रांची : राज्य में इंटरमीडिएट स्तर पर 25 विषयों की पढ़ाई होती है. पर
सरकार मात्र 11 विषय में ही शिक्षकों की नियुक्ति करती है. इस कारण
इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन में काफी परेशानी होती है. इन
विषयों के उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल को इंटर
कॉलेज के शिक्षकों के भरोसे रहना पड़ता है. सरकार द्वारा इंटर की पढ़ाई के
लिए राज्य में वर्तमान में 230 प्लस टू उच्च विद्यालय चलाये जा रहे हैं. इन
विद्यालयों में 11 विषय के शिक्षकों के पद सृजित हैं.
इनमें साइंस व कॉमर्स के लगभग सभी प्रमुख विषयों में शिक्षकों के पद सृजित किये गये हैं. कला संकाय के लिए इतिहास, भूगोल, संस्कृत विषय के पद सृजित किये गये हैं. इंटर में कला संकाय में इतिहास के अलावा राजनीति शास्त्र व समाज शास्त्र ऐसे विषय हैं जिससे सबसे अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं, पर प्लस टू स्कूलों में राजनीति शास्त्र व समाज शास्त्र जैसे विषयों के शिक्षक नहीं हैं. वैसे विद्यार्थी जो प्लस टू उच्च विद्यालय में इंटर कला संकाय में नामांकन लेते हैं, उन्हें इन विषयों की पढ़ाई अपने स्तर से करनी होती है. राज्य के विद्यार्थी काफी दिनों से इन विषयाें में भी पद सृजित करने की मांग कर रहे हैं.
इनमें साइंस व कॉमर्स के लगभग सभी प्रमुख विषयों में शिक्षकों के पद सृजित किये गये हैं. कला संकाय के लिए इतिहास, भूगोल, संस्कृत विषय के पद सृजित किये गये हैं. इंटर में कला संकाय में इतिहास के अलावा राजनीति शास्त्र व समाज शास्त्र ऐसे विषय हैं जिससे सबसे अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल होते हैं, पर प्लस टू स्कूलों में राजनीति शास्त्र व समाज शास्त्र जैसे विषयों के शिक्षक नहीं हैं. वैसे विद्यार्थी जो प्लस टू उच्च विद्यालय में इंटर कला संकाय में नामांकन लेते हैं, उन्हें इन विषयों की पढ़ाई अपने स्तर से करनी होती है. राज्य के विद्यार्थी काफी दिनों से इन विषयाें में भी पद सृजित करने की मांग कर रहे हैं.
इन विषयों के पद सृजित नहीं : प्लस टू उच्च विद्यालयों में राजनीति
शास्त्र, मानव शास्त्र, दर्शन शास्त्र, समाज शास्त्र, भूगर्भ शास्त्र,
एकाउंटेंसी, गृह विज्ञान, जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा, बिजनेस मैथ, कंप्यूटर
सांइस, संगीत, वोकेशनल विषय, उर्दू व मनोविज्ञान जैसे विषयों के लिए शिक्षक
के पद सृजित नहीं है. इन विषयों से प्रति वर्ष इंटर की परीक्षा में काफी
संख्या में परीक्षार्थी शामिल होते हैं.
280 प्लस टू स्कूलों में पद सृजन की प्रक्रिया शुरू : राज्य में 280
हाइस्कूल को प्लस टू हाइस्कूल में अपग्रेड किया गया है. इन विद्यालयाें में
शिक्षकों के पद सृजन की प्रक्रिया शुरू की गयी है. विद्यालयों में भी 11
विषय में ही शिक्षकों के पद सृजित करने का प्रस्ताव है. पद सृजन के
प्रस्ताव को विभागीय स्तर पर सहमति मिल गयी है.
जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षक नहीं
प्लस टू उच्च विद्यालय में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों के
पद सृजित नहीं हैं. स्कूलों में हो, मुंडारी, संताली, उरांव, पंचपरगनिया,
नागपुरी, कुरमाली व खोरठा की पढ़ाई होती है़. प्लस टू स्कूल के अलावा
उच्च विद्यालयों में भी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की कमी है़
इंटर कॉलेजों में भी इन विषय के शिक्षकों की कमी है़ इंटर कॉलेजों
में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों के दूसरे पद सृजित करने का
प्रस्ताव शिक्षा विभाग में लंबित है़ स्कूल के अलावा विश्वविद्यालय में
भी जनजातीय भाषा के शिक्षकों की कमी है.
प्लस टू स्कूलों में विषयवार शिक्षक
विषय पद शिक्षक
हिंदी 230 213
अंगरेजी 230 95
संस्कृत 230 198
अर्थशास्त्र 230 204
भूगोल 230 224
जीव विज्ञान 230 136
गणित 230 109
रसायन 230 59
भौतिकी 230 59
इतिहास 230 59
वाणिज्य 230 99
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