चुनाव में पारा शिक्षक राज्य भर में सपोर्ट करें। उनकी सरकार बनते ही पारा शिक्षकों को स्थायीकरण किया जाएगा। लेकिन दो साल बाद भी सरकार की नीति और मंशा पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के प्रति स्पष्ट नहीं हुई। कहा कि इस दो साल के दौरान वेतन वृद्धि तक सरकार ने नहीं किया। कहा कि छत्तीसगढ़ में पारा शिक्षकों का मानदेय 24 हजार है। जबकि अन्य राज्यों में भी इसी तरह की स्थिति है। लेकिन झारखंड में पारा शिक्षकों का संतोषजनक मानदेय वृद्धि नहीं हुई। कहा कि अगर 15 अगस्त तक सरकार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के मुद्दे पर घोषणा नहीं करती तो 16 अगस्त से पूरे राज्य में आंदोलन तेज होगा। जिसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी। कहा कि स्थायीकरण करने के साथ वेतनमान निर्धारण, सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था, आरटीई 2009 के तहत अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता हासिल करने तथा टेट पास की बाध्यता से मुक्ति सरकार को करनी होगी। इसके अलावा अन्य कई मांगे शामिल है।