खूंटी : प्रदेश पारा शिक्षक संघ ने सरकार को खुली चुनौती देते हुए कहा है
कि दम हो तो सरकार उन्हें हटाकर दिखाए। बच्चों को पढ़वाना है तो सरकार को
पारा शिक्षकों को वेतनमान देना ही होगा। यह बातें झारखंड प्रदेश पारा
शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनोद तिवारी ने कही।
कहा कि सरकार को बिहार एवं अन्य राज्यों की तर्ज पर सेवा सामंजन कर वेतनमान का निर्धारण करना होगा। अन्यथा हड़ताल खत्म नहीं होगी। वे बुधवार को कचहरी परिसर में जिला पारा शिक्षक संघ को संबोधित कर रहे थे। कहा कि सरकार से हम अपने बच्चों की बेहतर पढ़ाई व परिवार को खुश रखने लायक वेतन मांग रहे हैं। हमने सरकार से बातचीत भी की, लेकिन वह सार्थक नहीं रही। बताया गुरुवार से रांची में बेमियादी घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम शुरू होगा। सरकार आंदोलन का दमन करना चाह रही है। पारा शिक्षकों को सरकार हटाना चाहती है, तो हटा दे, उसे किसना रोका है। सरकार की मंशा जीवन भर पढ़वाने के बाद शिक्षकों को हटाने की है। उपाध्यक्ष बेलाल अहमद ने सरकार को पारा शिक्षकों की आंख में धूल झोंकने और जनता को बरगलाने से बाज आने की चेतावनी दी। बताया कि मोरहाबादी आंदोलन के समय सरकार से हुए समझौते में सलाना दस फीसद वेतन बढ़ाने का था। उसी को सरकार लागू कर रही है। कहा कि सेवा समायोजन कर वेतनमान निर्धारण से कम कुछ भी पारा शिक्षकों को मंजूर नहीं होगा। बैठक को जिप सदस्य चंद्रप्रभास मुंडा, पौलुस सोय, अड़की प्रमुख सीता नाग, प्रदेश प्रवक्ता ऋषिकेश पाठक, सुखदेव राम, नेली लुकस, दयान कंडीर, सुनीता कुमारी, कृष्णा महतो, जितेन्द्र मांझी, ललित उरांव, संतोषी पांडेय, संजय मिश्रा, चंद्रशेखर महतो, संजय गुप्ता आदि ने बैठक को संबोधित किया।
कहा कि सरकार को बिहार एवं अन्य राज्यों की तर्ज पर सेवा सामंजन कर वेतनमान का निर्धारण करना होगा। अन्यथा हड़ताल खत्म नहीं होगी। वे बुधवार को कचहरी परिसर में जिला पारा शिक्षक संघ को संबोधित कर रहे थे। कहा कि सरकार से हम अपने बच्चों की बेहतर पढ़ाई व परिवार को खुश रखने लायक वेतन मांग रहे हैं। हमने सरकार से बातचीत भी की, लेकिन वह सार्थक नहीं रही। बताया गुरुवार से रांची में बेमियादी घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम शुरू होगा। सरकार आंदोलन का दमन करना चाह रही है। पारा शिक्षकों को सरकार हटाना चाहती है, तो हटा दे, उसे किसना रोका है। सरकार की मंशा जीवन भर पढ़वाने के बाद शिक्षकों को हटाने की है। उपाध्यक्ष बेलाल अहमद ने सरकार को पारा शिक्षकों की आंख में धूल झोंकने और जनता को बरगलाने से बाज आने की चेतावनी दी। बताया कि मोरहाबादी आंदोलन के समय सरकार से हुए समझौते में सलाना दस फीसद वेतन बढ़ाने का था। उसी को सरकार लागू कर रही है। कहा कि सेवा समायोजन कर वेतनमान निर्धारण से कम कुछ भी पारा शिक्षकों को मंजूर नहीं होगा। बैठक को जिप सदस्य चंद्रप्रभास मुंडा, पौलुस सोय, अड़की प्रमुख सीता नाग, प्रदेश प्रवक्ता ऋषिकेश पाठक, सुखदेव राम, नेली लुकस, दयान कंडीर, सुनीता कुमारी, कृष्णा महतो, जितेन्द्र मांझी, ललित उरांव, संतोषी पांडेय, संजय मिश्रा, चंद्रशेखर महतो, संजय गुप्ता आदि ने बैठक को संबोधित किया।
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