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प्रोन्नति के मामले में शिक्षकों का सरकार पर अनदेखी का आरोप

राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के 1996 में नियुक्त शिक्षकों की बैठक रविवार को डोरंडा कॉलेज में हुई। इसमें शिक्षकों ने नियुक्ति के 22 वर्षों के बाद भी प्रोन्नति नहीं होने के मुद्दे नाराजगी जताई। उन्होंने राज्य सरकार व संबंधित अधिकारियों पर जानबूझकर मामले की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
तय हुआ कि इस मुद्दे पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक से मिलकर उनका ध्यान आकृष्ट किया जाएगा। शिक्षकों ने मुद्दा उठाया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के स्पष्ट दिशानिर्देश के बावजूद प्रोन्नति को लंबित रखा गया है। उनका कहना था कि 1996 में नियुक्त शिक्षकों की योग्यता व सेवा शर्तों को दूसरे बैच के शिक्षकों की समस्याओं से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। यूजीसी ने करियर एडवांसमेंट स्कीम (कैस) के तहत निर्देश दिए हैं। जिसमें 1996 बैच के लिए 31 दिसम्बर 2013 तक ओरिएंटेशन व रिफ्रेशर कोर्स पूरा कर चुके शिक्षकों को नियत तिथि से प्रोन्नति का निर्देश दिया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे पर 1996 बैच के शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल व मुख्यमंत्री से मिलेगा। तय हुआ कि सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने पर आगे की रणनीति अगली बैठक में तय की जाएगी।बैठक में शिक्षक डॉ एकरामुल हक के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में डॉ श्रवण कुमार, प्रो रिजवान अली अंसारी, प्रो अबरार अहमद, डॉ केएएन शाहदेव, प्रो अशोक कुमार मंडल, प्रो आरपी तिवारी, प्रो अशोक कुमार मांझी, प्रो विजय कुमार पीयूष, डॉ मीनू चरण, डॉ आशालता केशरी, डॉ राजकुमार शर्मा, प्रो अशोक महतो समेत बड़ी संख्या में अन्य शिक्षकगण मौजूद थे।

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