जमशेदपुर : जिले के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को
प्रोमोशन मिला है. उनके प्रोमोशन की सूची को जिला शिक्षा विभाग की
अाधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी बीआरपी को
भी प्रोमोशन की सूची को इमेल कर दिया गया है. प्रोन्नति की सूची सार्वजनिक
होने के साथ ही विभाग की अोर से दावे अौर आपत्ति आमंत्रित किये जा रहे
हैं. सोमवार से जिला शिक्षा विभाग के पास कई प्रकार के दावे आने शुरू हुए. कुछ
दावे को गंभीरतापूर्वक अवलोकन किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार सोमवार को
कुछ ऐसे भी शिक्षक आये, जिन्होंने विभाग को जो जानकारी उपलब्ध करवायी थी,
उसके अलावा भी उनके पास कुछ डिग्री थी, लेकिन उन्होंने इसका उल्लेख नहीं
किया था, लेकिन वे विभाग के पास सोमवार को पहुंचे अौर उससे संबंधित प्रमाण
दिखाया. विभाग फिलहाल इस तरह के मामले की समीक्षा कर रहा है. एक सप्ताह के
बाद दावे अौर आपत्ति पर किसी प्रकार का कोई विचार नहीं किया जायेगा.
हालांकि विभाग की अोर से प्रोमोशन की सूची को फाइनल करने में काफी सूक्ष्म
स्तर पर काम किया गया है. एक-एक चीजों को जोड़ कर प्रोमोशन की सूची फाइनल
की गयी है.
वरीयता सूची में है विसंगति : शिक्षक संघ
झारखंड अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के सचिव रवींद्र नाथ पाठक ने
जिला शिक्षा अधीक्षक को सोमवार को एक ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा
कि जिला शिक्षा विभाग की अोर से जो वरीयता सूची जारी की गयी है, उसमें काफी
विसंगति है. वरीयता सूची में पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों को अप्रशिक्षित
शिक्षकों से कनीय बना दिया गया है. पत्रांक 3027 दिनांक 14 दिसंबर 2015 में
दिये गये दिशा निर्देश को केवल अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए बताया. श्री
पाठक ने कहा कि उक्त पत्रांक में केवल अप्रशिक्षित शिक्षकों की पारस्परिक
वरीयता निर्धारित करने संबंधी दिशा निर्देश ही अंकित हैं. इसमें कहीं भी
प्रशिक्षित शिक्षकों को कनीय मानने संबंधी निर्देश अंकित नहीं है. संघ ने
प्रशिक्षित शिक्षकों की वरीयता अप्रशिक्षित शिक्षकों से ऊपर मानने का आग्रह
जिला शिक्षा अधीक्षक से किया. संघ ने 1987, 1988, 1994 अौर 2000 में
नियुक्त सभी पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों की एक बैठक दो नवंबर को जुबिली
पार्क में बुलायी है. इस बैठक में आगे की रणनीति बनायी जायेगी.
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