रांची: शिक्षक नियुक्ति में जिन जिलों में गड़बड़ी पायी गयी है, उनके
जिला शिक्षा अधीक्षकों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है़ स्कूली शिक्षा एवं
साक्षरता विभाग को संबंधित जिलों के उपायुक्त की अनुशंसा का इंतजार है़
उपायुक्त द्वारा अनुशंसा किये जाने पर ही डीएसइ पर कार्रवाई की जायेगी़ एक
ओर डीएसइ पर कार्रवाई के लिए उपायुक्त की अनुशंसा का इंतजार किया जा रहा
है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है़ अब
तक हुई जांच में लगभग दर्जन भर जिलों में शिक्षक नियुक्ति में नियमावली की
अनदेखी की बात सामने आयी है़ इनमें से दो जिलों के उपायुक्त ने ही अब तक
डीएसइ पर कार्रवाई की अनुशंसा की है़ उपायुक्त की अनुशंसा पर देवघर और
कोडरमा के डीएसइ को निलंबित किया जा चुका है़.
कोडरमा में शिक्षक नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्त को शिक्षक नियुक्ति की जांच कर रिपोर्ट विभाग को देने को कहा था. जांच में कई जिलों में आरक्षण रोस्टर के पालन व पारा शिक्षक को गैर पारा शिक्षक की कोटि में नियुक्त करने का मामला सामने आया है. इसके बाद संबंधित किसी भी जिले के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक को नोटिस तक जारी नहीं किया गया है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग जिलों के उपायुक्त की अनुशंसा का इंतजार कर रहा है.
एक ओर कई जिलों में जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा रोक के बाद गैर पारा कोटि में नियुक्त किये गये पारा शिक्षकों को हटा दिया गया. वहीं दूसरी ओर नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. कई जिलों के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक का स्थानांतरण भी कर दिया गया है. कुछ जिला शिक्षा अधीक्षक को जिला शिक्षा पदाधिकारी बना दिया गया. शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी में अब तक कोडरमा व देवघर के जिला शिक्षा अधीक्षकों को निलंबित किया गया है, जबकि कई अन्य जिलों में भी नियुक्ति में नियमावली व विभागीय निर्देशों की अनदेखी की गयी है.
उल्लेखनीय है कि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में लगभग 16 हजार
शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. शिक्षकों की नियुक्ति जिला स्तर हुई है.
इन जिलों में हुई अनदेखी
रांची, गुमला, धनबाद, चतरा, गोड्डा, जामताड़ा, पलामू, गढ़वा, पाकुड़,
जमशेदपुर, गिरिडीह, देवघर, कोडरमा समेत अन्य जिलों में नियुक्ति में
नियमावली के अनुरूप प्रावधान का पालन नहीं किया गया. इनमें कुछ जिलों में
जहां पारा को गैर पारा शिक्षक में नियुक्त किया गया ,तो कहीं आरक्षण के
प्रावधान का पालन नहीं हुआ. इस कारण अब नियुक्ति के एक वर्ष बाद शिक्षकों
को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. कुछ जिलों में शिक्षकों को हटा दिया
गया है.
पारा शिक्षक संघ ने किया विरोध
झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ ने गैर पारा कोटि में नियुक्त पारा
शिक्षकों को हटाने का विरोध किया है. संघ के संरक्षक विक्रांत ज्योति ने
कहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा की गयी है. गत
एक वर्ष से शिक्षक विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं. कई जिलों में शिक्षकों को
वेतन नहीं दिया गया है. शिक्षकों को अब हटाया जा रहा है. ऐसे में शिक्षक की
सेवा दोनों जगह समाप्त हो गयी. शिक्षक अब विद्यालय में पारा शिक्षक के रूप
में भी योगदान नहीं दे पा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार इस बात की
जांच कराये कि रोक के बाद भी पारा शिक्षक को गैर पारा में किस आधार पर
नियुक्त किया गया. शिक्षकों पर कार्रवाई के पूर्व सभी दोषी जिला शिक्षा
अधीक्षक पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
No comments:
Post a Comment