रांची : सांसद रामटहल चौधरी ने गुरुवार को लोकसभा में पारा शिक्षकों
के स्थायीकरण व स्कूल मर्जर के मामले को उठाया. उन्होंने सरकार से मांग की,
कि झारखंड में एक भी स्कूल छात्रों की कम संख्या दिखा नहीं बंद किया जाये.
साथ ही मापदंडों को पूरा करने वाले पारा शिक्षकों को स्थायी किया जाये.
श्री चौधरी ने कहा कि झारखंड साक्षरता दर में कई राज्यों से पीछे है. यहां
पर महिला साक्षरता काफी कम है. झारखंड में अधिकांश शिक्षण कार्य पारा
शिक्षकों के माध्यम से किया जा रहा है.
आदिवासी, अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग की जनसंख्या वाले पहाड़ी
क्षेत्रों में कुछ समय से छात्रों के अभाव में स्कूल बंद किये जा रहे हैं.
स्कूल बंद होने से इन क्षेत्रों के छात्र शिक्षा सुविधा से वंचित हो
जायेंगे. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन काल में भी
छात्र कम होने पर स्कूल बंद किये जा रहे थे. परंतु अटल बिहारी वाजपेयी व
तत्कालीन शिक्षा मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने एक भी स्कूल बंद नहीं होने
दिया. साथ ही कई और स्कूलों की स्थापना में सहयोग प्रदान किया. झारखंड में
छात्रों की कम संख्या को आधार बनाकर स्कूल बंद किये जा रहे हैं.
इन स्कूलों में ज्यादातर एससी, एसटी और ओबीसी बच्चे पढ़ते हैं.
उन्होंने कहा कि स्थायीकरण की पात्रता पूरी करनेवाले पारा शिक्षकों को
स्थायी किया जाये. इनका मानदेय बढ़ाया जाये. जिस प्रकार छत्तीसगढ़, उत्तर
प्रदेश, ओड़िसा व बिहार में पारा शिक्षकों को स्थायी किया गया है, उसी
प्रकार झारखंड के पारा शिक्षकों को भी स्थायी किया जाये.
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