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Monday 3 October 2016

668 हाइस्कूलों में जेपीएससी करेगा हेडमास्टर की नियुक्ति

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने भेजी अधियाचना
राज्य के अपग्रेड हाइस्कूलों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने जेपीएससी को अधियाचना भेजी है. नियुक्ति परीक्षा जेपीएससी द्वारा ली जायेगी.
रांची : राज्य के अपग्रेड हाइस्कूल में 668 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की जायेगी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसकी अधियाचना जेपीएससी को भेज दी है. नियुक्ति परीक्षा झारखंड लोकसेवा आयोग द्वारा ली जायेगी. 
 
प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति झारखंड सरकारी माध्यमिक विद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली 2015 के तहत की जायेगी.  नियुक्ति में महिला, खिलाड़ी व आदिम जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए भी सीट आरक्षित की गयी है. प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 35 व अधिकतम 50 वर्ष होगी. 
 
कार्मिक विभाग के प्रावधान के अनुरूप अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व नि:शक्त अभ्यर्थियों को उम्र में सीमा में छूट दी जायेगी. अभ्यर्थी के लिए राज्य या  केंद्र सरकार या विश्वविद्यालय अनुदान अायोग से मान्यता प्राप्त संस्थान से राज्य अथवा केंद्र सरकार के माध्यमिक स्तर पर पढ़ाये जानेवाले किसी एक विषय में 45 फीसदी अंक के साथ स्नातकोत्तर डिग्री होना अनिवार्य है. अभ्यर्थियों के लिए केंद्र या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त विद्यालय में दस वर्ष पढ़ाने का अनुभव होना अनिवार्य है. 
 
विद्यालय झारखंड राज्य के अंतर्गत होना आवश्यक है. अभ्यर्थियों को कंप्यूटर की सामान्य जानकारी अनिवार्य है. परीक्षा 500 अंकों की होगी. इसमें 200 अंक की सामान्य ज्ञान व 300 अंक की संबंधित विषय की परीक्षा होगी. मेरिट लिस्ट दोनों पत्र में प्राप्त अंक के आधार पर किया जायेगा. प्रश्न पत्र एक व दो के योग में न्यूनतम 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए न्यूनतम अंक 45 फीसदी निर्धारित किया गया है. प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पीय होगा. दोनों पत्र में स्नातक स्तरीय प्रश्न पूछे जायेंगे. 
 
668 में से 334 पद अनारक्षित 
 
प्रधानाध्यापक के 668 पद में से 334 पद अनारक्षित हैं, जबकि 174 पद अनुसूचित जनजाति, 67 पद अनुसूचित जाति 53 पद अति पिछड़ा वर्ग व 40 पद पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित है.  
 
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पद में से तीन फीसदी पद आदिम जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रहेगा. इसके अलावा दो फीसदी पद खिलाड़ी के लिए आरक्षित रहेगा. राज्य गठन के बाद से अब तक विद्यालयों में मात्र एक बार प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति हुई है. राज्य में लगभग 1300 उत्क्रमित उच्च विद्यालय हैं, इनमें से एक भी विद्यालय में प्रधानाध्यापक नहीं हैं. 
 
प्रोन्नति से भरे जायेंगे आधे पद 
 

हाइस्कूल में 668 पदों पर सीधी नियुक्ति के अलावा लगभग इतने ही पद हाइस्कूल में कार्यरत शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जायेंगे. प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नत होनेवाले शिक्षकों की प्रान्नति के लिए सेवानिवृत्ति की तिथि तक विचार किया जायेगा.  प्रोन्नति के लिए तैयार की जानेवाली वरीयता सूची में सबसे पहले प्रवरण वेतनमान प्राप्त शिक्षकों को रखा जायेगा. इसके बाद वरीय वेतनमान प्राप्त शिक्षक को रखा जायेगा. प्रधानाध्यापकों के पदस्थान के लिए राज्य स्तर पर स्थापना समिति का गठन किया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक समिति के पदेन अध्यक्ष होंगे.

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