गुमला में विभिन्न मांगों के लिए हड़ताल पर चल रहे पारा शिक्षकों,
बीआरपी-सीआरपी, झारखंड शिक्षा परियोजनाकर्मियों और कस्तूरबा गांधी आवासीय
बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं को चेतावनी दी गई है। राज्य सरकार के तल्ख
फरमान के बाद अब जिलास्तर पर भी उनके विरुद्ध कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर
ली गई है।
सोमवार को डीसी श्रवण साय की अध्यक्षता वाली बैठक में डीइओ जंयत मिश्रा और डीएसई गनौरी मिस्त्री की मौजूदगी में हड़ताल पर चल रहे कस्तूरबा स्कूल की शिक्षिकाओं के लिए 18 अक्तूबर की दोपहर 12 बजे तक उन्हें काम पर लौटनेकी चेतावनी दी गई है। कस्तूरबा के जो भी शिक्षिकाएं निर्धारित समय सीमा तक काम पर लौट जाएंगी, उन्हें 10 फीसदी बढ़ोतरी के साथ वेतन भगतान कर दिया जाएगा। डीसीने कहा कि अंतिम निर्देश की अवहेलना करने वाले कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्हें कस्तूरबा में अध्यनरत छात्राओं के अभिभावकों से 24 घंटे के भीतर बच्चियों को विद्यालय में भेजने का आह्वान भी किया है। डीसी ने बताया कि जिले के सभी दस कस्तूरबा विद्यालयों के संचालन के लिए 50 सरकारी शिक्षिकाओं की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। डीएसई ने आंशका व्यक्त करते हुए कहा कि कुछेक विद्यालयों की वार्डन और शिक्षिकाओं के स्तर से अभिभावकों को विद्यालय बंद रहने की बात कहकर दिग्भ्रमित भी किये जाने की खबर है। उन्होंने बताया कि बसिया-कामडारा प्रखंड में 70 पारा शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं। शेष से भी अपने दायित्वों पर तैनात रहने की अपील शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने की। परियोजना कर्मियों के साथ-साथ सीआरपी-बीआरपी से भी सरकार द्वारा घोषित दस फीसदी की बढ़ोतरी को स्वीकारते अपने-अपने क्षेत्र और दायित्वों पर तैनात होने की अपील की गई है। राज्य सरकार द्वारा हड़ताली कमियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर समय सीमा तय है। इसमें परियोजना कर्मियो को 19, सीआरपी-बीआरपी 21 और पारा शिक्षकों के लिए 25 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की गई है।
सोमवार को डीसी श्रवण साय की अध्यक्षता वाली बैठक में डीइओ जंयत मिश्रा और डीएसई गनौरी मिस्त्री की मौजूदगी में हड़ताल पर चल रहे कस्तूरबा स्कूल की शिक्षिकाओं के लिए 18 अक्तूबर की दोपहर 12 बजे तक उन्हें काम पर लौटनेकी चेतावनी दी गई है। कस्तूरबा के जो भी शिक्षिकाएं निर्धारित समय सीमा तक काम पर लौट जाएंगी, उन्हें 10 फीसदी बढ़ोतरी के साथ वेतन भगतान कर दिया जाएगा। डीसीने कहा कि अंतिम निर्देश की अवहेलना करने वाले कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्हें कस्तूरबा में अध्यनरत छात्राओं के अभिभावकों से 24 घंटे के भीतर बच्चियों को विद्यालय में भेजने का आह्वान भी किया है। डीसी ने बताया कि जिले के सभी दस कस्तूरबा विद्यालयों के संचालन के लिए 50 सरकारी शिक्षिकाओं की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। डीएसई ने आंशका व्यक्त करते हुए कहा कि कुछेक विद्यालयों की वार्डन और शिक्षिकाओं के स्तर से अभिभावकों को विद्यालय बंद रहने की बात कहकर दिग्भ्रमित भी किये जाने की खबर है। उन्होंने बताया कि बसिया-कामडारा प्रखंड में 70 पारा शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं। शेष से भी अपने दायित्वों पर तैनात रहने की अपील शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों ने की। परियोजना कर्मियों के साथ-साथ सीआरपी-बीआरपी से भी सरकार द्वारा घोषित दस फीसदी की बढ़ोतरी को स्वीकारते अपने-अपने क्षेत्र और दायित्वों पर तैनात होने की अपील की गई है। राज्य सरकार द्वारा हड़ताली कमियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर समय सीमा तय है। इसमें परियोजना कर्मियो को 19, सीआरपी-बीआरपी 21 और पारा शिक्षकों के लिए 25 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की गई है।
No comments:
Post a Comment