संवाद सूत्र, नोवामुंडी : प्रखंड उपप्रमुख ज्योत्सना खिलार ने कहा कि
अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे पारा शिक्षकों की मांगें जायज हैं। पारा
शिक्षकों से सरकारी शिक्षक की तरह सेवा ली जाती है। परंतु उनका मानदेय एक
दिहाड़ी मजदूर की मजदूरी से भी कम है।
मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे पारा शिक्षकों की लड़ाई में जनप्रतिनिधि भी साथ हैं। प्रखंड उपप्रमुख ज्योत्सना खिलार ने शुक्रवार को प्रखंड किसान भवन में आयोजित जनप्रतिनिधि व पारा शिक्षकों की संयुक्त बैठक में यह बातें कहीं। उन्होंने बताया कि इनकी मांगें जायज हैं। पारा शिक्षक अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। परंतु सरकार शिक्षकों पर लाठी डंडे बरसाकर इनकी मांगों को कुचलने के प्रयास कर रही है। जो सरासर अनुचित है। गुंडीजोड़ा उत्क्रमित प्राथमिक स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष बुधराम चातोंबा ने बताया कि सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को ठुकराकर गरीब बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित कर रही है। कई स्कूल पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहे स्कूलों में कुछ दिनों के लिए सरकारी शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया था। परंतु मूल स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होने का बहाना बनाकर उन्हें वापस बुला लिया गया। ऐसी स्थिति में पढ़ाई बंद होने के सिवा कोई विकल्प नहीं है। मौके पर उपस्थित बालीझरन मुखिया राज बारजो, प्रखंड एकीकृत पारा शिक्षक संघ अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार ने भी अपना विचार रखा। बैठक में विभिन्न स्कूलों की रसोइया भी पहुंची थीं।
मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे पारा शिक्षकों की लड़ाई में जनप्रतिनिधि भी साथ हैं। प्रखंड उपप्रमुख ज्योत्सना खिलार ने शुक्रवार को प्रखंड किसान भवन में आयोजित जनप्रतिनिधि व पारा शिक्षकों की संयुक्त बैठक में यह बातें कहीं। उन्होंने बताया कि इनकी मांगें जायज हैं। पारा शिक्षक अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। परंतु सरकार शिक्षकों पर लाठी डंडे बरसाकर इनकी मांगों को कुचलने के प्रयास कर रही है। जो सरासर अनुचित है। गुंडीजोड़ा उत्क्रमित प्राथमिक स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष बुधराम चातोंबा ने बताया कि सरकार पारा शिक्षकों की मांगों को ठुकराकर गरीब बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित कर रही है। कई स्कूल पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहे स्कूलों में कुछ दिनों के लिए सरकारी शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया था। परंतु मूल स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होने का बहाना बनाकर उन्हें वापस बुला लिया गया। ऐसी स्थिति में पढ़ाई बंद होने के सिवा कोई विकल्प नहीं है। मौके पर उपस्थित बालीझरन मुखिया राज बारजो, प्रखंड एकीकृत पारा शिक्षक संघ अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुमार ने भी अपना विचार रखा। बैठक में विभिन्न स्कूलों की रसोइया भी पहुंची थीं।
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