कांग्रेस भवन में शुक्रवार को शिक्षक अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया। शिक्षक अभ्यर्थियों ने हाई स्कूलों में 25 फ़ीसदी सीटों पर नियुक्ति और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर धरना दिया गया। बारिश के बावजूद अभ्यार्थी धरना पर बैठे रहे और भीगते हुए नियुक्ति की मांग की। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा द्वारा समझाए जाने और आश्वासन पर करीब पांच घंटा के धरना के बाद अभ्यर्थियों ने धरना समाप्त किया।
शिक्षक अभ्यर्थी हाई स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया की मांग कर रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि 25 फ़ीसदी सीटों पर सीधी नियुक्ति होनी थी। इसके लिए सफल अभ्यर्थियों में से चयन किया जाना था। बावजूद इसके नियुक्ति नहीं हो रही है। इतिहास और नागरिक शास्त्र विषय के शिक्षकों की नियुक्ति भी अब तक नहीं हुई है। जो रिजल्ट निकला है और जिनकी काउंसलिंग हो चुकी है, उन्हें भी स्कूल आवंटित नहीं किया गया है। सरकार अभिलंब नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। अभ्यर्थी 11 गैर अनुसूचित जिलों में भी नियुक्ति की मांग कर रहे थे।
अभ्यर्थी वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव से मिलने की मांग पर अड़े थे। इस पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने पहल की और अभ्यर्थियों से बात की। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों की जो मांगे हैं, उसे कांग्रेस मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत करा देगी। शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित पूरा मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा है। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही वर्तमान में शिक्षा विभाग के प्रभार में हैं। वे इस पर बेहतर रास्ता निकाल सकेंगे। शिक्षक नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है कि 11 गैर अनुसूचित जिलों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए हाई कोर्ट निर्णय ले सकती है। इस पर अब झारखंड हाईकोर्ट और फैसले के आधार पर शिक्षा विभाग को निर्णय लेना है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों को समझाया गया कि कोरोना का समय है और ऐसे में धरना-प्रदर्शन सही नहीं है। सरकार के समक्ष अगर अपनी बात रखनी है, तो एक शिष्टमंडल के रूप में आएं और अपनी बातें रखें।
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