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शिक्षक बनने की थी चाहत, बन गया नक्सली

पाकुड़ : दुमका के गोपीकांदर से बुधवार को गिरफ्तार नक्सली गोविंद मरांडी की इच्छा शिक्षक बनने की थी। इसलिए उसने इंटर की पढ़ाई पूरी की। फिर वर्ष 2001 में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए हजारीबाग चला गया। वर्ष 2003 में लौटने के बाद उसने बीए की पढ़ाई पूरी की और गुम्मा मोड़ मिशन स्कूल में बच्चों को पढ़ाने में जुट गए। गोविंद वर्ष 2004 में नक्सली दस्ता में शामिल हुआ था।
उनकी मुलाकात सरुआपानी गांव निवासी कुख्यात नक्सली बद्री राय से हुई थी। बद्री ने ही उसे नक्सली दस्ता में शामिल किया था।
बता दें कि दुमका पुलिस ने शिकारीपाड़ा के तत्कालीन थाना प्रभारी शमशाद अंसारी हत्याकांड में शामिल नक्सली गोविंद मरांडी को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया है। उसके खिलाफ 2008 में थानेदार शमशाद अंसारी समेत तीन पुलिसकर्मियों की हत्या, 2009 में मटियाजोरी में शंकर सोरेन और 2009 में बीएसएफ जवान की हत्या कर हथियार छीनने का मामला दर्ज है। नक्सली गोविंद पाकुड़ के अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के पचुवाड़ा गांव अंतर्गत टाटीटोला मुहल्ले का रहने वाला है। पुलिस को काफी दिनों से इनकी तलाश थी। अमड़ापाड़ा थाना में भी चार मामले दर्ज हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गोविंद मरांडी ग्रामीणों के साथ मिलकर वर्ष 2003 में पैनम कोल माइंस का पुरजोर विरोध किया था। कंपनी के तत्कालीन निदेशक डी शरण ने उसे बुलाकर ऐसा करने से मना किया था। नक्सली दस्ता में शामिल होने के बाद गोविंद ने वर्ष 2005 के नवंबर महीने में पहली घटना को अंजाम दिया। उसने नक्सली सुकलाल मरांडी व अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर पैनम कोल माइंस के सड़क निर्माण कार्य में लगे बुलडोजर को क्षतिग्रस्त कर दिया और काम बंद रखने की धमकी भी दी। कुछ दिन बाद निर्माण कार्य में लगे कर्मियों से रात में मारपीट कर एक डंपर को आगे के हवाले कर दिया था। इस घटना के बाद उसने इस क्षेत्र को छोड़ दिया था। फिर वर्ष 2007 में गोविंद, बद्री राय, रामलाल राय, नागेश्वर हेम्ब्रम, शिखर किस्कु, मंगल देहरी, गुणाधर देहरी, दिनेश देहरी, मनोज देहरी ने आलूबेड़ा के पास ¨लक रोड पर पत्थर रखकर रोड जाम किया और आठ डंपरों के टायर में आग लगा दी।
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2007 में शुरू किया प्रचार-प्रसार
वर्ष 2007 के अक्टूबर महीने में नक्सली गोविंद, शिखर किस्कु के अलावा दस्ता में शामिल 13 सदस्यों ने बांधापाड़ा गांव के उलटोला गांव में बैठक कर स्थानीय युवकों को नक्सली सदस्य बनाने के लिए रणनीति बनायी थी। इस बैठक में तीन महिला नक्सली भी शामिल थी। सभी नक्सली हरवे-हथियार से लैस थे। गोविंद मरांडी, शिखर किस्कु आदि ने लोगों को संगठन में शामिल करने के लिए प्रचार-प्रसार शुरू किया था। ग्रामीणों को इसके लिए धमकाता भी था।
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अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र में हुई घटना के बाद वह गोपीकांदर क्षेत्र में ही छिपकर रहता था। उसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी भी की गयी थी। अब इस क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों में कमी आएगी।

अजय ¨लडा, पुलिस अधीक्षक, पाकुड़। 

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