पिंड्राजोरा: कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के कर्मियों के 17 अक्तूबर तक हड़ताल से लौटने का विभागीय अल्टीमेटम अप्रभावी रहा. सोमवार को इन विद्यालयों में पठन-पाठन ठप रहा. जिला शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिनियोजित सरकारी तथा अंशकालीन शिक्षिकाएं खाली बैठ कर ड्यूटी बजा रही थीं.
वैकल्पिक व्यवस्था फेल : चास के विद्यालय में सोमवार को एक भी बालिका उपस्थित नहीं थीं. यहां आधा दर्जन से अधिक मौजूद प्रतिनियोजित शिक्षिकाओं का कहना था कि प्रात: आठ बजे से उपस्थित हैं एवं दो बजे के बाद चले जायेंगे. विदित हो कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाएं एवं कर्मी अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 13 अक्तूबर से राज्यव्यापी हड़ताल पर हैं. नतीजतन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सरकारी व अंशकालीन शिक्षिकाओं को प्रतिनियोजित किया गया है.
14 को अल्टीमेटम जारी : विदित हो कि सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने 14 अक्तूबर परियोजना कर्मियों को हड़ताल से लौटने का अलग-अलग अल्टीमेटम दिया था. हड़ताल से नहीं लौटने की स्थिति में संविदा रद्द करने की धमकी दी गयी है.
समय पर हड़ताल खत्म करें नहीं तो जायेगी नौकरी : डीसी
बोकारो. हड़ताली पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी, परियोजना कर्मी व कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. सभी हड़ताली शिक्षक व कर्मचारी को झारखंड शिक्षा परियोजना ने काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है. उक्त बातें बोकारो डीसी राय मिहमापत रे ने सोमवार को पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा : निर्धारित तिथि तक काम पर नहीं लौटनेवाले शिक्षकों व कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा : हड़ताली शिक्षकों व कर्मचारियों को काम पर लौटने का अंतिम मौका दिया गया है.
पारा शिक्षक व कर्मचारी अलग-अलग तिथि से हड़ताल पर हैं, इसलिए काम पर लौटने के लिए भी अलग-अलग तिथि निर्धारित की गयी है. उन्होंने बताया : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के हड़ताली शिक्षक, वार्डेन व कर्मचारी को 18 अक्तूबर के 12 बजे तक कम पर लौटने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी. इन्हें 17 अक्तूबर को ही हड़ताल से लौटने का अल्टीमेटम दिया गया था. 19 सितंबर से हड़ताल पर रहनेवाले बीआरपी-सीआपी 21 अक्तूबर तक कम पर लौटें, नहीं तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी. राज्य व जिला स्तर पर कार्यरत झारखंड शिक्षा परियोजना के कर्मचारियों को 19 अक्तूबर तक हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटने को कहा गया है. उसके बाद उनकी सेवा भी 19 अक्तूबर के बाद समाप्त की जायेगी. पारा शिक्षकों को 25 अक्तूबर तक का समय दिया गया है. उसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. पत्रकार सम्मेलन के दौरान डीडीसी रामलखन प्रसाद गुप्ता, डीइओ महीप कुमार सिंह आदि मौजूद थे. बताते चलें कि जिला में 3751 पारा शिक्षकों में 1664 हड़ताल पर हैं.
आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं
इधर धमकी से बौखलाये संघ पदाधिकारी रांची में आंदोलन को तेज करने की रणनीति बना रहे हैं. कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कर्मियों को 17 अक्तूबर तक, परियोजना कर्मी को 19 तक, सीआरपी एवं बीआरपी को 21 तक तथा पारा शिक्षकों को 25 अक्तूबर तक हड़ताल से लौटने को कहा गया था.
वैकल्पिक व्यवस्था फेल : चास के विद्यालय में सोमवार को एक भी बालिका उपस्थित नहीं थीं. यहां आधा दर्जन से अधिक मौजूद प्रतिनियोजित शिक्षिकाओं का कहना था कि प्रात: आठ बजे से उपस्थित हैं एवं दो बजे के बाद चले जायेंगे. विदित हो कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की शिक्षिकाएं एवं कर्मी अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में 13 अक्तूबर से राज्यव्यापी हड़ताल पर हैं. नतीजतन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सरकारी व अंशकालीन शिक्षिकाओं को प्रतिनियोजित किया गया है.
14 को अल्टीमेटम जारी : विदित हो कि सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक ने 14 अक्तूबर परियोजना कर्मियों को हड़ताल से लौटने का अलग-अलग अल्टीमेटम दिया था. हड़ताल से नहीं लौटने की स्थिति में संविदा रद्द करने की धमकी दी गयी है.
समय पर हड़ताल खत्म करें नहीं तो जायेगी नौकरी : डीसी
बोकारो. हड़ताली पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी, परियोजना कर्मी व कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. सभी हड़ताली शिक्षक व कर्मचारी को झारखंड शिक्षा परियोजना ने काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है. उक्त बातें बोकारो डीसी राय मिहमापत रे ने सोमवार को पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा : निर्धारित तिथि तक काम पर नहीं लौटनेवाले शिक्षकों व कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा : हड़ताली शिक्षकों व कर्मचारियों को काम पर लौटने का अंतिम मौका दिया गया है.
पारा शिक्षक व कर्मचारी अलग-अलग तिथि से हड़ताल पर हैं, इसलिए काम पर लौटने के लिए भी अलग-अलग तिथि निर्धारित की गयी है. उन्होंने बताया : कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के हड़ताली शिक्षक, वार्डेन व कर्मचारी को 18 अक्तूबर के 12 बजे तक कम पर लौटने को कहा गया है. ऐसा नहीं करने पर उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी. इन्हें 17 अक्तूबर को ही हड़ताल से लौटने का अल्टीमेटम दिया गया था. 19 सितंबर से हड़ताल पर रहनेवाले बीआरपी-सीआपी 21 अक्तूबर तक कम पर लौटें, नहीं तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जायेगी. राज्य व जिला स्तर पर कार्यरत झारखंड शिक्षा परियोजना के कर्मचारियों को 19 अक्तूबर तक हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटने को कहा गया है. उसके बाद उनकी सेवा भी 19 अक्तूबर के बाद समाप्त की जायेगी. पारा शिक्षकों को 25 अक्तूबर तक का समय दिया गया है. उसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. पत्रकार सम्मेलन के दौरान डीडीसी रामलखन प्रसाद गुप्ता, डीइओ महीप कुमार सिंह आदि मौजूद थे. बताते चलें कि जिला में 3751 पारा शिक्षकों में 1664 हड़ताल पर हैं.
आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं
इधर धमकी से बौखलाये संघ पदाधिकारी रांची में आंदोलन को तेज करने की रणनीति बना रहे हैं. कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कर्मियों को 17 अक्तूबर तक, परियोजना कर्मी को 19 तक, सीआरपी एवं बीआरपी को 21 तक तथा पारा शिक्षकों को 25 अक्तूबर तक हड़ताल से लौटने को कहा गया था.
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