रांची : स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने वर्ष 2016 में कई योजनाएं
शुरू की. प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति की गयी.
हाइस्कूल में 18000 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी
है. उच्च विद्यालय में 613 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की अधियाचना भी
झारखंड लोक सेवा आयोग को भेज दी गयी है.
प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गयी है. हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियमावली बनायी गयी. इसके अलावा अवर शिक्षा सेवा शर्त नियमावली व शिक्षा सेवा संवर्ग के अधिकारियों की सेवा शर्त नियमावली बनायी गयी. 41 हजार प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में बेंच-डेस्क के लिए राशि दी जा चुकी है. बेंच-डेस्क के लिए 400 करोड़ स्वीकृत किया गया है. जिसमें से प्रथम किस्त 141 करोड़ जिलों को दिया जा चुका है. इसके अलावा स्कूलों के विद्युतिकरण के लिए भी राशि दी गयी है.
प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गयी है. हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियमावली बनायी गयी. इसके अलावा अवर शिक्षा सेवा शर्त नियमावली व शिक्षा सेवा संवर्ग के अधिकारियों की सेवा शर्त नियमावली बनायी गयी. 41 हजार प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में बेंच-डेस्क के लिए राशि दी जा चुकी है. बेंच-डेस्क के लिए 400 करोड़ स्वीकृत किया गया है. जिसमें से प्रथम किस्त 141 करोड़ जिलों को दिया जा चुका है. इसके अलावा स्कूलों के विद्युतिकरण के लिए भी राशि दी गयी है.
राज्य में कक्षा एक से पांच के पाठयक्रम में पहली बार झारखंड के इतिहास, भूगोल को शामिल किया गया. बच्चों को जनजातीय भाषा में किताब उपलब्ध कराया गया. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की तर्ज पर राज्य में 57 बालिका आवासीय विद्यालय खुला है. विद्यालयों में पठन-पाठन भी शुरू हो गया है. कस्तूरबा विद्यालय में जिम, छात्राओं को टैब, कोचिंग की व्यवस्था की गयी. राज्य में 189 मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया गया. 280 उच्च विद्यालय को प्लस टू उच्च विद्यालय में अपग्रेड किया गया है. इन विद्यालयों में वर्ष 2017-18 से पढ़ाई शुरू होगी. प्राथमिक व मध्य विद्यालय के दस हजार शिक्षकों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को 30 दिसंबर तक प्रोन्नति की प्रकिया पूरा करने काे कहा गया है. शहरी क्षेत्र के स्लम इलाके के बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए पंख योजना की शुरुआत की गयी. राज्य में दूसरी शिक्षक पात्रता परीक्षा ली गयी. शिक्षक पात्रता परीक्षा के रिजल्ट के बाद प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति शुरू की जायेगी.
विवि व कॉलेजों में है शिक्षकों की कमी
सरकार प्राथमिक विद्यालय से लेकर विवि तक में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है, इसके बाद भी शिक्षकों की कमी दूर नहीं हो पायी है. विवि व कॉलेजों की स्थित काफी खराब है. राज्य के कई कॉलेजों के कुछ विषय एक शिक्षक के भरोसे चल रहा है. कुछ विभाग शिक्षक के अभाव में बंद हो गया. नीलांबर-पीतांबर विवि में व्याख्याता (सहायक प्राध्यापक) के 63, रीडर (सहा प्राध्यापक)42 व प्रोफेसर (प्राध्यापक) के 21 पद रिक्त है. विवि के किसी भी कॉलेज में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं. कोल्हान विवि में व्याख्याता 274, सिदो-कन्हू विवि में व्याख्याता के 188, रीडर के 34, प्रोफेसर के 12 व प्राचार्य के चार पद रिक्त हैं. विनोबा भावे विवि में व्याख्याता के 208, रीडर व प्रोफेसर के छह-छह व प्राचार्य के 15 पद रिक्त हैं. जबकि रांची विवि में सभी मिलाकर लगभग 350 पद रिक्त हैं. विवि में शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाना है, पर अब तक आयोग द्वारा इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. नियुक्ति में विलंब को देखते हुए सरकार ने कुछ दिन पूर्व विवि में शिक्षक नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के गठन का निर्णय लिया था, पर आयोग का गठन भी अब तक नहीं हो सका है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधान के अनुरूप राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में 56,502 शिक्षकों की आवश्यकता है. उच्च विद्यालय में शिक्षकों के 75 फीसदी से अधिक पद रिक्त हैं. 1500 अपग्रेड हाइस्कूल में से मात्र 338 हाइस्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. राज्य के उच्च विद्यालयों में शिक्षकों के 23000 पद सृजित है, जिसमें से वर्तमान में मात्र चार हजार शिक्षक कार्यरत हैं.
विवि व कॉलेजों में दो शिफ्ट में पढ़ाई : उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने विवि व कॉलेजों में दो शिफ्ट में पढ़ाई शुरू की. विभाग ने चरणबद्ध तरीके से 100 अंगीभूत कॉलेज खोलने की योजना तैयार की है. इसके तहत प्रथम चरण में वैसे विधानसभा क्षेत्र में कॉलेज खोला जा रहा है, जहां एक भी सरकारी अंगीभूत कॉलेज नहीं है. पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके लिए झारखंड लोक सेवा आयोग ने प्रक्रिया शुरू की है. पॉलिटेक्निक कॉलेजों में भी दो शिफ्ट में पढ़ाई शुरू की जायेगी. निजी विवि खोले गये गये हैं. विवि मुख्यालय व कॉलेजों में वाइफाइ के लिए भी राशि दी जा चुकी है. राज्य के 11 जिलों में महिला कॉलेज बनने तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पठन-पाठन शुरू किया गया है. राज्य में युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए विभिन्न कंपनियों के साथ एमओयू किया गया है. सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना की शुरुआत की गयी है. इसके तहत युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए 42 एजेंसी का चयन किया गया है. 39 के साथ एमओयू कर लिया गया है. कॉलेजों व विवि को संसाधन युक्त करने के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी.
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