रांची: राज्य के पारा शिक्षक गुरुवार से मोरहाबादी में अनिश्चितकालीन
घेरा-डालो डेरा-डालो कार्यक्रम शुरू करेंगे. शिक्षक 17 सितंबर से
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के प्रदेश
अध्यक्ष संजय दुबे ने बताया कि सरकार पारा शिक्षकों की मांगाें के प्रति
गंभीर नहीं है. जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा. पारा शिक्षक पत्नी व
बच्चों के साथ मोरहाबादी में जमा होंगे. पारा शिक्षक के साथ बीआरपी-सीआरपी
भी आंदोलन कर रहे हैं. संजय दुबे ने बताया कि सरकार शिक्षकों के आंदोलन को
दबाना चाहती है. शिक्षक शांतिपूर्वक तरीके से मोरहाबादी में धरना देना
चाहते थे. जिला प्रशासन ने मोरहाबादी मैदान में धारा 144 लगा दिया है. ऐसे
में पारा शिक्षक को जहां जगह मिलेगा, वहीं धरना पर बैठ जायेंगे. इसकी
जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.
संघ सरकार से कोई वार्ता नहीं करेगी, जब तक समायोजन नीति नहीं बनायी जाती है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने हड़ताली पारा शिक्षकों को 25 अक्तूबर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है. 25 अक्तूबर तक काम पर नहीं लौटने वाले पारा शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. राज्य के बीआरपी-सीआरपी 19 सितंबर से हड़ताल पर है. बीआरपी-सीआरपी को भी 21 अक्तूबर तक काम पर लौटने को कहा गया है. पारा शिक्षक व बीअारपी-सीआरपी ने काम पर लौटने से इनकार कर दिया है.
संघ सरकार से कोई वार्ता नहीं करेगी, जब तक समायोजन नीति नहीं बनायी जाती है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने हड़ताली पारा शिक्षकों को 25 अक्तूबर तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है. 25 अक्तूबर तक काम पर नहीं लौटने वाले पारा शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. राज्य के बीआरपी-सीआरपी 19 सितंबर से हड़ताल पर है. बीआरपी-सीआरपी को भी 21 अक्तूबर तक काम पर लौटने को कहा गया है. पारा शिक्षक व बीअारपी-सीआरपी ने काम पर लौटने से इनकार कर दिया है.
परियोजना कर्मियों का भी अल्टीमेटम समाप्त
झारखंड शिक्षा परियोजना के कर्मचारियों को भी सरकार ने 19 अक्तूबर तक
काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया था. अल्टीमेटम समाप्त होने के बाद
कर्मचारी काम पर नहीं लौटे. झारखंड शिक्षा परियोजना के कर्मचारी बुधवार को
शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करने धुर्वा पहुंचे थे. पुलिस ने
कर्मचारियों को आवास तक नहीं जाने दिया. बाद में कर्मचारियों का एक
प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव से मिला. कर्मचारियों ने अपनी
मांग आप्त सचिव के समक्ष रखी. उधर, झारखंड शिक्षा परियोजना मुख्यालय में
कार्यरत 19 कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. परियोजना
द्वारा कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं
दिया.
19 से 25 अक्तूबर तक लागू रहेगी निषेधाज्ञा
जिला प्रशासन ने पूरे मोरहाबादी मैदान क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर
दिया है. डीसी मनोज कुमार के आदेश के आलोक में उप समाहर्ता जिला सामान्य
शाखा ने आदेश जारी किया है. निषेधाज्ञा 19 अक्तूबर प्रात: छह बजे से से 25
अक्तूबर रात दस बजे तक लागू रहेगी. जानकारी के अनुसार कुछ संगठनों द्वारा
मोरहाबादी मैदान में बगैर अनुमति के ही महारैली, जुलूस व प्रदर्शन करने की
आशंका जतायी गयी है. महारैली व जुलूस के कारण शांति भंग होने व
विधि-व्यवस्था की समस्या से उत्पन्न होने की भी संभावना है. इसी वजह से
पूरे मोरहाबादी मैदान परिक्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की गयी है.
योगदान नहीं देनेवालों की सूची देने का निर्देश
जिला प्रशासन ने हड़ताली परियोजना कर्मियों और कस्तूरबा गांधी बालिका
विद्यालय की शिक्षिकाओं व अन्य की सूची 24 घंटे में उपलब्ध कराने का
निर्देश दिया है. सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है
कि वे 20 अक्तूबर तक अनुपस्थित परियोजना कर्मी, शिक्षिकाएं व अन्य की सूची
उपलब्ध करायें. जिला प्रशासन की तरफ से झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय की
तरफ से बुधवार तक का ही अल्टीमेटम दिया गया था. सभी हड़ताली कर्मियों को
19 अक्तूबर तक योगदान देने का आदेश भी दिया गया था. जानकारी के अनुसार
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से अनुपस्थित रहनेवाले शिक्षकों और अन्य
कर्मियों की सूची मांगी गयी है, ताकि उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई
की जा सके. उधर, हड़ताली कर्मियों ने मांग पूरी होने की स्थिति में ही
योगदान देने की बातें दोहरायी हैं. परियोजना कर्मियों ने बुधवार को स्कूली
शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री के आवास का घेराव कर मांगों के समर्थन में एक
स्मार पत्र भी सौंपा है.
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