RANCHI: झारखंड में पहली बार हुई शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में तमाम गड़बडि़यों के बाद भी विभाग नहीं चेता है। इस बार फिर वही गलती दोहराई जा रही है। राज्य में चार साल बाद शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू तो कर दी गई है, लेकिन नियुक्ति नियमावली ख्0क्ख् के निर्देशों पर ही मेरिट तैयार करने की योजना है।
जबकि इस नियमावली के आधार पर हुई बहाली में कई खामियां सामने आई थीं। इस वजह से अच्छे मार्क्स लाने के बाद भी सैकड़ों कैंडिडेट्स मेरिट में काफी पीछे रह गए। इस तरह नियुक्ति प्रक्रिया फिर से विवादों के घेरे में आ सकती है। इसको लेकर कैंडिडेट्स में भी ऊहापोह की स्थिति है.
नियमावली पुरानी, सेलेक्शन फाइनल
शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों का फाइनल सेलेक्शन पुरानी नियमावली के आधार पर तय हुआ है। इसमें जिक्र है कि टेट परीक्षा में पास होने के बाद छात्रों का मेरिट मैट्रिक, इंटर और ग्रेजुएशन के मार्क्स के आधार पर बनेगा। साथ ही टेट परीक्षा के प्राप्तांक और एकेडमिक परसेंटेज के आधार पर मेरिट तैयार होगा। फाइनल सेलेक्शन लिस्ट में जैक बोर्ड के अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के छात्रों को मैट्रिक और इंटरमीडिएट में जैक बोर्ड के मुकाबले ज्यादा मार्क्स आते हैं। इस वजह से टेट परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने के बाद भी जैक बोर्ड के छात्र फाइनल सेलेक्शन में पीछे रह जाते हैं। पिछली बार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में मेरिट को लेकर कई गड़बडि़यां सामने आई थीं। इसका विवाद अभी तक चल रहा है।
ख्0 नवंबर को है टेट परीक्षा
झारखंड एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन ख्0 नवंबर को होने वाला है। परीक्षा लेने की जिम्मेदारी झारखंड एकेडमिक काउंसिल को दी गई है। जैक बोर्ड के चेयरमैन अरविंद प्रसाद सिंह ने बताया कि टेट परीक्षा के आयोजन को लेकर तैयारी जोर- शोर से चल रही है। ख्0 नवंबर को झारखंड के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर जेटेट होगा। परीक्षा ढाई घंटे की होगी। क्भ्0 मार्क्स के ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस पूछे जाएंगे। जेनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए पासिंग मार्क्स म्0 परसेंट तय है। इसके अलावा रिजर्वेशन के छात्रों के लिए अलग- अलग मानक तय हैं।
सिलेबस तय, परीक्षा पर कन्फ्यूजन
जेटेट परीक्षा नियमावली में क्लास क्- भ् और म्- 8 के लिए सिलेबस तो तय है, लेकिन विभाग ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि टेट परीक्षा के बाद भी क्या कोई अन्य परीक्षा होगी। इसको लेकर कन्फ्यूजन बरकरार है। हालांकि शिक्षा विभाग नियमावली को संशोधित करने की तैयारी में है।
तो छंट जाएंगे कई कैंडिडेट्स
टेट परीक्षा के बाद यदि पुराने पैटर्न पर बहाली होती है, तो झारखंड बोर्ड के कैंडिडेट्स को मेरिट में आने के लिए सीबीएसई व आइसीएसई के कैंडिडेट्स से भारी कॉम्पटीशन का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में अधिकतर के छंट जाने की आशंका है। चूंकि झारखंड बोर्ड काउंसिल में कॉपी जांचने का तरीका और सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड में अलग- अलग है। तीनों बोर्ड में एकरूपता नहीं होने की वजह से मार्क्स भी अलग- अलग मिलते हैं। सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड के छात्रों ने क्00 में क्00 मार्क्स लाकर रिकॉर्ड कायम किया है।
क्या- क्या हुई थीं गड़बडि़यां
- जेटेट स्टेट लेवल पर हुआ, पर कैंडिडेट्स का मेरिट जिला लेबल पर बना।
- फर्जी टेट सर्टिफिकेट व एकेडमिक सर्टिफिकेट के आधार पर भी कई अभ्यर्थियों को नौकरी मिली.
- एक- एक कैंडिडेट्स ने कई जिलों में अप्लाई किया। नतीजन एक कैंडिडेट्स का सेलेक्शन कई जिलों में हुआ और बाकी सीटें खाली रह गई
- जिला लेबल पर फाइनल लिस्ट तैयार करने में अलग- अलग मानदंड अपनाया गया। नतीजन, कई योग्य अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए
- सीबीएसई, आईसीएसई व जैक बोर्ड के अभ्यर्थियों का मेरिट एक साथ मिलाकर तैयार हुआ।
वर्जन.
राज्य सरकार एक बार फिर बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक करने जा रही है। यदि पुरानी नियमावली के आधार पर शिक्षक बहाली हुई तो फिर झारखंड के योग्य अभ्यर्थी सेलेक्शन प्रॉसेस में फिर अंतिम पायदान पर पहुंच जाएंगे.
बजरंग प्रसाद, संयोजक, जेटेट पास पारा शिक्षक संघ
.
पुरानी नियमावली जटिल है, इसमें कुछ सुधार की जरूरत है। हो सकता है कि जेटेट के बाद अभ्यर्थियों को एक परीक्षा फिर से देनी पड़े। लेकिन इसका स्वरूप क्या होगा। सेलेक्शन पहली परीक्षा पर होगा, दूसरी पर या फिर दोनों को मिलाकर होगा। यह तय नहीं हुआ है।
- आराधना पटनायक, सचिव, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग
जबकि इस नियमावली के आधार पर हुई बहाली में कई खामियां सामने आई थीं। इस वजह से अच्छे मार्क्स लाने के बाद भी सैकड़ों कैंडिडेट्स मेरिट में काफी पीछे रह गए। इस तरह नियुक्ति प्रक्रिया फिर से विवादों के घेरे में आ सकती है। इसको लेकर कैंडिडेट्स में भी ऊहापोह की स्थिति है.
नियमावली पुरानी, सेलेक्शन फाइनल
शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों का फाइनल सेलेक्शन पुरानी नियमावली के आधार पर तय हुआ है। इसमें जिक्र है कि टेट परीक्षा में पास होने के बाद छात्रों का मेरिट मैट्रिक, इंटर और ग्रेजुएशन के मार्क्स के आधार पर बनेगा। साथ ही टेट परीक्षा के प्राप्तांक और एकेडमिक परसेंटेज के आधार पर मेरिट तैयार होगा। फाइनल सेलेक्शन लिस्ट में जैक बोर्ड के अभ्यर्थियों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के छात्रों को मैट्रिक और इंटरमीडिएट में जैक बोर्ड के मुकाबले ज्यादा मार्क्स आते हैं। इस वजह से टेट परीक्षा में अच्छे मार्क्स लाने के बाद भी जैक बोर्ड के छात्र फाइनल सेलेक्शन में पीछे रह जाते हैं। पिछली बार शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में मेरिट को लेकर कई गड़बडि़यां सामने आई थीं। इसका विवाद अभी तक चल रहा है।
ख्0 नवंबर को है टेट परीक्षा
झारखंड एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन ख्0 नवंबर को होने वाला है। परीक्षा लेने की जिम्मेदारी झारखंड एकेडमिक काउंसिल को दी गई है। जैक बोर्ड के चेयरमैन अरविंद प्रसाद सिंह ने बताया कि टेट परीक्षा के आयोजन को लेकर तैयारी जोर- शोर से चल रही है। ख्0 नवंबर को झारखंड के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर जेटेट होगा। परीक्षा ढाई घंटे की होगी। क्भ्0 मार्क्स के ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस पूछे जाएंगे। जेनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों के लिए पासिंग मार्क्स म्0 परसेंट तय है। इसके अलावा रिजर्वेशन के छात्रों के लिए अलग- अलग मानक तय हैं।
सिलेबस तय, परीक्षा पर कन्फ्यूजन
जेटेट परीक्षा नियमावली में क्लास क्- भ् और म्- 8 के लिए सिलेबस तो तय है, लेकिन विभाग ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि टेट परीक्षा के बाद भी क्या कोई अन्य परीक्षा होगी। इसको लेकर कन्फ्यूजन बरकरार है। हालांकि शिक्षा विभाग नियमावली को संशोधित करने की तैयारी में है।
तो छंट जाएंगे कई कैंडिडेट्स
टेट परीक्षा के बाद यदि पुराने पैटर्न पर बहाली होती है, तो झारखंड बोर्ड के कैंडिडेट्स को मेरिट में आने के लिए सीबीएसई व आइसीएसई के कैंडिडेट्स से भारी कॉम्पटीशन का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में अधिकतर के छंट जाने की आशंका है। चूंकि झारखंड बोर्ड काउंसिल में कॉपी जांचने का तरीका और सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड में अलग- अलग है। तीनों बोर्ड में एकरूपता नहीं होने की वजह से मार्क्स भी अलग- अलग मिलते हैं। सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड के छात्रों ने क्00 में क्00 मार्क्स लाकर रिकॉर्ड कायम किया है।
क्या- क्या हुई थीं गड़बडि़यां
- जेटेट स्टेट लेवल पर हुआ, पर कैंडिडेट्स का मेरिट जिला लेबल पर बना।
- फर्जी टेट सर्टिफिकेट व एकेडमिक सर्टिफिकेट के आधार पर भी कई अभ्यर्थियों को नौकरी मिली.
- एक- एक कैंडिडेट्स ने कई जिलों में अप्लाई किया। नतीजन एक कैंडिडेट्स का सेलेक्शन कई जिलों में हुआ और बाकी सीटें खाली रह गई
- जिला लेबल पर फाइनल लिस्ट तैयार करने में अलग- अलग मानदंड अपनाया गया। नतीजन, कई योग्य अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से बाहर हो गए
- सीबीएसई, आईसीएसई व जैक बोर्ड के अभ्यर्थियों का मेरिट एक साथ मिलाकर तैयार हुआ।
वर्जन.
राज्य सरकार एक बार फिर बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक करने जा रही है। यदि पुरानी नियमावली के आधार पर शिक्षक बहाली हुई तो फिर झारखंड के योग्य अभ्यर्थी सेलेक्शन प्रॉसेस में फिर अंतिम पायदान पर पहुंच जाएंगे.
बजरंग प्रसाद, संयोजक, जेटेट पास पारा शिक्षक संघ
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पुरानी नियमावली जटिल है, इसमें कुछ सुधार की जरूरत है। हो सकता है कि जेटेट के बाद अभ्यर्थियों को एक परीक्षा फिर से देनी पड़े। लेकिन इसका स्वरूप क्या होगा। सेलेक्शन पहली परीक्षा पर होगा, दूसरी पर या फिर दोनों को मिलाकर होगा। यह तय नहीं हुआ है।
- आराधना पटनायक, सचिव, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग
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