गढ़वा के डीईओ बालेश्वर साहनी ने कहा कि केवल पदाधिकारी से नहीं आपकी
ईच्छाशक्ति से ही सबकुछ बदल सकता है। पलामू डीईओ मीना कुमारी राय ने कहा कि
सरकारी स्कूल के टीचरों की विद्वता जगजाहिर है। फिर हमें डरने की कोई
जरूरत नहीं। बस सजग रहकर अपने कर्तव्य का निर्वहन करने की जरूरत है।
यदि बच्चों में हम संस्कारवान नहीं बना पाते हैं तो यह शिक्षकों की असफलता है। नेतरहाट स्कूल के प्राचार्य विंध्याचल पांडेय ने कहा कि परीक्षार्थियों के पास अब समय नहीं है। जरूरत इस बात की है कि उन्हें सूक्ष्म और तथ्यात्मक जानकारी दी जाए। जैक के सदस्य प्रसाद पासवान ने कहा कि शिक्षा सबसे ताकतवर हथियार है। इसके माध्यम से बच्चों को ताकतवर बनाने की जरूरत है।
इसके पूर्व आरडीडीई रामयतन राम ने कहा कि बिना किसी अभाव का रोना रोएं और बिना एक्सक्यूज के जब तक शिक्षक अपनी ड्यूटी को नहीं समझेेंगे तब तक कुछ भी संभव नहीं है। बच्चों में अनुशासन के साथ-साथ शिक्षकों को भी अनुशासित होना होगा। उन्होंने कहा कि यह कहना बेमतलब की बात है कि अभिभावक की सजगता से ही बच्चे बेहतर कर सकते हैं। बच्चों का पूरा जीवन शिक्षक के हाथ में है। शिक्षकों को खुद को ऐसा बनाना होगा कि पैरेंट्स उनपर यह विश्वास कर सकें कि शिक्षक भरोसे के लायक है।
कहा, पूरी साल मेहनत करने के बाद छात्र परीक्षा में बैठता है तो उसको किए पर गुडफील होना चाहिए
कार्यक्रम का उदघाटन करते जैक अध्यक्ष अन्य, उपस्थित शिक्षक लेक्चरर।
भास्कर न्यूज | मेदिनीनगर
झारखंड अधिविद्य परिषद के चेयरमैन डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षक जैसा सम्मन का पद दूसरा और कोई नहीं। रामकृष्ण शिक्षक ही थे, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद को महान बनाया। चाणक्य ने चंद्रगुप्त को गढ़ा। यदि शिक्षक ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करें तो छात्र उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं।। लेकिन तकलीफ इस बात की है कि जब मैट्रिक इंटर के रिजल्ट आते हैं तो उनपर सरकार के कोड़े बरसने लगते हैं। इसका मतलब साफ है कि हमें अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा। जैक चेयरमैन टाउन हॉल में मैट्रिक इंटर के रिजल्ट को बेहतर करने के उद्देश्य से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे। जैक चेयरमैन ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक मूल्यांकन के समय अतिरिक्त कंजूसी से बचें। परीक्षा बेशक वे कड़ाई से लें।
लेकिन जब कॉपी जांचने की बात होती है तो वे छात्रों को निराश नहीं करें। जो छात्र पूरी साल तैयारी करके लिखता है यदि उसका कोई उत्तर गलत भी होता है तो उसकी प्रोसेस पर स्टेप मार्किंग करते हुए उसे नंबर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक को हमेशा ध्यान में रखना होगा कि वे बच्चे हमारे हैं।
परीक्षा के बाद रिजल्ट पर उन्हें गुडफील कराने की जरूरत है। ताकि उसे उसके परिश्रम का अपेक्षित पारिश्रमिक मिल सके। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह शिक्षक ही है जिसे पढ़ाने से लेकर परीक्षा लेने और नंबर देने सबकी जिम्मेवारी सौंपी गई है। फिर हम क्यों पिछड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक अपने आप को सर्वपल्ली राधाकृष्णन और एपीजे अब्दुल कलाम मानें। ताकि वे इस पेशे को स्वयं बेहतर पेशा मान सकें। इससे आपको आत्मसुतंष्टि मिलेगी। जैक द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का संचालन प्रशांत कुमार ने किया। मौके पर झारखंड इंटरमीडिएट शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी संघ ने जैक चेयरमैन को सम्मानित किया। इस अवसर पर लातेहार डीईओ निरजा कुजूर, डीएवी स्कूल के प्राचार्य वीके पांडेय, शिक्षाविद प्रो. एससी मिश्रा, महेंद्र सिंह, चंद्रबली चौबे, राकेश मिश्रा, रामाश्रय दूबे, प्रियरंजन पाठक, अनुज शुक्ला, सतीश दूबे, आमोद सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।
यदि बच्चों में हम संस्कारवान नहीं बना पाते हैं तो यह शिक्षकों की असफलता है। नेतरहाट स्कूल के प्राचार्य विंध्याचल पांडेय ने कहा कि परीक्षार्थियों के पास अब समय नहीं है। जरूरत इस बात की है कि उन्हें सूक्ष्म और तथ्यात्मक जानकारी दी जाए। जैक के सदस्य प्रसाद पासवान ने कहा कि शिक्षा सबसे ताकतवर हथियार है। इसके माध्यम से बच्चों को ताकतवर बनाने की जरूरत है।
इसके पूर्व आरडीडीई रामयतन राम ने कहा कि बिना किसी अभाव का रोना रोएं और बिना एक्सक्यूज के जब तक शिक्षक अपनी ड्यूटी को नहीं समझेेंगे तब तक कुछ भी संभव नहीं है। बच्चों में अनुशासन के साथ-साथ शिक्षकों को भी अनुशासित होना होगा। उन्होंने कहा कि यह कहना बेमतलब की बात है कि अभिभावक की सजगता से ही बच्चे बेहतर कर सकते हैं। बच्चों का पूरा जीवन शिक्षक के हाथ में है। शिक्षकों को खुद को ऐसा बनाना होगा कि पैरेंट्स उनपर यह विश्वास कर सकें कि शिक्षक भरोसे के लायक है।
कहा, पूरी साल मेहनत करने के बाद छात्र परीक्षा में बैठता है तो उसको किए पर गुडफील होना चाहिए
कार्यक्रम का उदघाटन करते जैक अध्यक्ष अन्य, उपस्थित शिक्षक लेक्चरर।
भास्कर न्यूज | मेदिनीनगर
झारखंड अधिविद्य परिषद के चेयरमैन डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षक जैसा सम्मन का पद दूसरा और कोई नहीं। रामकृष्ण शिक्षक ही थे, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद को महान बनाया। चाणक्य ने चंद्रगुप्त को गढ़ा। यदि शिक्षक ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करें तो छात्र उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं।। लेकिन तकलीफ इस बात की है कि जब मैट्रिक इंटर के रिजल्ट आते हैं तो उनपर सरकार के कोड़े बरसने लगते हैं। इसका मतलब साफ है कि हमें अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा। जैक चेयरमैन टाउन हॉल में मैट्रिक इंटर के रिजल्ट को बेहतर करने के उद्देश्य से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे। जैक चेयरमैन ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक मूल्यांकन के समय अतिरिक्त कंजूसी से बचें। परीक्षा बेशक वे कड़ाई से लें।
लेकिन जब कॉपी जांचने की बात होती है तो वे छात्रों को निराश नहीं करें। जो छात्र पूरी साल तैयारी करके लिखता है यदि उसका कोई उत्तर गलत भी होता है तो उसकी प्रोसेस पर स्टेप मार्किंग करते हुए उसे नंबर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षक को हमेशा ध्यान में रखना होगा कि वे बच्चे हमारे हैं।
परीक्षा के बाद रिजल्ट पर उन्हें गुडफील कराने की जरूरत है। ताकि उसे उसके परिश्रम का अपेक्षित पारिश्रमिक मिल सके। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह शिक्षक ही है जिसे पढ़ाने से लेकर परीक्षा लेने और नंबर देने सबकी जिम्मेवारी सौंपी गई है। फिर हम क्यों पिछड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक अपने आप को सर्वपल्ली राधाकृष्णन और एपीजे अब्दुल कलाम मानें। ताकि वे इस पेशे को स्वयं बेहतर पेशा मान सकें। इससे आपको आत्मसुतंष्टि मिलेगी। जैक द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का संचालन प्रशांत कुमार ने किया। मौके पर झारखंड इंटरमीडिएट शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी संघ ने जैक चेयरमैन को सम्मानित किया। इस अवसर पर लातेहार डीईओ निरजा कुजूर, डीएवी स्कूल के प्राचार्य वीके पांडेय, शिक्षाविद प्रो. एससी मिश्रा, महेंद्र सिंह, चंद्रबली चौबे, राकेश मिश्रा, रामाश्रय दूबे, प्रियरंजन पाठक, अनुज शुक्ला, सतीश दूबे, आमोद सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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