बिशन सिंह बोरा/ अमर उजाला, देहरादून उत्तराखंड के अशासकीय स्कूलों में 42 साल से अधिक आयु वाले अभ्यर्थी अब टीचर नहीं बन सकेंगे।
सरकारी स्कूलों की तरह इन स्कूलों में भी टीचर बनने के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 साल होने जा रही है। इसके लिए अशासकीय विद्यालयों में सेवा नियमावली (विनियम) में संशोधन किया जा रहा है।
प्रदेश के अशासकीय विद्यालयों में टीचर नियुक्ति के लिए अब तक अधिकतम उम्र की कोई बाध्यता नहीं है, यदि कोई अभ्यर्थी 54 या 59 आयु वाला भी है तो वे भी नियुक्ति के लिए पात्र हैं, जबकि इन विद्यालयों में पेंशन, सेवानिवृत्ति, नियुक्ति के लिए शैक्षिक योग्यता आदि अन्य सभी अर्हता सरकारी स्कूलों के टीचरों के समान है। इसे देखते हुए अब सरकारी स्कूलों की तर्ज पर इन स्कूलों में भी अधिकतम आयु सीमा की लिमिट तय की जा रही है।
सरकारी स्कूलों की तरह इन स्कूलों में भी टीचर बनने के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 साल होने जा रही है। इसके लिए अशासकीय विद्यालयों में सेवा नियमावली (विनियम) में संशोधन किया जा रहा है।
प्रदेश के अशासकीय विद्यालयों में टीचर नियुक्ति के लिए अब तक अधिकतम उम्र की कोई बाध्यता नहीं है, यदि कोई अभ्यर्थी 54 या 59 आयु वाला भी है तो वे भी नियुक्ति के लिए पात्र हैं, जबकि इन विद्यालयों में पेंशन, सेवानिवृत्ति, नियुक्ति के लिए शैक्षिक योग्यता आदि अन्य सभी अर्हता सरकारी स्कूलों के टीचरों के समान है। इसे देखते हुए अब सरकारी स्कूलों की तर्ज पर इन स्कूलों में भी अधिकतम आयु सीमा की लिमिट तय की जा रही है।
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