रांची. पारा शिक्षकों की हड़ताल शनिवार को 23वें दिन
में पहुंच गई। वे मांगें पूरी होने तक किसी भी कीमत पर काम पर लौटने को
तैयार नहीं हैं। उधर, सरकार की ओर से बार-बार बर्खास्तगी का आदेश जारी होने
के बावजूद अब तक किसी भी पारा शिक्षक को बर्खास्त नहीं किया गया है।
करीब 300 पारा शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया था
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झारखंड स्थापना दिवस समारोह में पारा शिक्षकों ने काले झंडे दिखाए थे। उस समय करीब 300 पारा शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने निर्देश जारी किया कि जो पारा शिक्षक काला झंडा दिखाते गिरफ्तार हुए हैं या जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। दावा किया जाने लगा कि बर्खास्तगी शुरू हो चुकी है। लेकिन, हकीकत यह है कि अब तक शो-कॉज से अधिक कुछ नहीं हुआ। विद्यालय प्रबंधन समिति ने बैठक तक नहीं की है।
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सरकार इन्हें बर्खास्त नहीं कर सकती
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भले ही पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी का निर्देश जारी कर दे, पर हकीकत यह है कि सरकार पारा शिक्षकों को बर्खास्त नहीं कर सकती है। इनकी नियुक्ति ग्राम शिक्षा समिति ने की थी। अब ग्राम शिक्षा समिति को विद्यालय प्रबंधन समिति में तब्दील कर दिया गया है। यही समिति पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी के बारे में कोई फैसला ले सकती है।
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प्रबंधन समिति को भंग करने में भी अड़चन
राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने ऐसे विद्यालय प्रबंधन समिति को भंग करने के लिए प्रखंड शिक्षा समिति और जिला शिक्षा समिति को कहा है, पर इसमें भी अड़चन है। प्रखंड शिक्षा समिति में विधायक, तो जिला शिक्षा समिति में भी सांसद और विधायक होते हैं। अधिकतर विधायक और सांसद नहीं चाहते हैं कि पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी हो प्रबंधन समिति भंग हो।
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निदेशक बोले- हटाएं जाएंगे पारा शिक्षक
राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने स्वीकार किया कि अब तक जेल गए पारा शिक्षकों में कोई भी बर्खास्त नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग अपने निर्णय पर अडिग है। जेल गए सभी पारा शिक्षक हटाए जाएंगे। जो विद्यालय प्रबंधन समिति इसमें दिलचस्पी नहीं ले रही है, उसे भंग किया जाएगा।
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