रांची: राज्य में मैट्रिक व इंटर उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में
परीक्षकों द्वारा की गयी गड़बड़ी का खमियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़
रहा है. जैक द्वारा ली गयी मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में प्रति वर्ष
रिजल्ट के बाद अंकों के योग व मूल्यांकन में गड़बड़ी का मामला सामने आता
है. परीक्षकों पर कार्रवाई भी की जाती है, पर इस पर रोक नहीं लग पा रही है.
इसी तरह का वर्ष 2015 का एक मामला सामने आया है. परीक्षार्थी इंटर कला की
परीक्षा में शामिल हुआ था. परीक्षार्थी जैक द्वारा जारी रिजल्ट में टॉप
टेन में शामिल था. जैक द्वारा बाद में उत्तर पुस्तिका की स्क्रूटनी करायी
गयी, जिसमें पूर्व में प्राप्त अंकों में कमी आ गयी.
अंगरेजी में पहले 81 अंक मिले थे. स्क्रूटनी के बाद अंक 55 हो गये. कुल चार विषयों में उसके 52 अंक कम हो गये हैं. परीक्षार्थी का रोल कोड 21029 व रोल नंबर 30004 है. परीक्षार्थी टॉपर लिस्ट से बाहर हो गया. जैक ने मूल्यांकन में गड़बड़ी करनेवाले सभी परीक्षकों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. परीक्षक तीन वर्ष तक मूल्यांकन कार्य से बाहर रहेंगे.
जिन शिक्षकों को ब्लैक लिस्ट किया गया है, उनमें प्लस-टू उच्च
विद्यालय गोइलकेरा के अंगरेजी के सहायक शिक्षक उधम वीर सिंह, रामटहल चौधरी
इंटर कॉलेज ओरमांझी की राजनीति शास्त्र विषय की शिक्षिका विनीता कुमारी,
एसएस प्लस-टू उच्च विद्यालय ओरमांझी की अर्थशास्त्र की शिक्षिका नील कुसुम
एक्का व राजकीय प्लस-टू उच्च विद्यालय कर्रा के गणित के शिक्षक मृत्युंजय
तिवारी शामिल हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने सभी शिक्षकों को कारण बताओ
नोटिस जारी किया था. शिक्षकों ने मूल्यांकन में अपनी भूल स्वीकार की.
शिक्षकों के जवाब के बाद उन पर कार्रवाई की गयी. उल्लेखनीय है कि पूर्व में
भी परीक्षकों द्वारा मूल्यांकन में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इस
वर्ष भी मैट्रिक परीक्षा के टॉपर का अंक स्क्रूटनी के बाद कम हो गया था.
वर्ष 2015 में इंटरमीडिएट कला की परीक्षा में शामिल हुआ था परीक्षार्थी
विषय प्राप्त अंक स्क्रूटनी के बाद
अंगरेजी 81 55
राजनीति शास्त्र 71 59
अर्थशास्त्र 60 54
गणित 99 90
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