जागरण संवाददाता, गोड्डा : कक्षा संचालन में लापरवाही बरतनेवाले शिक्षक
अब चेत जाएं क्योंकि विभाग ने अब कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया है। शिक्षा
विभाग ने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई दिशा-निर्देश विभिन्न
विद्यालय के प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को दिया लेकिन इसमें कुछ खास बदलाव
दर्ज नहीं किया गया।
इसके बाद विभाग ने अब छात्रों की उपस्थिति को आधार बनाकर शिक्षकों का वेतन भुगतान करने का निर्णय लिया है। किस शिक्षक को वेतन का कितना फीसद मिलेगा, यह संबंधित शिक्षक की कक्षा में छात्रों की उपस्थिति से तय होगा।
क्या है मामला : मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में छात्रों के खराब प्रदर्शन की समीक्षा में यह बात सामने आई थी कि कक्षा में छात्रों की कम उपस्थिति के कारण परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ है। इसके बाद विभाग ने शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो, इसके लिए जरूरी पहल करें। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा भी इससे संबंधित पत्र कई बार निर्गत किया गया। बैठकों में भी प्रधानाध्यापकों को दिशा-निर्देश दिया गया। बावजूद स्थिति जस की तस है। पिछले दिनों निरीक्षण के क्रम में डीईओ ने कई विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति कम देखी। इसी पर डीईओ कार्यालय ने छात्रों की उपस्थिति के आधार पर शिक्षकों का वेतन भुगतान सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।
कैसे होगा वेतन भुगतान : कक्षा में छात्रों की उपस्थिति की प्रतिदिन मॉनीट¨रग की जाएगी। कितने फीसद छात्र उपस्थित हुए, उसी का मासिक औसत देख शिक्षक का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। अगर औसतन 60 फीसद छात्र उपस्थित हुए तो शिक्षक को वेतन भी 60 फीसद ही मिलेगा।
131 विद्यालय के शिक्षक होंगे प्रभावित : जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित 131 विद्यालयों के शिक्षक इससे प्रभावित होंगे। इसमें उच्च विद्यालय, प्लस टू विद्यालय, राजकीयकृत विद्यालय, प्रोजेक्ट विद्यालय, कस्तूरबा विद्यालय आदि शामिल हैं। विद्यालय के शिक्षकों के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ानी होगी, नहीं तो वेतन कटौती की मार झेलनी पड़ेगी। डीईओ कार्यालय ने आगामी 16 अक्टूबर को जिले के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की बैठक रखी है जिसमें विभाग के इस निर्णय से उन्हें अवगत कराया जाएगा।
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वर्जन
छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए विभाग सजग है। इसे सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने अब कड़ा रुख अख्तियार किया है। छात्रों की उपस्थिति फीसद के आधार पर ही शिक्षकों को वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
मोहन चांद मुकीम, डीईओ, गोड्डा
इसके बाद विभाग ने अब छात्रों की उपस्थिति को आधार बनाकर शिक्षकों का वेतन भुगतान करने का निर्णय लिया है। किस शिक्षक को वेतन का कितना फीसद मिलेगा, यह संबंधित शिक्षक की कक्षा में छात्रों की उपस्थिति से तय होगा।
क्या है मामला : मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में छात्रों के खराब प्रदर्शन की समीक्षा में यह बात सामने आई थी कि कक्षा में छात्रों की कम उपस्थिति के कारण परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ है। इसके बाद विभाग ने शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो, इसके लिए जरूरी पहल करें। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा भी इससे संबंधित पत्र कई बार निर्गत किया गया। बैठकों में भी प्रधानाध्यापकों को दिशा-निर्देश दिया गया। बावजूद स्थिति जस की तस है। पिछले दिनों निरीक्षण के क्रम में डीईओ ने कई विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति कम देखी। इसी पर डीईओ कार्यालय ने छात्रों की उपस्थिति के आधार पर शिक्षकों का वेतन भुगतान सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है।
कैसे होगा वेतन भुगतान : कक्षा में छात्रों की उपस्थिति की प्रतिदिन मॉनीट¨रग की जाएगी। कितने फीसद छात्र उपस्थित हुए, उसी का मासिक औसत देख शिक्षक का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। अगर औसतन 60 फीसद छात्र उपस्थित हुए तो शिक्षक को वेतन भी 60 फीसद ही मिलेगा।
131 विद्यालय के शिक्षक होंगे प्रभावित : जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित 131 विद्यालयों के शिक्षक इससे प्रभावित होंगे। इसमें उच्च विद्यालय, प्लस टू विद्यालय, राजकीयकृत विद्यालय, प्रोजेक्ट विद्यालय, कस्तूरबा विद्यालय आदि शामिल हैं। विद्यालय के शिक्षकों के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ानी होगी, नहीं तो वेतन कटौती की मार झेलनी पड़ेगी। डीईओ कार्यालय ने आगामी 16 अक्टूबर को जिले के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की बैठक रखी है जिसमें विभाग के इस निर्णय से उन्हें अवगत कराया जाएगा।
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वर्जन
छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए विभाग सजग है। इसे सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने अब कड़ा रुख अख्तियार किया है। छात्रों की उपस्थिति फीसद के आधार पर ही शिक्षकों को वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
मोहन चांद मुकीम, डीईओ, गोड्डा
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