जमशेदपुर। तकरीबन सात सालों से सरकारी सेवा संपुष्टि की बाट जोह रहे अल्पसंख्यक उच्च विद्यालयों के शिक्षकों पर हेमंत सोरेन की सरकार मेहरबान नजर आई है।
एक प्रधानाध्यापक सहित 37 सहायक शिक्षकों की सेवाओं के अनुमोदन पर मुहर लगा दी है। इनमें संत जेवियर स्कूल लुपंगगुटू चाईबासा के एक शिक्षक की सेवा का अनुमोदन का प्रस्ताव जिला शिक्षा विभाग एवं संबंधित स्कूल से अक्टूबर 2014 में भेजा गया था। इसके साथ ही ज्यादातर मामले तीन से चार साल पुराने हैं जो अनुमोदन के लिए लटके हुए थे।माध्यमिक शिक्षा विभाग ने अपने पुराने आदेश को शिथिल करते हुए अल्पसंख्यक स्कूलों द्वारा नियुक्ति तिथि को मान्य करते हुए उस तिथि से ही नियुक्ति के अनुमोदन को हरी झंडी दी है।
तकरीबन दो महीने पहले माध्यमिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय से आदेश जारी हुआ था कि विभागीय है अनुमोदन के उपरांत ही विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों का योगदान कराया जाएगा
जिसका विरोध अल्पसंख्यक विद्यालय की प्रबंध कारिणी समिति के साथ ही झारखंड राज्य अल्पसंख्यक माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघर्ष समिति की ओर से किया गया और इनका प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव शिक्षा सचिव एवं निदेशक से मिला था और विद्यालयों को होने वाली परेशानी से अवगत कराया था।
संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल एवं शिक्षक संघ के सचिव रमेश कुमार सिंह के अनुसार किसी शिक्षक के रिटायरमेंट होने के बाद ही उस यूनिट में नए शिक्षक की बहाली होती है। विद्यार्थियों के हित में प्रबंधन समिति उसका योगदान कराती है और बिहार सरकार के समय से ही योगदान एवं नियुक्ति तिथि को ही सरकार नियुक्ति तिथि के रूप में मान्यता देती थी और उसी के अनुरूप वेतन एवं अन्य भत्ते जारी करती थी।
विभाग की अनुमोदन समिति द्वारा उन 11 सहायक शिक्षकों की सेवा की संपुष्टि नहीं की गई है, जिनकी नियुक्ति में प्रबंध कारिणी समिति द्वारा सरकारी नियमों का पालन नहीं किया गया है।
कुछ महीने पहले ही हेमंत सोरेन की सरकार ने प्राथमिक अल्पसंख्यक विद्यालयों के तकरीबन एक सौ शिक्षकों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी जिनका सेवा संपुष्टि के लिए फाइल पांच छह साल से लटकी हुई थी।
प्रबंध कारिणी समिति द्वारा नियुक्ति तिथि से ही अनुमोदन दिए जाने पर राज्य अल्पसंख्यक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार, जिला अध्यक्ष शशि भूषण दुबे, सचिव नागेश कुमार, पूर्व सचिव प्रभात कुमार सिंह ने सरकार और विभाग के प्रति आभार जताया है। शिक्षक संघ के नेताओं के अनुसार राज्य सरकार का यह फैसला विद्यार्थियों एवं राज्य के हित में है।
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