स्थायी नौकरी और वेतनमान की मांग को लेकर पिछले एक महीने से चल रहा पारा शिक्षकों का हड़ताल और उग्र रुप लेने लगा है. गुरुवार को बड़ी संख्या में पारा शिक्षक घेरा डालो डेरा डालो अभियान के तहत राजधानी रांची पहुंचे, जहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया है. पर आंदोलन अभी भी जारी है.
कभी वेतनमान तो कभी स्थायी नौकरी की मांग को लेकर राज्य के 77 हजार पारा शिक्षक हर एक दो महीने मे सरकार के विरुद्ध आंदोलन करते हैं. यह आंदोलन पिछले दस से ज्यादा वर्षों से लगातार चल रहा है. 17 सितंबर से हड़ताल पर गए पारा शिक्षकों को वापस बुलाने को लेकर सरकार ने जब बर्खास्तगी का अल्टिमेटम दिया तो ये और उग्र हो गए और बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी.
परिवार-गृहस्थी के साथ डाला डेरा
अध्यक्ष,पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष अजय दूबे ने कहा कि अब तक सरकार ने हमारी एक भी मांग पूरी नहीं की है. इस बार 17 सिंतबर से हम हड़ताल पर हैं. पारा शिक्षक संघ की प्रदेश संयुक्त सचिव अभिलाषा झा ने कहा कि हम अपने परिवार-बच्चे, बर्तन, राशन-पानी और गृहस्थी के सामान के साथ यहां आ गए हैं. अब साल बीते या दो साल, अपना हक लेकर ही वापस जाएंगे.
प्रशासनिक टीम तलाश रही जगह
गुरुवार को सुबह से ही पारा शिक्षकों का मोरहाबादी मैदान में जमावड़ा शुरु हो गया था. पर जैसा कि डीएसपी सह पुलिस प्रवक्ता विकासचंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 22 अक्टूबर को होनेवाली आदिवासी रैली को देखते हुए पहले से ही मोरहाबादी मैदान में निषेधाज्ञा लागू है. इस कारण पुलिस पारा शिक्षकों को हिरासत में लेकर जयपाल सिंह स्टेडियम लाई. पर वहां भी निर्माण कार्य चलने के कारण जगह पर्याप्त नहीं है. प्रशासनिक टीम पारा शिक्षकों के लिए जगह तलाश रही है.
बहरहाल, पारा शिक्षकों और सरकार के बीच पहले भी कई समझौते हुए पर उन समझौते पर सरकार ने कभी अमल नहीं किया. दूसरी तरफ अब स्कूलों मे तालाबंद है और ये पारा शिक्षक सरकार के अल्टिमेटम को सुनने तक के लिए तैयार नहीं हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि ये लड़ाई कब तक और किस हद तक अंजाम तक पहुंचती है.
कभी वेतनमान तो कभी स्थायी नौकरी की मांग को लेकर राज्य के 77 हजार पारा शिक्षक हर एक दो महीने मे सरकार के विरुद्ध आंदोलन करते हैं. यह आंदोलन पिछले दस से ज्यादा वर्षों से लगातार चल रहा है. 17 सितंबर से हड़ताल पर गए पारा शिक्षकों को वापस बुलाने को लेकर सरकार ने जब बर्खास्तगी का अल्टिमेटम दिया तो ये और उग्र हो गए और बड़े आंदोलन की घोषणा कर दी.
परिवार-गृहस्थी के साथ डाला डेरा
अध्यक्ष,पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष अजय दूबे ने कहा कि अब तक सरकार ने हमारी एक भी मांग पूरी नहीं की है. इस बार 17 सिंतबर से हम हड़ताल पर हैं. पारा शिक्षक संघ की प्रदेश संयुक्त सचिव अभिलाषा झा ने कहा कि हम अपने परिवार-बच्चे, बर्तन, राशन-पानी और गृहस्थी के सामान के साथ यहां आ गए हैं. अब साल बीते या दो साल, अपना हक लेकर ही वापस जाएंगे.
प्रशासनिक टीम तलाश रही जगह
गुरुवार को सुबह से ही पारा शिक्षकों का मोरहाबादी मैदान में जमावड़ा शुरु हो गया था. पर जैसा कि डीएसपी सह पुलिस प्रवक्ता विकासचंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 22 अक्टूबर को होनेवाली आदिवासी रैली को देखते हुए पहले से ही मोरहाबादी मैदान में निषेधाज्ञा लागू है. इस कारण पुलिस पारा शिक्षकों को हिरासत में लेकर जयपाल सिंह स्टेडियम लाई. पर वहां भी निर्माण कार्य चलने के कारण जगह पर्याप्त नहीं है. प्रशासनिक टीम पारा शिक्षकों के लिए जगह तलाश रही है.
बहरहाल, पारा शिक्षकों और सरकार के बीच पहले भी कई समझौते हुए पर उन समझौते पर सरकार ने कभी अमल नहीं किया. दूसरी तरफ अब स्कूलों मे तालाबंद है और ये पारा शिक्षक सरकार के अल्टिमेटम को सुनने तक के लिए तैयार नहीं हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि ये लड़ाई कब तक और किस हद तक अंजाम तक पहुंचती है.
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