हजारीबाग : स्थायी करने की मांग कर रहे पारा शिक्षकों पर रांची के
मोहराबादी में हुए लाठीचार्ज और अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा के पहले दिन
पारा शिक्षक स्कूल तो गए लेकिन, न तो हाजिरी बनाई और न ही बच्चों को
पढ़ाया। हड़ताल की सूचना व आवेदन देकर सभी पारा शिक्षक चले गए।
पूरे दिन स्कूलों में कक्षाएं नहीं हुई। निर्धारित समय से स्कूल के अन्य सहायक विद्यालय बंद कर घर चले गए। जिले में 4 हजार 42 पारा शिक्षक हैं। कुल 608 नव प्राथमिक विद्यालय पारा शिक्षकों के जिम्मे संचालित हैं। करीब 150 उत्क्रमित, मध्य वि. प्राथमिक विद्यालयों में भी पारा शिक्षक पढ़ाने का काम कराते हैं। पारा शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के बाद उपायुक्त के निर्देश पर चार सौ विद्यालयों में शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया है। सरकारी शिक्षक हड़ताल अवधि तक इन स्कूलों में व्यवस्था देखेंगे। शिक्षकों को प्रतिनियोजित करने का कार्य देर रात जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में चलता रहा। हड़ताल पर चले जाने से 608 नव प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। ग्राम समिति ने भी बताया कि बच्चे आए और मध्याह्न भोजन खाने के बाद चले गए। बीआईटी मेसरा में गिरफ्तार हजारीबाग के 20 पारा शिक्षक भेजे गए जेल
जिला प्रवक्ता प्रमोद कुमार मेहता के अनुसार आंदोलन में शामिल होने गए जिले के 33 सौ में 20 पारा शिक्षकों को पुलिस ने जेल भेजा है। कुल 600 से अधिक शिक्षकों को जेल भेजा गया है। पारा शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा। इनमें कई प्रखंड स्तर के नेता भी शामिल हैं।
स्कूलों से गायब रहे 3323 पारा शिक्षक, 739 ने बनाई उपस्थिति
15 नवंबर को विरोध को लेकर स्कूलों से 3323 पारा शिक्षक गायब रहे। वहीं ऐसे 739 पारा शिक्षक रहे जो स्कूलों में हाजिरी तो बनाई लेकिन कक्षा नहीं ली, छुट्टी का आवेदन दिया और घर चले गए । जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट में ये पुष्टि हुई है। सबसे अधिक अनुपस्थिति कटकमसांडी 344, चौपारण 321, विष्णुगढ 421,बरकट्ठा 283, बड़कागांव 203 रही।
पदमा, चुरचू, टाटीझरिया, कटकमसांडी में शत प्रतिशत शिक्षक रहे अनुपस्थित
आंदोलन को लेकर जिले के 16 प्रखंडों में आधा दर्जन प्रखंडों से पारा शिक्षक शतप्रतिशत अनुपस्थित रहे।
इनमें पदमा, चुरचू, टाटीझरिया, कटकमसांडी, बरही, कटकमसांडी सहित अन्य प्रखंड शामिल हैं।
आंदोलन में भाग लेने कटकमसांडी से 345 -344 शिक्षक गए थे। इसी पदमा से 166, विष्णुगढ़ से 410 - 401, चुरचू -139 - 137,टाटीझरिय 170, दारु 113, सदर से 183 -175 शामिल हैं। कुल चार हजार 62 में 3323 शिक्षक अनुपस्थित रहे।
पूरे दिन स्कूलों में कक्षाएं नहीं हुई। निर्धारित समय से स्कूल के अन्य सहायक विद्यालय बंद कर घर चले गए। जिले में 4 हजार 42 पारा शिक्षक हैं। कुल 608 नव प्राथमिक विद्यालय पारा शिक्षकों के जिम्मे संचालित हैं। करीब 150 उत्क्रमित, मध्य वि. प्राथमिक विद्यालयों में भी पारा शिक्षक पढ़ाने का काम कराते हैं। पारा शिक्षकों के हड़ताल पर चले जाने के बाद उपायुक्त के निर्देश पर चार सौ विद्यालयों में शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया है। सरकारी शिक्षक हड़ताल अवधि तक इन स्कूलों में व्यवस्था देखेंगे। शिक्षकों को प्रतिनियोजित करने का कार्य देर रात जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में चलता रहा। हड़ताल पर चले जाने से 608 नव प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। ग्राम समिति ने भी बताया कि बच्चे आए और मध्याह्न भोजन खाने के बाद चले गए। बीआईटी मेसरा में गिरफ्तार हजारीबाग के 20 पारा शिक्षक भेजे गए जेल
जिला प्रवक्ता प्रमोद कुमार मेहता के अनुसार आंदोलन में शामिल होने गए जिले के 33 सौ में 20 पारा शिक्षकों को पुलिस ने जेल भेजा है। कुल 600 से अधिक शिक्षकों को जेल भेजा गया है। पारा शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा। इनमें कई प्रखंड स्तर के नेता भी शामिल हैं।
स्कूलों से गायब रहे 3323 पारा शिक्षक, 739 ने बनाई उपस्थिति
15 नवंबर को विरोध को लेकर स्कूलों से 3323 पारा शिक्षक गायब रहे। वहीं ऐसे 739 पारा शिक्षक रहे जो स्कूलों में हाजिरी तो बनाई लेकिन कक्षा नहीं ली, छुट्टी का आवेदन दिया और घर चले गए । जिला शिक्षा परियोजना कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट में ये पुष्टि हुई है। सबसे अधिक अनुपस्थिति कटकमसांडी 344, चौपारण 321, विष्णुगढ 421,बरकट्ठा 283, बड़कागांव 203 रही।
पदमा, चुरचू, टाटीझरिया, कटकमसांडी में शत प्रतिशत शिक्षक रहे अनुपस्थित
आंदोलन को लेकर जिले के 16 प्रखंडों में आधा दर्जन प्रखंडों से पारा शिक्षक शतप्रतिशत अनुपस्थित रहे।
इनमें पदमा, चुरचू, टाटीझरिया, कटकमसांडी, बरही, कटकमसांडी सहित अन्य प्रखंड शामिल हैं।
आंदोलन में भाग लेने कटकमसांडी से 345 -344 शिक्षक गए थे। इसी पदमा से 166, विष्णुगढ़ से 410 - 401, चुरचू -139 - 137,टाटीझरिय 170, दारु 113, सदर से 183 -175 शामिल हैं। कुल चार हजार 62 में 3323 शिक्षक अनुपस्थित रहे।
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