आदित्यपुर. एनआइटी जमशेदपुर में मैकेनिकल विभाग के प्रो शैलेंद्र कुमार व असिस्टेंट रजिस्ट्रार (एकेडेमिक) राम प्रवेश प्रसाद ने उन पर संस्थान के शिक्षक डॉ सुनील कुमार द्वारा लगाये गये आरोपों को पूरी तरह झूठा बताया है.
प्रो कुमार ने कहा कि संस्थान परिसर में 1996 में ही एसपी के लिए एक क्वार्टर आवंटित हुआ था. यहां के छात्र उत्तम कुमार की जब मौत हुई थी, उस समय डॉ सुनील कुमार ने ज्वाइन भी नहीं किया था, लेकिन वे खुद को घटना का चश्मदीद बता रहे हैं. एक लड़की की शिकायत परो दर्ज मामले में कानपुर पुलिस ने ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा था.
वे 73 दिनों तक छुट्टी पर रहे थे. उनका इतने दिनों की ही प्रोबेशन अवधि निदेशक ने बढ़ायी थी. हमेशा बिना आवेदन दिये छुट्टी पर रहने वाले डॉ सुनील कुमार विशेष रूप से एलएनडी का लाभ दिया गया. कभी उनका वेतन नहीं रोका गया. प्रो कुमार व श्री प्रसाद ने कहा कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने के कारण डॉ सुनील कुमार के भी खिलाफ आरआइटी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. साथ ही उनके द्वारा किये गये केस को समाप्त करने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन दिया गया है.
प्रो कुमार ने कहा कि संस्थान परिसर में 1996 में ही एसपी के लिए एक क्वार्टर आवंटित हुआ था. यहां के छात्र उत्तम कुमार की जब मौत हुई थी, उस समय डॉ सुनील कुमार ने ज्वाइन भी नहीं किया था, लेकिन वे खुद को घटना का चश्मदीद बता रहे हैं. एक लड़की की शिकायत परो दर्ज मामले में कानपुर पुलिस ने ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा था.
वे 73 दिनों तक छुट्टी पर रहे थे. उनका इतने दिनों की ही प्रोबेशन अवधि निदेशक ने बढ़ायी थी. हमेशा बिना आवेदन दिये छुट्टी पर रहने वाले डॉ सुनील कुमार विशेष रूप से एलएनडी का लाभ दिया गया. कभी उनका वेतन नहीं रोका गया. प्रो कुमार व श्री प्रसाद ने कहा कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने के कारण डॉ सुनील कुमार के भी खिलाफ आरआइटी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. साथ ही उनके द्वारा किये गये केस को समाप्त करने के लिए उच्च न्यायालय में आवेदन दिया गया है.
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