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Wednesday 28 December 2016

135 शिक्षकों का टेट प्रमाणपत्र फर्जी , नियुक्ति प्रक्रिया पर उठ रहे कई सवाल

एक ही शिक्षक के प्रमाण-पत्र कभी सही तो कभी फर्जी की उलझन को डीएसइ ने स्वयं जैक कार्यालय में बैठ कर सुलझाया. जांच में जिले के प्रारंभिक स्कूलों के 135 शिक्षक-शिक्षिकाआें के प्रमाण-पत्र फर्जी पाये गये हैं. अब उपायुक्त के मार्गदर्शन में आगे की कार्रवाई होगी. धनबाद: जिले के प्रारंभिक स्कूलों के लिए नवनियुक्त 135 शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्र आखिरकार फर्जी निकले. मंगलवार को झारखंड एकेडमिक काउंसिल, रांची के कार्यालय में डीएसइ विनीत कुमार ने खुद एक-एक कर सभी प्रमाण-पत्रों की जांच की और पाया कि सभी के प्रमाणपत्र फर्जी हैं. डीएसइ श्री कुमार ने बताया कि किसी शिक्षक का प्रमाणपत्र सही नहीं निकला. सभी प्रमाण-पत्रों का मिलान टीआर से किया गया. अब रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जायेगी. उनके मार्गदर्शन के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी. इससे पहले जैक के नाम से कभी डीएसइ तो कभी डीइओ कार्यालय को प्रमाण-पत्रों से संबंधित पत्र मिल रहा था. किसी पत्र में प्रमाणपत्र को कभी सही बताया जा रहा था तो किसी में गलत. एक ही शिक्षक के प्रमाण-पत्र सही एवं गलत होने के पत्र मिलने के कारण पुष्टि नहीं हो पा रही थी. फिर डीएसइ विनीत कुमार ने खुद जैक कार्यालय जाकर प्रमाण-पत्रों के सत्यापन का निर्णय लिया.
 
नहीं हुआ वेतन भुगतान : संदिग्ध करीब 135 नवनियुक्त शिक्षकों को अबतक वेतन भुगतान नहीं किया गया है. प्रमाणपत्र के संदेहास्पद प्रतीत होने पर इन सभी के वेतन भुगतान की प्रक्रिया रोक दी गयी थी.
 
18 नवनियुक्त शिक्षकों के खिलाफ दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी
 फर्जी प्रमाण-पत्र के आरोप में नवनियुक्त 18 शिक्षकों पर धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. उक्त शिक्षकों पर जालसाजी कर नियुक्ति लेने, शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों का अनैतिक इस्तेमाल, विभाग को धोखा दे नियुक्ति के विरुद्ध रिक्ति को बाधित करने का आरोप है.
 
किस पर क्या था आरोप :  जे-टेट के प्रमाणपत्र फर्जी : जैनुल अंसारी, अब्दुल क्यूम, सुरेश चौधरी, मो. जलालुद्दीन, वसीम अंसारी, आभा कुमारी. मैट्रिक-इंटर के प्रमाणपत्र फर्जी : अश्विनी कुमार, महेश कुमार, दिव्या भारती, नागेश्वर प्रसाद यादव.  इंटर प्रमाणपत्र फर्जी : दीपक कुमार.  मैट्रिक प्रमाणपत्र फर्जी : राजेंद्र कुमार, अजीत कुमार सिंह, नरेश कुमार. इंटर में फर्जी प्रमाणपत्र : पंकज कुमार, आशा कुमारी व टुनू कुमार.  टेट में फर्जी प्रमाणपत्र बना बढ़ाया अंक : उमेश कुमार.
 
नियुक्ति प्रक्रिया पर उठ रहे कई सवाल 

इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के टेट परीक्षा के प्रमाणपत्र फर्जी मिलने पर अब नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं. सवाल उन पदाधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मियों पर भी उठ रहे हैं, जो शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल थे. काउंसेलिंग के वक्त प्रमाणपत्र फर्जी मिलने के बावजूद संबंधित अभ्यर्थियों को बिना कार्रवाई के छोड़ देना भी कई सवाल खड़े कर रहा है. 938 की हुई नियुक्ति : प्रारंभिक स्कूलों के लिए कुल 1348 शिक्षक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसमें अंतत: कुल 938 अभ्यर्थियों का चयन किया गया. इनमें पहली-पांचवीं कक्षा के 665, छठी-आठवीं कक्षा के लिए 253 एवं उर्दू शिक्षकों के 20 अभ्यर्थी शामिल थे. तत्कालीन डीसी के निर्देश पर बने जांच दल को नियुक्ति प्रक्रिया की जांच का जिम्मा था. आज तक जांच पूरी नहीं की. 

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