झारखंड हाइकाेर्ट में चल रही है सुनवाई, मामले की अगली सुनवाई आठ मई को हाेगी
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत में
शुक्रवार को हाइस्कूल शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन को चुनौती देनेवाली
विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने
माैखिक रूप से कहा कि हजारों प्रशिक्षित विद्यार्थियों के करियर का सवाल
है. उनका भविष्य दावं पर लगा हुआ है.
सब्जेक्ट कंबीनेशन की वजह से झारखंड ही नहीं पूरे देश के सैकड़ों
विद्यार्थी आवेदन तक नहीं कर पायें है. अदालत ने राज्य सरकार को शपथ पत्र
के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के
लिए आठ मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व सरकार की अोर से बताया गया कि
प्लस-टू स्तर पर इतिहास व राजनीतिशास्त्र विषय के लिए अलग-अलग शिक्षक
नियुक्त करते है. इस पर अदालत ने कहा कि नियम के साथ जवाब दाखिल करें.
प्रार्थी की तरफ से अधिवक्ता समीर साैरभ व अधिवक्ता सुनील महतो, जबकि
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की अोर से अधिवक्ता डाॅ अशोक कुमार सिंह ने पक्ष
रखा. प्रार्थी हरि शर्मा व अन्य की अोर से अलग-अलग याचिका दायर कर हाइस्कूल
शिक्षक नियुक्ति के विज्ञापन को चुनाैती दी गयी है.
आयोग ने 17,572 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए दो बार विज्ञापन
(एक बार संशोधित) निकाला था. इतिहास के साथ राजनीतिशास्त्र, गणित के साथ
भाैतिकी, रसायनशास्त्र के साथ बायोलॉजी विषय के साथ स्नातक करनेवाले आवेदन
कर सकेंगे. इस सब्जेक्ट कंबीनेशन की वजह से हजारों अर्हताधारी विद्यार्थी
आवेदन करने से वंचित हो गये हैं. वैसे विद्यार्थियों ने विज्ञापन में दी
गयी शर्तों को चुनाैती दी है. गैर अनुसूचित जिलों के विद्यार्थियों ने भी
अनुसूचित जिलों में शत प्रतिशत सीट स्थानीय के लिए आरक्षित करने को चुनाैती
दी है.
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