भास्कर न्यूज | मेदिनीनगर जिलाशिक्षा अधीक्षक अरविंद कुमार ने जिले के लेखा पदाधिकारी, कार्यालय
के वरीय लिपिक तथा जिले के सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों के साथ बैठक
की। बैठक में यह तय किया गया कि छठा वेतन निर्धारण के पूर्व कालबद्ध
प्रोन्नति के बाद वेतन वृद्धि के अलावा यदि किसी शिक्षक द्वारा अतिरिक्त
इंक्रीमेंट का लाभ लिया गया है तो वैसे लोगों को इस लाभ से वंचित किया जाए।
एक से अधिक इंक्रीमेंट लेने वाले शिक्षकों से पैसे की रिकवरी की बात कही गयी है। बैठक में यह भी कहा गया कि छठे और सातवें वेतन निर्धारण के बाद इंक्रीमेंट देय होगा। यह भी तय हुआ है कि वित्त विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद ही किसी वृद्धि का लाभ दिया जाए, लेकिन इसी के साथ बैठक में शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान किए जाने की बात कही गयी। उल्लेखनीय है कि महालेखाकार द्वारा योजना सह वित्त विभाग के विशेष सचिव को राजकीयकृत विद्यालय के शिक्षकों की प्रोन्नति के फलस्वरूप उच्चतर वेतनमान में वेतन निर्धारण के लिए मौलिक नियम का अनुशरण करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि शिक्षकों का वेतन निर्धारण फंडामेंटल रूल के अनुसार नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में जिला शिक्षा अधीक्षक और संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी शत-प्रतिशत इस नियम का अनुपालन सुनिश्चित करें। निर्देश में यह भी कहा गया है कि नियम विरुद्ध किए गए निर्धारित वेतन में आवश्यक संशोधन करते हुए अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली भी आगामी मिलने वाले वेतन से की जाए। बैठक में जिला लेखा पदाधिकारी रमन कुमार, हरिद्वार मेहता, रिपुसूदन मेहता, गीता देवी, उमेश प्रसाद, वीरेंद्र तिवारी, उदय नारायण आदि शामिल थे।
एक से अधिक इंक्रीमेंट लेने वाले शिक्षकों से पैसे की रिकवरी की बात कही गयी है। बैठक में यह भी कहा गया कि छठे और सातवें वेतन निर्धारण के बाद इंक्रीमेंट देय होगा। यह भी तय हुआ है कि वित्त विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद ही किसी वृद्धि का लाभ दिया जाए, लेकिन इसी के साथ बैठक में शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान किए जाने की बात कही गयी। उल्लेखनीय है कि महालेखाकार द्वारा योजना सह वित्त विभाग के विशेष सचिव को राजकीयकृत विद्यालय के शिक्षकों की प्रोन्नति के फलस्वरूप उच्चतर वेतनमान में वेतन निर्धारण के लिए मौलिक नियम का अनुशरण करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि शिक्षकों का वेतन निर्धारण फंडामेंटल रूल के अनुसार नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति में जिला शिक्षा अधीक्षक और संबंधित निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी शत-प्रतिशत इस नियम का अनुपालन सुनिश्चित करें। निर्देश में यह भी कहा गया है कि नियम विरुद्ध किए गए निर्धारित वेतन में आवश्यक संशोधन करते हुए अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली भी आगामी मिलने वाले वेतन से की जाए। बैठक में जिला लेखा पदाधिकारी रमन कुमार, हरिद्वार मेहता, रिपुसूदन मेहता, गीता देवी, उमेश प्रसाद, वीरेंद्र तिवारी, उदय नारायण आदि शामिल थे।
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