्शेगा। नागरिक विकास मंच के संयोजक विनय ¨सह व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला महासचिव शंकर पांडेय ने भी पारा शिक्षकों की मांगों को जायज बताया। सभा को सुखदेव हाजरा, मुनचुन अंसारी, गणेश मंडल, निर्भय ¨सह आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर रोहित मंडल, कैलाश वर्मा, विनोद यादव, महेश वर्मा, अभिषेक सिन्हा, मनोज वर्मा, राजेश मंडल, सहदेव महतो, लालजीत यादव, विकास पांडेय आदि उपस्थित थे। पारा शिक्षकों व उनके परिजनों के रैली में शामिल होने के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
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