जामताड़ा। प्रतिनिधि जिले में शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता बरती गई है। कई ऐसे अभ्यर्थी, जो पारा शिक्षक थे, उन्हें गैर पारा कोटे में नियुक्त कर दिया गया। यही नहीं वैसे पारा शिक्षकों के वेतन का भी भुगतान कर दिया गया है जबकि विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी स्थिति में पारा शिक्षक की नियुक्ति गैर पारा कोटे में नहीं किया जाना है।
आरोप है कि विभाग के पदाधिकारियों द्वारा लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है।36 शिक्षक शक के घेरे मेंजिले में फरवरी 2016 में नियुक्त किए गए 36 ऐसे शिक्षक चिह्नित किए गए हैं, जो पारा शिक्षक थे। आरोप है कि सेटिंग-गेटिंग कर गैर पारा कोटे में बहाल हो गए हैं। यही कारण है कि कुछ दिनों तक उनलोगों के वेतन भुगतान की फाइल विभाग में लंबित भी रखी गई थी। परंतु बाद में सभी के वेतन का भुगतान कर दिया गया।
क्या है निर्देश
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग प्राथमिक शिक्षा के निदेशक कृपानंद झा द्वारा जारी किए गए निर्देश में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी स्थिति में पारा शिक्षक को गैर पारा में बहाली नहीं करना है। अगर ऐसा हुआ है तो उसे तुरंत हटाया जाए। परंतु जिले में इस आदेश की अवहेलना हो रही है।
कई जिले में हो चुकी है कार्रवाई: विदित हो कि इसी प्रकार के मामले में देवघर, गोड्डा तथा रांची जिले में चिन्हित किए गए शिक्षकों की सेवा नहीं ली जा रही है। परंतु जिले में इस प्रकार के शिक्षकों की सेवा लेना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है।
क्या कहते हैं डीएसई
डीएसई अभय शंकर ने कहा कि इन शिक्षकों से वेतन भुगतान के पूर्व शपथ पत्र लिया गया है कि वे नियुक्ति से पहले पारा शिक्षक छोड़ चुके हैं। शपथ पत्र जमा लेने के बाद वेतन भुगतान हुआ है।
आरोप है कि विभाग के पदाधिकारियों द्वारा लीपापोती करने का प्रयास किया जा रहा है।36 शिक्षक शक के घेरे मेंजिले में फरवरी 2016 में नियुक्त किए गए 36 ऐसे शिक्षक चिह्नित किए गए हैं, जो पारा शिक्षक थे। आरोप है कि सेटिंग-गेटिंग कर गैर पारा कोटे में बहाल हो गए हैं। यही कारण है कि कुछ दिनों तक उनलोगों के वेतन भुगतान की फाइल विभाग में लंबित भी रखी गई थी। परंतु बाद में सभी के वेतन का भुगतान कर दिया गया।
क्या है निर्देश
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग प्राथमिक शिक्षा के निदेशक कृपानंद झा द्वारा जारी किए गए निर्देश में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी स्थिति में पारा शिक्षक को गैर पारा में बहाली नहीं करना है। अगर ऐसा हुआ है तो उसे तुरंत हटाया जाए। परंतु जिले में इस आदेश की अवहेलना हो रही है।
कई जिले में हो चुकी है कार्रवाई: विदित हो कि इसी प्रकार के मामले में देवघर, गोड्डा तथा रांची जिले में चिन्हित किए गए शिक्षकों की सेवा नहीं ली जा रही है। परंतु जिले में इस प्रकार के शिक्षकों की सेवा लेना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है।
क्या कहते हैं डीएसई
डीएसई अभय शंकर ने कहा कि इन शिक्षकों से वेतन भुगतान के पूर्व शपथ पत्र लिया गया है कि वे नियुक्ति से पहले पारा शिक्षक छोड़ चुके हैं। शपथ पत्र जमा लेने के बाद वेतन भुगतान हुआ है।
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