भास्कर न्यूज | धमतरी एक ओर जिले में शिक्षा विभाग में ही करीब 2 हजार से अधिक पद खाली हैं,
वहीं दूसरी ओर डीएड और बीएड प्रशिक्षित सैकड़ों बेरोजगार नौकरी की मांग को
लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। दूसरी ओर सरकार आउटसोर्सिंग के जरिए
बाहरी युवाओं की भर्ती कर रही है।
गुरुवार को इन बेरोजगारों ने शहर में आक्रोश रैली निकालकर सरकार से आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने की मांग की। जिले के सभी डीएड व बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने दोपहर 12 बजे पुरानी कृषि मंडी से आक्रोश रैली निकाली। रैली में शामिल बेरोजगार आउटसोर्सिंग पर लगाएं रोक, भर्ती प्रक्रिया शुरु करें जैसे स्लोगन लिखी तख्ती लेकर चल रहे थे।
संघ के यशकुमार नागरची, लक्ष्मीकांत साहू, राकेश साहू, वासुदेव साहू, चंद्रवीर मेश्राम ने कहा कि वे बीएड व डीएड उत्तीर्ण हैं। इसके बावजूद वे बेरोजगार हैं। शासन की ओर से शिक्षकों की भर्ती 2011-12 के बाद से बंद कर दी गई है, जिससे बीएड व डीएड अभ्यार्थियों को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है। जिले में करीब 500 बेरोजगार हैं, जो दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
बेरोजगारों की मांग : प्रदेश में आउटसोर्सिंग पर रोक लगाकर डीएड व बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों को भर्ती में प्राथमिकता दें
ऑनलाइन आवेदन परीक्षा की मांग
बीएड, डीएड संघ के जिला जिलाध्यक्ष चेतन देवांगन ने बताया कि जिले में शिक्षकों के 2 हजार पद खाली पड़े हैं। इससे स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। संघ की मांग है कि जल्द ही भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाए व भर्ती जिला स्तर पर की जाए। इसका जिम्मा व्यापमं को सौंपा जाए। धरना प्रदर्शन में नंदनी गौर, वीणा साहू, भूमि साहू, मितेश साहू, मीनाक्षी साहू, केतन सिंह चौधरी, सोहन साहू शामिल थे।
भर्ती प्रक्रिया पर शासन की रोक
जिला शिक्षाधिकारी पीकेएस बघेल ने कहा कि सरकार ने वर्ग 2 और 3 की भर्ती प्रक्रिया पर सीधे रोक लगा दी है, इसलिए हमारे हाथ में कुछ भी नहीं है। वर्ग 1 की भर्ती प्रक्रिया हो रही है, लेकिन यह भी जिला पंचायत से। जिले में शिक्षा विभाग अंतर्गत हेडमास्टर, शिक्षक, चपरासी, बाबू मिलाकर 9 हजार 13 पद हैं, पर वर्तमान में इनमें से 6 हजार 701 पद ही भरे हुए हैं और 2 हजार 312 पद खाली हैं। जिले में प्राथमिक शालाओं में शिक्षकों की समस्या नहीं है। मिडिल में थोड़ी समस्या है, जो पदोन्नति से काफी हद तक दूर हो जाएगी। वर्ग 1 के लिए आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती किए जाने की संभावना है।
हेडमास्टर समेत शिक्षकों के पद खाली
भास्कर ने अपनी पड़ताल में पाया है कि जिले में शिक्षकों की ज्यादातर समस्या मिडिल स्कूलों में है। हेड मास्टर के 60 फीसदी पद खाली हैं। ऐसे में शिक्षकों को ही प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। सबसे बुरी स्थिति नगरी ब्लाक की है। यहां के अनेक स्कूलों में 2-3 शिक्षकों से ही काम चलाया जा रहा है। नक्सल प्रभावित स्कूलों में ज्यादा समस्या है। प्रायमरी के 880, मिडिल के 450 स्कूल हैं। इनमें मात्र 312 रेगुलर शिक्षक हैं। स्कूल ज्यादातर शिक्षाकर्मियों के भरोसे हैं। जिले में 2 हजार 312 पद रिक्त हैं। इनमें प्राचार्य 30, व्याख्याता पंचायत 336, व्यायाम शिक्षक पीटीआई 55, प्रधानपाठक प्रायमरी 552, प्रधानपाठक मिडिल 131, शिक्षक पंचायत वर्ग 2 के 203, भृत्य 655 व चौकीदार के 102 पद शामिल हैं।
436
व्याख्याता पंचायत
131प्रधान पाठक मिडिल
30
प्राचार्य
552प्रधान पाठक प्रायमरी
586
02
2312
शिक्षा विभाग में रिक्त पद
धमतरी. डीएड-बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने शहर में आक्रोश रैली निकालकर गांधी चौक पर धरना दिया।
गुरुवार को इन बेरोजगारों ने शहर में आक्रोश रैली निकालकर सरकार से आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने की मांग की। जिले के सभी डीएड व बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने दोपहर 12 बजे पुरानी कृषि मंडी से आक्रोश रैली निकाली। रैली में शामिल बेरोजगार आउटसोर्सिंग पर लगाएं रोक, भर्ती प्रक्रिया शुरु करें जैसे स्लोगन लिखी तख्ती लेकर चल रहे थे।
संघ के यशकुमार नागरची, लक्ष्मीकांत साहू, राकेश साहू, वासुदेव साहू, चंद्रवीर मेश्राम ने कहा कि वे बीएड व डीएड उत्तीर्ण हैं। इसके बावजूद वे बेरोजगार हैं। शासन की ओर से शिक्षकों की भर्ती 2011-12 के बाद से बंद कर दी गई है, जिससे बीएड व डीएड अभ्यार्थियों को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है। जिले में करीब 500 बेरोजगार हैं, जो दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
बेरोजगारों की मांग : प्रदेश में आउटसोर्सिंग पर रोक लगाकर डीएड व बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों को भर्ती में प्राथमिकता दें
ऑनलाइन आवेदन परीक्षा की मांग
बीएड, डीएड संघ के जिला जिलाध्यक्ष चेतन देवांगन ने बताया कि जिले में शिक्षकों के 2 हजार पद खाली पड़े हैं। इससे स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। संघ की मांग है कि जल्द ही भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाए व भर्ती जिला स्तर पर की जाए। इसका जिम्मा व्यापमं को सौंपा जाए। धरना प्रदर्शन में नंदनी गौर, वीणा साहू, भूमि साहू, मितेश साहू, मीनाक्षी साहू, केतन सिंह चौधरी, सोहन साहू शामिल थे।
भर्ती प्रक्रिया पर शासन की रोक
जिला शिक्षाधिकारी पीकेएस बघेल ने कहा कि सरकार ने वर्ग 2 और 3 की भर्ती प्रक्रिया पर सीधे रोक लगा दी है, इसलिए हमारे हाथ में कुछ भी नहीं है। वर्ग 1 की भर्ती प्रक्रिया हो रही है, लेकिन यह भी जिला पंचायत से। जिले में शिक्षा विभाग अंतर्गत हेडमास्टर, शिक्षक, चपरासी, बाबू मिलाकर 9 हजार 13 पद हैं, पर वर्तमान में इनमें से 6 हजार 701 पद ही भरे हुए हैं और 2 हजार 312 पद खाली हैं। जिले में प्राथमिक शालाओं में शिक्षकों की समस्या नहीं है। मिडिल में थोड़ी समस्या है, जो पदोन्नति से काफी हद तक दूर हो जाएगी। वर्ग 1 के लिए आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती किए जाने की संभावना है।
हेडमास्टर समेत शिक्षकों के पद खाली
भास्कर ने अपनी पड़ताल में पाया है कि जिले में शिक्षकों की ज्यादातर समस्या मिडिल स्कूलों में है। हेड मास्टर के 60 फीसदी पद खाली हैं। ऐसे में शिक्षकों को ही प्रभार देकर काम चलाया जा रहा है। सबसे बुरी स्थिति नगरी ब्लाक की है। यहां के अनेक स्कूलों में 2-3 शिक्षकों से ही काम चलाया जा रहा है। नक्सल प्रभावित स्कूलों में ज्यादा समस्या है। प्रायमरी के 880, मिडिल के 450 स्कूल हैं। इनमें मात्र 312 रेगुलर शिक्षक हैं। स्कूल ज्यादातर शिक्षाकर्मियों के भरोसे हैं। जिले में 2 हजार 312 पद रिक्त हैं। इनमें प्राचार्य 30, व्याख्याता पंचायत 336, व्यायाम शिक्षक पीटीआई 55, प्रधानपाठक प्रायमरी 552, प्रधानपाठक मिडिल 131, शिक्षक पंचायत वर्ग 2 के 203, भृत्य 655 व चौकीदार के 102 पद शामिल हैं।
436
व्याख्याता पंचायत
131प्रधान पाठक मिडिल
30
प्राचार्य
552प्रधान पाठक प्रायमरी
586
02
2312
शिक्षा विभाग में रिक्त पद
धमतरी. डीएड-बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों ने शहर में आक्रोश रैली निकालकर गांधी चौक पर धरना दिया।
No comments:
Post a Comment