कांडी: झारखंड सरकार द्वारा पारा शिक्षकों पर रांची में लाठी चार्ज से
शिक्षकों में रोष है। सरकार की दमनात्मक कारवाई के खिलाफ कांडी प्रखंड के
सभी 73 विद्यालयों में कार्यरत 197 पारा शिक्षक व शिक्षिका शुक्रवार से
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।. पारा शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के कारण
विभिन्न विद्यालयों में
अनिश्चित काल के लिए ताला लटक गया। जिसमें 18 उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, 12 नव प्राथमिक विद्यालय तथा एक प्राथमिक विद्यालय शामिल है। इन विद्यालयों का पठन-पाठन पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहा था। इधर मध्य विद्यालयों व उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में भी पठन-पाठन भी पूरी तरह प्रभावित हो चुका है। पारा शिक्षकों का कहना है कि पंद्रह वर्षो से संघर्षरत निहत्थे पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज सरकार के हताशा का परिचायक हैं। इस बार मुख्यमंत्री के अंग्रेजी शासन के काला कानून के खिलाफ पारा शिक्षक कमर कस कर तैयार हो चुके हैं। सरकार द्वारा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी शिक्षकों को गिरफ्तार कर रखना अंग्रेजों के रौलेक्ट एक्ट की याद दिलाती है। इधर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ व बीआरपी-सीआरपी महासंघ ने भी पारा शिक्षकों के मांग को जायज मानते हुए उनके उपर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज की ¨नदा की है।
अनिश्चित काल के लिए ताला लटक गया। जिसमें 18 उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, 12 नव प्राथमिक विद्यालय तथा एक प्राथमिक विद्यालय शामिल है। इन विद्यालयों का पठन-पाठन पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहा था। इधर मध्य विद्यालयों व उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में भी पठन-पाठन भी पूरी तरह प्रभावित हो चुका है। पारा शिक्षकों का कहना है कि पंद्रह वर्षो से संघर्षरत निहत्थे पारा शिक्षकों पर लाठी चार्ज सरकार के हताशा का परिचायक हैं। इस बार मुख्यमंत्री के अंग्रेजी शासन के काला कानून के खिलाफ पारा शिक्षक कमर कस कर तैयार हो चुके हैं। सरकार द्वारा कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भी शिक्षकों को गिरफ्तार कर रखना अंग्रेजों के रौलेक्ट एक्ट की याद दिलाती है। इधर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ व बीआरपी-सीआरपी महासंघ ने भी पारा शिक्षकों के मांग को जायज मानते हुए उनके उपर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज की ¨नदा की है।
No comments:
Post a Comment