मझिआंव: सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को पढ़ाई-लिखाई के बजाय विद्यालय से
संबंधित अभिलेखों के निष्पादन करने के काम में लगा दिया गया है। शिक्षक
क्लर्क बन गए हैं। जिससे विद्यालय के पठन पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
उक्त बातें शिक्षा विभाग के विधायक प्रतिनिधि संजन ¨सह ने कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों पर अतिरिक्त कागजी प्रक्रिया का निष्पादन कराया जा रहा है। जिससे पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। शिक्षक अभिलेखों के निष्पादन में ही ज्यादा समय दे रहे हैं। सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है। शिक्षकों की कमी के कारण स्कूल में पढ़ने के बदले बच्चे खुले मैदान में खेलते रहते हें। उन्होंने सरकार से सभी रिक्त पदों को भरने की मांग की है। कहा कि कामकाज निपटाने के लिए स्कूलों में क्लर्क बहाल किए जाएं। इधर इसकी पुष्टि राजकीयकृत उवि के प्रधानाध्यापक ¨वध्यांचल ¨सह ने भी की है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी है। इसके बावजूद विभाग की ओर से कागजी प्रक्रिया का बोझा डाल दिया गया है। पठन पाठन प्रभावित हो रहा है।
उक्त बातें शिक्षा विभाग के विधायक प्रतिनिधि संजन ¨सह ने कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों पर अतिरिक्त कागजी प्रक्रिया का निष्पादन कराया जा रहा है। जिससे पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है। शिक्षक अभिलेखों के निष्पादन में ही ज्यादा समय दे रहे हैं। सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है। शिक्षकों की कमी के कारण स्कूल में पढ़ने के बदले बच्चे खुले मैदान में खेलते रहते हें। उन्होंने सरकार से सभी रिक्त पदों को भरने की मांग की है। कहा कि कामकाज निपटाने के लिए स्कूलों में क्लर्क बहाल किए जाएं। इधर इसकी पुष्टि राजकीयकृत उवि के प्रधानाध्यापक ¨वध्यांचल ¨सह ने भी की है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी है। इसके बावजूद विभाग की ओर से कागजी प्रक्रिया का बोझा डाल दिया गया है। पठन पाठन प्रभावित हो रहा है।
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